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\ide usfm
\h मर्कूससे लिखो भओ सुसमाचार
\toc1 मर्कूससे लिखो भओ सुसमाचार
\toc2 मर्कूससे लिखो भओ सुसमाचार
\toc3 mrk
\mt मर्कूससे लिखो भओ सुसमाचार
\c 1
\cl अध्याय १
\v 1 जा परमेश्‍वरको पुत्र येशू ख्रीष्‍‍टको सुसमाचारको सुरुवात हए ।
\v 2 यशैया अगमवक्ताके किताबमे अइसो लिखो हए' ''देख, मै मेरो दूतके तिर अग्गु-अग्गु पठामङ्गो, जौन तेरो डगर तयार करैगो ।"
\v 3 "उजाडस्थानमे एक जनी चिल्लान बारोको आवाज, "परमप्रभुको डगर तयार करओ, बाके डगर सुध बनाबओ ।“
\v 4 यूहन्‍ना उजाड-स्थानमे बप्‍तिस्मा देतय और पाप-क्षमाके ताहिं पश्‍चात्तापको बप्‍तिस्माको प्रचार करतय आओ ।
\v 5 यहूदियाके पुरय इलाकासे और यरुशलेमके सबय आदमी बाके ठिन गए । बे अपन अपन पाप स्वीकार करतय बासे यर्दन नदियामे बप्तिस्मा लईं ।
\v 6 यूहन्‍ना ऊँटको बारसे बिनो लत्ता पैंधत रहए और करेहाँवमे खलरी को फेंटा बाँधत रहए, और बा टिंढा और बनको शहत खात रहए ।
\v 7 बा अइसे कहातय प्रचार करी, ''मिर पिच्छु कोइ आन डटो हए जो मोसे शक्तिशाली हए, और मय त बाको जूताको तनी लोहोक्के खोलनके योग्य फिर न हऔं ।
\v 8 मय तुमके पानी से बप्तिस्मा दव हऔं, पर बा तुमके पवित्र आत्मासे बप्तिस्मा देबैगो ।
\v 9 बे दिनमे येशू गालिलके नासरतसे आओ, और यूहन्‍नाद्वारा यर्दन नदियामे बप्तिस्मा लई ।
\v 10 जइसे येशू पानीसे निकरो, बा स्वर्ग उघरो, और पबित्र आत्मा कबुतरके रुपमे अपन उपर उतरत देखी ।
\v 11 और स्वर्ग से अइसो एक आवाज आओ, ''तए मिर प्यारो लउँड़ा हय, तोसे मै गजब खुसी हऔं ।"
\v 12 बक पिच्छु पबित्र आत्मा बाके उजाड-स्थानमे लैगओ ।
\v 13 बा शैतानद्वारा परीक्षित होतय चालिस दिनतक उजाड-स्थानमे रहो । बा जङ्गली जनावर संग रहो और स्वर्गदूत बाकी सेवा सत्कार करीं ।
\v 14 अब यूहन्‍ना पक्वड़ाव पड्के पिच्छु परमेश्‍वरको सुसमाचार प्रचार करतय येशू गालीलमे आओ ।
\v 15 और कही, ''समय पूरा हुइगओ हय, परमेश्‍वरको राज जौंड़े आईपुगो हए । पश्‍चात्ताप करओ और सुसमाचारमे विश्‍वास करओ ।
\v 16 गालील समुन्‍द्र किनारे जातैपेती बा सिमोन और बाको भइया अन्द्रियास के समुन्द्र मे जार डारत् देखि, काहेकी बे मछेरहा रहएँ ।
\v 17 येशू उनसे कही, "आबओ मेरे पिच्छु लागओ और मए तुमके आदमीनको मछेरहा बनामङ्गो ।
\v 18 तुरन्तय बे अपनी जार छोडीं और येशूके पिच्छु लग्गए ।
\v 19 जैसी येशू नेग्गे थोरी अग्गु पुगो, बा जब्दियाके दुई लउँड़ा याकूब और बाके भइया यूहन्‍नाके देखी, बे नैयाँमे बैठके जार थिगरत रहएँ ।
\v 20 बा उनके बुलाइलै, और बे बिनको दउवा जब्दिया के नैयाँ चलान बारेनसँग नैयाँमे छोडीं, और बाके पिच्छु लग्गए ।
\v 21 और बे कफर्नहुममे आए, और विश्रामदिनमे येशू सभाघरमे गओ और शिक्षा देन लागो ।
\v 22 बे बाको शिक्षामे अचम्मो मानी, काहेकि बा उनके शास्‍‍त्री जैसो ना, पर अधिकार भओ आदमी जैसो सिखान डटो रहए ।
\v 23 बहे समय सभाघरमे अशुद्ध आत्मा भओ एक आदमी रहए ।
\v 24 बा अइसो कहत् चिल्लान लागो, ''हे नासरतको येशू हमसे तोसे का लेनदेन? का तए हमके नाश करन आओ हए ? तय कौन हय कहिके मय चिनत हऔं । तय परमेश्‍वरको पवित्र जन हए ।"
\v 25 येशू अइसो कहतय बाके डाँटी, ''चुप लाग, और बक मैसे निकरजा ।"
\v 26 और अशुद्ध आत्मा बा आदमीके फत्फत्बाई, और बा अशुद्ध आत्मा बडो जोडसे चिल्लायके बा आदमी मैसे निकरगओ ।
\v 27 तव सब जनी अचम्मो मानी, और बे अइसे कहत अपनैमे सोधपुँछ करन् लागे, 'जा का हए ? अधिकारसहितको एक नयाँ शिक्षा ! बा अशुद्ध आत्मनके फिर आज्ञा करत हए, और बे बाको आज्ञा मानत हएँ ।"
\v 28 और जलदीय येशू को चर्चा गालीलके इलाकाके आसपास चारौ घेन फैल्गओ ।
\v 29 अब बा तुरन्त सभाघर से निकरके याकूब और यूहन्‍नाके सँगमे सिमोन और अन्द्रियास के घरमे गओ ।
\v 30 सिमोन की सास बुखारसे भरी रहए, और बे बाके बारेमें येशूके बाताईं ।
\v 31 जहेमारे, बा ढिंगै आएके बक् हात पकड़के बाके उठाई, और बुखार बाके छोड्दई । और बा बिनकी सेवा करन लागी ।
\v 32 बहे संझाके दिन डुबनसे पच्छु, आदमी बाके जउड़े बेमार और भुत लगेभए जम्मै के लिआईं ।
\v 33 पुरो शहरके घरके फाटक में जमा हुइगय रहएँ ।
\v 34 अनेक किसिमके रोग से दुखीभय बहुत बिमारीन के बा अच्छो करी, और बहुत भुतनके निकारी, पर भुत बाके चिनन् के कारन से बा उनके बोलन ना दई ।
\v 35 सुबेरे उजियारो होनसे बहुत अग्गु उठ्के बा बाहिर एकान्त ठाहोंमे गओ, और हुआँ प्रार्थना करी ।
\v 36 सिमोन और बाके सँग होनबारे बाके ढुड़तय गए ।
\v 37 बाके पाएके पिच्छु बे कहनलगे, “सब तुमए ढुँड़ रहे हएँ ।”
\v 38 तव बा उनसे कही, "हम जउँड़े के और सहरमे जामएँ, ताकि हुवाँ फिर मय प्रचार करन पामओं, काहेकी जहेक ताहीं मय आओ हऔं ।"
\v 39 बा उनके सभाघर में प्रचार करतय और भुतनके निकारतय सबय गालील भर गओ ।
\v 40 और एक जनी कोढ रोग लगो आदमी बाके ठिन आएके घुँटो टेक्के अइसे बिन्ती करी, “तुम इच्छा करैगे तव मोके अच्छो कर सकत हओ ।"
\v 41 येशू दयासे भरके अपनो हात बढाएके बाके छुई, और बासे कही, “मए इच्छा करत् हऔं, तय अच्छो हुइजा ।"
\v 42 बहे समयमे बाको कोढ रोग बासे हटीगओ, और बा अच्छो हुइगओ ।
\v 43 येशू बाके कडो आज्ञा दैके अइसे कहिके तुरन्त पठाई,
\v 44 "देख तय कोइसे मत कहिए, तय जाएके अपनय पुजारी ठिन दिखा, और मोशाको करो आज्ञा अनुसार बिनके गवाहीके रुपमे तिर शुद्धिकरणके ताहिं भेंट चढा ।"
\v 45 पर बा निकरके गओ, और बाके बारेमे खुल्लम खुल्ला प्रचार करन लागो, और येशू फिर सहेर में खुलेआम न जान पाई । जहेमारे, बा एकान्त ठाहोंमे रहो, और आदमी चारौं घेनसे बाके ठिन आए ।
\c 2
\cl अध्याय २
\v 1 कुछ दिन पिच्छु जब येशू कफर्नहुममे घुमके आओ, और आदमी बा घरमे हय करके सुनी ।
\v 2 और इतनो आदमी जम्मा भए, कि बाहुवाँ फाटक के बाहिर फिर कोइ ठाउँ ना रहए, और येशू उनके वचन प्रचार करी ।
\v 3 और कुछ आदमी बाके ठिन आए, जौन एक जनी पुरो लुन्जाके लान डटे रहएँ, चार जनी आदमी बाके बोके रहएँ ।
\v 4 भीड़ के कारन येशूके जौडे ना पुग पाइँ तव बे, बा आदमीके बा होनबारो ठाउँको उपरको छानी उतकीं और उत्को भओ ठाउँसे लुन्जाके बाको सोनबारी खटिया समेत तरे उतारदईं ।
\v 5 येशू उनको विश्बास देखके बा लुन्जा से कही, "ए लउँड़ा तेरो पाप क्षमा हुइगओ हए ।"
\v 6 पर हुवाँ बइठे भए कुछ शास्‍त्री मैसे बिनके मनमे अईसो विचार करीं ।
\v 7 “जा आदमी कइसे अइसो बोल सकत हए ? जा त ईश्‍वर-निन्दा करी । परमेश्‍वर बाहेक और कौन पाप क्षमा कर सकत हए ?“
\v 8 और बे आपसमे का सोचन डटे हएँ कहिके येशू तुरन्तय अपनो आत्मामे पता पाएके बा उनसे कही, "तुम अपने मनमे काहे अइसो विचार करत हओ ?"
\v 9 लुन्जा आदमीसे का कहन सजिलो हए, 'तेरो पाप क्षमा भओ' कहन कि 'उठ और अपन खटिया उठा और नेंग कहन ?"
\v 10 पर आदमीको पुत्रके पृथ्वीमें पाप क्षमा करनके अधिकार हय करके तुम जानौ ।“ तव बा लुन्जा से कही ,
\v 11 मय तोसे कहत हऔं , उठ अपनो बिछना उठा, और तए घरे जा ।“
\v 12 बा आदमी उठो और तुरन्तय अपन बिछना उठाई और सबय आदमीनके के अग्गुसे घर गइभओ । तहिमारे, सब जनी अचम्मो मानी, और बे परमेश्‍वरको महिमा दईं, और बे कहीं “हम त अइसो कबहू ना देखे रहएँ ।“
\v 13 बा फिर एक चोटी समुन्द्रके किनारे गओ और आदमीको एक गजब भारी भीड़ बाके ठिन आए और बा उनके शिक्षा देन लागो ।
\v 14 तव पिच्छु जातएपेति बा अल्फयसको लउँड़ा लेवीके कर उठानबारो ठाहोंमे बइठो देखी और बासे कही , मेरे पिच्छु लाग ।“ बा उठो और बाके पिच्छु लाग्गौ ।
\v 15 जब येशू लेवीके घरमे खानुखान बैठो रहए, कर उठान बारे गजब जनी और पापी फिर येशू और बाके चेलनकेसंग खानुखान डटे रहएँ, काहेकी बाके पिच्छु लागन बारे बहुत रहएँ ।
\v 16 जब शास्‍त्री, जो फरिसी रहएँ, बे येशूके पापीन और कर उठान बारेनसंग खानु खात देखीं, बे बाके चेलन से कहीं, "बा काहे पापीन और कर उठान बारेनसंग खाथ हए ?"
\v 17 जा सुनके येशू उनसे कहि, “ जो आदमी शरीरमे तगड़ो हए, बाके बैदाको जरुरत न पड़त हए, पर रोगिनके इकल्लो बैदाको जरुरत पड़त हए । मए धर्मीनके बुलान न आओ हऔं, पर पापिन के ताहीं आओ हऔं ।“
\v 18 यूहन्‍नाके चेला और फरिसी उपवास बैठे रहएँ । कुछ आदमी आएके बासे कहीं, "यूहन्‍नाके चेला और फरिसीके चेला उपवास बैठत हएँ, पर तुमरे चेला काहे उपवास बैठत न हएँ ?
\v 19 येशू उनसे कही, का दुलहा उनके सँग होनतक बरैतिया उपवास बैठत हएँ ? जब दुलहा उनके सँग होनतक बे उपवास न बैठ सकत हएँ ।
\v 20 पर समय अएहए , जब दुलहा उनसे उठाए लओ जयहए, बे दिनमे बे उपवास बैठङ्गे ।
\v 21 कोई फिर पुरानो कपड़ामे नयाँ कपडा को थिग्रा न लगात हएँ, औ नयाँ पुरानो से फटके निकरत हए, और फटो और बेकार हुईजात हए ।
\v 22 कोइ फिर नयाँ दाखरस पुरानो खलरीके मश्कामे न डारत् हएँ , नत बा दाखरस खालको मश्काके फुटाए देहए, और दाखरस और मश्का खराब हुईजय हएँ । पर नयाँ दाखरस नयाँ बरतनमे डारओ ।“
\v 23 एक विश्रामको दिन येशू अन्‍नको खेत हुइके गओ और बाके चेला नेगतै नेगत् अन्‍नके बाली तोड़न लगे ।
\v 24 जा देखके फरिसी बासे कहीं, "देख बे विश्रामके दिनमे जो करन ठीक न हए बहे काहे करन डटे हएँ ?“
\v 25 बा उनके कही, “जब दाउद और उनकेसंग होनबारे समस्यामे पड़े और भुक लागो समय बे का करीं कहिके का तुम कबही न पढे हऔ ?
\v 26 प्रधान पुजारी अबियाथार के होतय बा कइसे परमेश्‍वर के भवन भितर गओ और उपस्थितिको रोटी खाई, जो पुजारी से बाहेक औरन के खान ठीक न रहए, और कुछ रोटी बाकेसंग होन बारेनके फिर दई ?
\v 27 येशू कही , “विश्रामदिन आदमीनके ताहीं बनो रहए, आदमी विश्रामदिनके ताहीं ना ।
\v 28 जहे कारन आदमिनको लउँड़ा विश्रामदिनको फिर प्रभु हए ।“
\c 3
\cl अध्याय ३
\v 1 बा फिर सभाघर भितर गओ, और हुवाँ सुखो हात भओ एक आदमी रहए ।
\v 2 बा बाके विश्रामदिनमें अच्छो करेहए करके बाके दोष लगान कुछ आदमी बाको चूहा लेतरहएँ ।
\v 3 येशू सुखो हात भओ आदमी से कहि, “उठ और हियाँ सबयके बीचमे ठाड़जा ।"
\v 4 तव बा आदमिनसे कही, "विश्रामदिनमें अच्छो करन या खराबी करन्, जीवन बचान या मारन् कौन ठीक हए ?” पर बे चुप लागे रहे ।
\v 5 बिनके कठोर हृदयके कारन दु:खी होतय बा गुस्साएके आसपास उनके घेन देखी, और बहे आदमी से कही, “तेरो हात बढा ।” बा हात बढाई और येशू बाके हातके पहिलेको जैसे बनाइ दई ।
\v 6 तुरन्तय फरिसी निकरके गए और बे बाके मारन हेरोदसंग बाके विरोधमे षड्यन्त्र रचीं ।
\v 7 तव येशू अपन् चेलन संग समुन्द्र घेन गओ, और जब बे बा कररहो भओ सबय बात सुनी तव गालीलसे आदमीनकी बहुत भारी भीड़ बाके पिच्छु लागी ।
\v 8 यहूदिया, यरुशलेम, इदुमिआ, यर्दनपार और टुरोस और सिदोनके आसपाससे आए आदमीनको बहुत भारी भीड़ बाको अचम्मो काम के बारेमे सुनन बाके ठिन आए ।
\v 9 भीड़के कारन बा अपन चेलनसे अपने ताहीं एक छोटी नैयाँ तयार करन लगाई, ताकि बे बाके न चिब्दामय ।
\v 10 काहेकी बा बहुतन्के अच्छो करी । बहेमारे, कष्‍टमे परे भए बाके छूनके ताहीं हौसलासंग बाको जौने गए ।
\v 11 जब अशुद्ध आत्मा बाके देखत रहएँ, घुप्‍टा पड्के अईसे चिल्लात रहएँ, “तय परमेश्‍वरको पुत्र हए ।"
\v 12 बाके कोइ पहिचान न पामएँ करके बिनके बा कडो आज्ञा दई ।
\v 13 येशू डँगामें चढो, और बा अपने चाहन बारेनके बुलाई, और बे बाके ठिन आए ।
\v 14 बा बाह्रओं जनीके नियुक्त करी, (जौनके बा प्रेरित नाउँ दई), ताकि बे बाकेसंग रहन सिकएँ और बा बिनके प्रचार करन पठान सिकए,
\v 15 और भुतनके निकारन अधिकर होबए ।
\v 16 और बा जे बाह्र जनीके नियुक्‍त करीः सिमोन, जौनको नाउँ बा पत्रुस धरिरहए;
\v 17 जब्दियाको लउँड़ा याकूब और याकुबको भईया यूहन्‍ना, जौनके बा उनके बोअनर्गेश, या गर्जनको लउँड़ा करके नाउँ दई;
\v 18 और अन्द्रियास, फिलिप, बारथोलोमाइ , मत्ती, थोमा, अल्फयसको लउँड़ा याकूब, थेदियस, सिमोन कनानी,
\v 19 और यहूदा इस्करियोत जौन बाके धोका फिर दई ।
\v 20 तव येशू घरघेन गओ, और फिर बहुत भीड़ जम्मा हुईगई । जहेमारे, बा खानु खान तक फिर न पाई ।
\v 21 जब येशूके परिवारके जा सुनी, तव बाके लैजानके बे गए, काहेकि बे कहीं, "बाको मन ठिगानामे न हए ।"
\v 22 यरुशलेमसे आए भए शास्त्री कहीं, “ बाके बालजिबुलको भुत लगोहए" और "बा भुतनके मालिकद्बारा भुत निकारत हए ।”
\v 23 तव येशू बिनके अपने ठिन बुलाई और बिनके कहानीमे कही, “ शैतान शैतानके कैसे निकार सकत हए ?
\v 24 यदि कुई राजको अपनयमे फुट हुईहए तव, बा राज टिक न सकतहए ।
\v 25 यदि कुई घर अपनयमे फुट हुईहए तव, बा घर टिक न सकतहए ।
\v 26 और यदि शैतान अपनय विरुद्धमे खड़ो भव हए तव बा टिक न पयहए, पर बाको अन्त आयजात हए ।
\v 27 पर कोई फिर पहिले बली आदमीके न बाँधके बाके घरमे घुसन और बाको सम्पत्ति लूट न पएहय, बक पिच्छु बा बाको घर लुटैगो ।
\v 28 नेहत्य, मय तुमसे कहत हऔं, कि आदमीनको सन्ताननके सबय पाप क्षमा करो जयहए, बिनके करे सबय ईश्‍वर-निन्दा फिर क्षमा करे जयहएँ,
\v 29 पर पवित्र आत्माके विरुद्धमे करनबारो ईश्‍वर-निन्दा कबहु क्षमा न हुइहए, पर बा अनन्त पापको दोषी हुइहए ।
\v 30 येशू अइसे कही, काहेकी बे अइसे कहन डटे रहएँ "बाकेसँग अशुद्ध आत्मा हए । "
\v 31 बाकी अईया और बाके भईया हुवाँ आए, और बाहिरय ठाड़के बाके बुलान पठाईं ।
\v 32 एक भीड़ बाके आसपास बैठीरहए, और बे बासे कहीं, “देख तुमर अईया और तुमर भईया बाहिर हएँ, और बे तुमके ढुड़ रहे हएँ ।”
\v 33 बा उनके जबाफ दैके कही, मिर अईया और भईया कौन है ?
\v 34 और बाके आसपास चारौंघेन देखके बा कही, “देखओ, मिर अईया और मिर भैइया जेहीं हएँ ।
\v 35 काहेकी जौन परमेश्‍वरको इच्छा पालन करत हए, बेही मिर भईया और बहिनीया और मिर अईया हएँ ।”
\c 4
\cl अध्याय ४
\v 1 फिर बा समुन्द्रके किनारे शिक्षा देनलागो । बाके चारौघेन भीड़ यितनो भरी रहए की बा समुन्द्रमे भई एक नैयाँमे चढो और बामे बईठगओ । आदमी समुन्द्र के किनारेके ढाहोमे बईठे रहएँ ।
\v 2 और बा उनके कहानीमे बहुत बात सिखाई और बा सिकातपेति उनसे आईसे कही,
\v 3 "सुनौ 'देखओ, एक आदमी बीज बोनके निकरो ।"
\v 4 और बोत पेती कुछ बीज डगर में पड़ेे और चिरैचुरगनि आएके बा बिजके खाएडारीं ।
\v 5 और कुई बीज पथरिली जमीनमे पड़े, जहाँ बहुत मट्टी न रहए, और मट्टीकी गहेराई न हुईके, बे जल्दी जमिगए ।
\v 6 पर जब घामु एकदम जोडसे नीकरो और पिच्छु पिङगा डुङ्गए, जर न हुइके बे अइल्याए गए ।
\v 7 कुई बीज काँटोनके झाँङ्गन के बिचमे पड़े । काँटोनको झाँग बढे और पेंड़ बाँझे हुइगए, और बे कोइ फरा न फराईं ।
\v 8 पर कोई बीज अच्छी जमिनमे पड़े, और जमे और बढके तीस गुना, साठ गुना, और सय गुना फरा दईं ।
\v 9 और बा कही, “जौनको सुनन बारो कान हए, बा सुनए ।”
\v 10 जब येशू इकल्लो भओ, तओ बाके ढिंगइ के आदमी और बाह्र जनी चेला बा कहानीके बारेमे पुछीं ।
\v 11 बा उनसे कहि, “परमेश्‍वरको राजको भेद तुमके दवगओ हए, पर बाहिर बारेनके हरेक बात कहानीमे दवगओ हए ।
\v 12 जहेमारे, जब बे देखन त देखत हएँ, पर देख न पात हएँ, और जब बे सुनन त सुनत हएँ, पर समझ न पातहएँ, नत् बे पश्‍चात्ताप करते, और परमेश्‍वर बिनके क्षमा कर दित्तो ।”
\v 13 और बा उनसे कही, “ का तुम जा कहानी न समझे ? तओ और कहानीको अर्थ कैसे समझैगे ?
\v 14 बीज बोनबारो वचन बोत् हए ।
\v 15 बीज बोतय डगर घेन पडे कोइ बीज जेही हएँ । जब बे वचन सुनत् हएँ और तुरन्तय शैतान आत् हए और बिनमे बोओ भओ वचन छिनाएके लैचलो जात् हए ।
\v 16 अइसि करके पथरेली जमीनमे बोए भए जेहि हएँ, जब बे वचन सुनत् हएँ, तव बे जाके तुरन्तय खुशीसे ग्रहण करलेत् हएँ ।
\v 17 उनको अपनो जर नलगनके कारन थोरी देर तक बे टिकत् हएँ । जब वचनके कारन संकट औ सतावट आत् हए, तओ बे तुरन्तय ठेस खातहएँ ।
\v 18 काँटोके झाँगके बिचमे बोए भए जेहिं हएँ, जौन वचन सुनत् हएँ,
\v 19 पर संसारको चिन्ता और धनको लोभ और चीजको लालच आएके वचनके दबाए देत् हए, और बे न फरत हएँ ।
\v 20 अच्छी जमिनमें बोए भए जेहि हएँ, जौन वचन सुनत हएँ, जाके ग्रहण करत् हएँ, और फरा फरात हएँ और कोइ तीस गुना, कोइ साठ गुना, और कोइ सय गुना ।”
\v 21 येशू उनसे कहि, “का तुम दिया पजारके खटीया तरे धरन के ताहिं घर भीतर लात हओ ? तुम जाके लात हओ और आरेम धरत हओ ।
\v 22 कुई चीज लुकाएके न धर पयहएँ, जौन जानि न जाबए, और कोइ छिपी भई चीज न हए जौन खुलस्त न हुइ हए ।
\v 23 अगर कोई आदमीके सुननबारो कान हए, तओ बा सुनए ।”
\v 24 बा उनसे फिर कहि, “तुम जो सुनत हओ, काहेकी बहेमे ध्यान देओ । काहेकी जौन नापसे तुम नापत हओ, बहे नापसे तुमके फिर नापो जयहए, और बा तुमके और जद्धा दओ जयहए ।
\v 25 काहेकी जौनकेसंग हए, बाके और जद्धा करके दओ जयहए और जौनकेसंग न हए, बाकेसंग भओ फिर छिनो जयहए ।”
\v 26 येशू कही, “परमेश्‍वरको राज अईसो हए- कोई एक आदमी जमीनमे बीज बोत हए ।
\v 27 और बा रातमे सोत हए और दिन होतय उठत हए, रातदिन बा बीज जमत हए और बढत हए, तव बा कईसे बढत हए, बा न जानत हए ।
\v 28 जमीन अपनए अन्‍न ( फरा ) फरात हए, पहिले पिङ्गा तओ बाली, बक पिच्छु बालीमे पुरो दाना लगत हए ।
\v 29 जब अन्‍न पकजात हए, तओ तुरन्तय बा हँसियासे काटत् हए काहेकी कटनीको बेरा आएजात हए ।”
\v 30 बा फिर कहि, “परमेश्‍वरको राजको तुलना कौनसंग करएँ और कौन कहानी से जाको बयान करएँ ?
\v 31 जा त भादीको दाना जैसो हए, जो जमीनमे बोत् हएँ । पृथ्वीभरमे सब बीजसे छोटो है तहुँ फिर,
\v 32 जब बा बोत् हएँ, तव बा बढत् हए, और सब सागपातसे बड़ो होत हए, और बाके बडे बडे हाँगा होत हएँ, और बादरमे उडनबारी चिरईंया बाके छाहींमे घरघुस्ला बनात् हएँ ।
\v 33 बिनके समझन बारी बा अईसी बहुत कहानी कहिके उनके वचन सुनाई ।
\v 34 कहानी बिना बा उनसे कुछ न बताई । पर बा गुप्तमे होतय बा अपन चेलनके सबय बातको अर्थ खोलदई ।
\v 35 "बा दिन सन्झाके बा चेलन से कहि, "तालके बोपार जामएँ ।”
\v 36 तव भीड़से बिदा लैके पिच्छु, बा जौन नैयाँमे बैठो रहए बहेमे चेला बाके अपने सँग लईगए । और फिर नैयाँ बाकेसंग रहएँ।
\v 37 और बहुत भारी आँधी चली, और लडुरा नैयाँमें लड़न लगे, हियाँतक कि नैयाँमे पानी भरन लागो ।
\v 38 पर येशू नैयाँके पिच्छुके भागमे एक सिरहींन लगाएके सोतरहए । बे कहीं, “गुरुजी, हम मरन लगे तहुँ फिर तुमके चिन्ता न हए ?"
\v 39 और बा जगो और आँधीके डाँटी, और समुन्द्रसे कही, “शान्त हो और थमिजा ।“ और आँधी थमीगई और हुवाँ शान्त हुईगओ ।
\v 40 बा उनसे कहि, “तुम काहे डरात् हओ ? का तुमरसंग अभौ विश्‍वास न हए ?"
\v 41 बे बहुत डराई गए और आपसमे कहन लागे, “जा कौन हए काहेकि आँधी और समुन्द्र फिर यिनको कहो मानत हएँ ?”
\c 5
\cl अध्याय ५
\v 1 और बा समुन्द्रके बोपार गेरासेनस के मुलुक मे आओ ।
\v 2 येशू नैयाँसे बाहिर उतरके तुरन्तय मरघटसे अशुद्ध आत्मा लगो भओ एक आदमी बाके भेटी ।
\v 3 और बा मरघटमे बैठत रहए । कोई फिर साँकरसे बाके बाँध् न पात रहएँ ।
\v 4 काहेकी बाके बहुत चोटी किला और साँकरसे बाँधे रहएँ, और बा साँकरके खण्डी-खण्डा करदेत रहए । कोई आदमी बाके बसमें कर न पात रहएँ ।
\v 5 बा रात और दिन सदामान मरघट और डाँगामे चिल्लात अपनय के पथरा से काटतै नेगत रहए ।
\v 6 और जब बा येशू के दूरसे देखलै तओ दौड़के अओ, और बाके ढोक लागी ।
\v 7 और गजब जोड़से चील्लाएके बा कही, “हे सर्वोच्च परमेश्‍वरको पुत्र येशू मोसे तुमके का पड़ी हए ? मय परमेश्‍वरको कसम खाए के तुमसे बिन्ती करत् हऔं, कि मोके दुःख मतदेबए ।"
\v 8 काहेकी बा बासे कही, “ए अशुद्ध आत्मा, बा आदमी मैसे निकरके अईजा ।”
\v 9 और बा बासे पूँछी, “तेरो नाउँ का हए ?” तौ बा कहि, “मेरो नाउँ फौज हए, काहेकी हम बहुत हएँ ।"
\v 10 तव भुतात्माके बा ईलाका से बाहिर न निकारय करके बे बासे नहोरा पड़न लागे ।
\v 11 हुवाँ जाउँड़ेको डाँगामे सोराको एक बहुत भारी बगाल चुगत् रहए ।
\v 12 तव भूतात्मा अइसे कहिके बासे बिन्ती करीं, हमय सोरन के ठिन् जानदे, और हम बा भितर कुचङ्गे ।"
\v 13 बा उनके अनुमति दई, और अशुद्ध आत्मा बाहिर निकरके सोरनके भीतर घुसिगए, और लगभग दुई हजार सोरनको बा बगाल ढाहों मैसे समुन्द्र घेन हुरे, और समुन्द्रमे डूबके मरीगए ।
\v 14 और सोरा चुगानबारे भाजे, और सहर और गाउँ- गाउँमे खबर दईं । और का भओ हए, सो देखन आदमी हुँवा आए ।
\v 15 तव बे येशू ठिन आए, और देखिं की भुत लागो आदमी अच्छो मनसे कपड़ा लगाए बैठो रहए। बाके देखके बे डराईगए ।
\v 16 और जौन जे देखि रहएँ, बे भुत लगो आदमी और सोरनके का भओ रहए, बा बताएदईं ।
\v 17 और उनको इलाकासे चलो जा कहिके आदमी येशूसे बिन्ती करन लागे ।
\v 18 बा नैयाँमे घुसन् लागो तव भुत लागो आदमी बाके संग रहन ताहिं बिन्ती करी ।
\v 19 तव बा बाके अनुमति न दई, तव बासे कहि, “तय अपने घरमे जाएके तेरे संगीनके प्रभू तेरे ताहीं करो भओ महान् काम और तोके दिखाव भओ बडो दया के बारेमें बिनके बताएदे ।"
\v 20 और बा आदमी नेगिदई, और येशू बाके ताहीं कितनो बड़ो काम करीरहए बा डेकापुलिस भर प्रचार करन लागो, और सबय आदमी अचम्मो मानी ।
\v 21 जब येशू फिर नैयाँमे समुन्द्र के बोपार गओ, तव एक गजब भारी भीड़ बाके आसपास जम्मा हुईगए । बा त समुन्द्र के किनारे रहए ।
\v 22 सभाघरके शासक के बीचसे याइरस नाउँको एक जनी बाके ठिन आओ, और बाके देखके बाके पावमे घुप्‍टा पड़िगौ,
\v 23 और अइसे करके बिन्ती करी, “मेरी छोटी लउँड़िया मरन् लगी हए, आएके बाके ऊपर तुम हात धरदेबौ, तव अच्छी हुईजय हए और बचीजए हए ।"
\v 24 तव येशू उनके संग गओ । एक बडी भीड़ बाके पिच्छु लागी और आदमी बाके आसपास ढकेला ढकेली करनलागे ।
\v 25 और बाह्र वर्ष से रगत बहन बारो रोग बारी एक बईयर बहुँआ रहए ।
\v 26 बा बहुत बैदनके हातसे बहुत कष्‍ट पाएके, अपन सँग भओ सबय धनसम्पति खर्च करके अच्छि न भई बलुक और खराब हालतमे पुग्गई ।
\v 27 पर बा येशूके बारेमे सुनी रहए, और भीड़के पिच्छुसे आएके बाको कुरता बा छुई ।
\v 28 काहेकी बा मनए मनमें कहि मै बाको कुरता छुइलेहौं तव मय अच्छो हुईजाए हऔं ।
\v 29 और तुरन्त बाको रगत बहन बन्द हुईगओ और अपनो शरीरको रोग अच्छो भओ करके पता पाएगई ।
\v 30 अपने मैसे शक्ति बाहिर निकरो झट्टए येशू पता पाएके भीड़में पिच्छु घमके पुछीं, “कौन मेरो लत्ता छुइहए ?"
\v 31 चेला बासे कहिं, “भीड़ ढकेला ढकेली करत तुम देख्तै हऔ । और तहूँ फिर तुम कहत् हऔ, “कौन मोके छूओ ?"
\v 32 बाके छुन बारो कौन हए, करके बा चारौघेन देखन लागो ।
\v 33 तव अपनक जो भओ रहए, बा पता पाएके बा बैइयर डराएके थर थरत आएके येशूके अग्गू घोप्‍टा पड़िगै, और बा सबय सच्ची बात बताईदई ।
\v 34 "तव बा बासे कही "ए लउँड़िया, तिर विश्‍वास तोके अच्छो करी हए । शान्तीसे जा । तेरो रोग अच्छो हुईगओ हए ।”
\v 35 तव बा बोलतपेती, शासकके घरसे आदमी आएके कहीं, तुमरी लउँड़िया त मरिगै । गुरुजीके अब कष्‍ट काहे देत हऔ ?”
\v 36 पर बे कहि भई बातमे ध्यान न दैके येशू सभाघरके अगुवासे कही, “मत डराबै, विश्‍वास इकल्लो कर ।"
\v 37 और बा पत्रुस, याकूब और याकूबको भईया यूहन्‍नासे बाहेक और कोईके अपनेसंग आनके अनुमति न दई ।
\v 38 बे सभाघरके शासकके घरमे आए, और बा खैला बैला करनबारे, और रोनबारे और बहुत जोड्से बिलकात देखी ।
\v 39 भीतर कुच्के बा उनसे कही, “तुम काहे खैला बैला करत् हओ और रोतहओ ? लौणिया मरी न हए, बा सोए रहि हए ।"
\v 40 तव बे बाकी बात सुन्के हसीं । तव बा उनके सबके बाहिर निकारी, और लौणियाक दउवा और अईया और बाकेसंग होन बारेनकेसंगमे लइके लउँड़ियाके ठाउँमे भीतर गओ ।
\v 41 और लउँड़ियाक हात पकडके बा बासे कही, “तलिता कूमी, “जौनको अर्थ हए, “ए बालिका, मै तोसे कहत् हओं उठ् ।"
\v 42 और लौणिया तुरन्तै उठीगै और नेगन् लागी ( बो बह्रा बर्षकी रहए ) । और बहे समय बे अचम्मो मानी ।
\v 43 बा उनसे कहि जा कोई पता न पामएँ कहिके कडो आज्ञा दई । और बालिकाके कुछ खान देओ करके बिनसे कही ।
\c 6
\cl अध्याय ६
\v 1 बा हुवाँ से निकरके बा अपने गाउँमे घुमो । बाके चेला बाके पिच्छु लागे ।
\v 2 विश्रामदिनमे बा सभाघरमे सिकान लागो । बहुत जनी सुननबारे अचम्मो मानके कहीं, “जा आदमी जा सब कहाँसे पाई ? जाको दव जा ज्ञान कईसो हए ? जाके हातसे करे भए काम कित्तो शक्तिशाली ?
\v 3 का जा बहे बडही न हए ? का जा मरियमको लउँडा और याकूब, योसेफ, यहूदा और सिमोनको ददा न हए ? का जक बहिनिया फिर हमरी सँग न हएँ ?” और बे बासे चिरक पड़े ।
\v 4 तौ येशू उनसे कहि, “अगमवक्तन के अपनो देश और अपने नातेदारनके बीचमे और अपने घरमे बाहेक अन्तय कहूँ अनादर न होत् हए ।
\v 5 और बा हुवाँ कोई कोई रोगीन ऊपर अपने हात धरके उनके अच्छो करनके अलाबा और कोई शक्तिशाली काम न करन पाई ।
\v 6 उनको अविश्‍वास देखके बा अचम्मो पड़िगौ । और बा गाउँ गाउँमे सिखातै चलोगौ ।
\v 7 7 बा बाह्र जनीके अपने ठीन बुलाई और बिनके दुई दुई करके पठाई । बिनके अशुद्ध आत्मा उपर अधिकार फिर दई ।
\v 8 उनके बा अइसो आज्ञा दई: “यात्राके ताहींसंगमे कुछ मत लियौ, न त रोटी, न झोला, न गोझामें पैसा, पर एक लट्ठी जारुर लिऔ,
\v 9 जुता लागैओ, पर और जद्धा लत्ता मतलिओ ।”
\v 10 बा उनसे कहि, “जब कोई घरमे घुसैगे, जबतक बा गाउँसे न निकरैगे तबतक हुवाएँ बैठियो ।
\v 11 अगर कोई ठाउँमें तुमए स्वागत न हुईहए तव और आदमी तुमरो वचन सुनन् ईन्कार करहएँ तव‍, बा ठाउँसे तुम निकरके उनके विरुद्धमे गवाहीके ताहिं अपने पाँवको धुधर झार दिओ ।"
\v 12 तव बे बाहिर निकरके गए और आदमी अपन पापसे पश्‍चात्ताप करके लौट आमएँ कहिके प्रचार करीं ।
\v 13 बे बहुत भुतनके निकारीं, और बहुत रोगीनके तेलसे अभिषेक करके अच्छो करीं ।
\v 14 हेरोद राजा येशूके बारेमे सुनी, काहेकी बाको नाउँ प्रचलित हुईगओ रहए । कितनो कहात रहएँ, “बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍ना मरके जिन्दा हुईगओ हए, जहेमारे त उनसे अइसो शक्तिके काम हुइ रहो हए ।
\v 15 "तव और कहीं, “जा एलिया हए ।” और कहिं, "जा त पुरानो समयके अगमवक्ता हानी एक अगमवक्ता हए ।"
\v 16 पर जब हेरोद जा सुनी तव उनसे कही, “यूहन्‍ना, जौनको मुड मय काटनके लगाओ, बहे जिन्दा हुईगओ हए ।"
\v 17 काहेकी हेरोद अपने भईया फिलिपकी बैइयर हेरोदियासके कारन यूहन्‍नाके पकणन लगाएके बाके बाँधके जेलमें डारिरहए, काहेकी बा हेरोदियाससे बेहा करी रहए ।
\v 18 काहेकी यूहन्‍ना हेरोदसे अईसे कहिरहए, “अपनी भईयाकी बैइयर के अपनी बैइयर बनान तोके ठीक न हए ।"
\v 19 जहेमारे हेरोदियास बाके ऊपर रीस धरेरहै, और बाके मारन चाहत रहए, पर मारन न सिकी रहए ।
\v 20 काहेकि यूहन्‍ना एक धर्मात्मा और पबित्र आदमी कहत रहएँ, हेरोद बासे डरात रहए, और बाके सुरक्षित करे रहए । यूहन्‍नाको शिक्षा सुनके बा बहुत अचम्मो मानत रहए, और खुशीसे सुनत रहए ।
\v 21 तव अच्छो मौका बा समय आईगओ, जब हेरोद अपनो जनम दिनमे अपने ऊँचेपदके पदाधिकारिन, अधिकृतनके, और गालीलके मुखिया-मुखिया आदमीनके बहुत भारी पाटीदई ।
\v 22 काहेकी जब हेरोदियासकी अपनी लौंडिया भीतर आएके नाची, तौ बा हेरोद और उनके पाहुनन्के खुशी करदई । तव राजा बा लौंडियासे कहि, “तोके जो इच्छा लागत हए बो माग, और मय तोके देऔं ।”
\v 23 बा कसम खाएके बासे कहि, तय मोसे जो मागैगो मय मेरो आधो राजतक तोके देमङ्गो ।
\v 24 और बा बाहिर निकरके अपनी आईयासे पूँछी, “मय का माँगौं ?” बा कहि, “बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍नाको मुँड़ ।"
\v 25 तव बा दौरके जल्दीसे भीतर राजा ठीन आई, और आइसे करके माँगी, “ तुम मोके हबाए बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍नाको मुँड थारीयामे देबौ करके मय ईच्छा करत हऔं ।”
\v 26 राजा बहुत दुखी हुईगऔ, तव बा अपनो कसम और पाटीमे बैईठन बारे पाहुनन्के कारन बा लौंडियाके दओ बचन तोड़ नपाई ।
\v 27 राजा तुरन्त गारदको एक जनी सिपाहीके पठाई और यूहन्‍नाको मुँड़ लानके हुकम दई । और बा जेलमे गौ यूहन्‍नाको मुँड़ काटी,
\v 28 और बाको मुड़ थरीयामे लाएके लौंडियाके दई, और बा लौंडिया अपनी आईयाके दई ।
\v 29 यूहन्‍नाके चेला जब जा बात सुनी तव बे आएके बाको लहास उठाएके मरघटमे लैजाएके गाड़ी ।
\v 30 और प्रेरित येशूके ठिन जमा भए, और बे जो जो करी रहएँ और सिकाई रहएँ, बे सब बाके बताइ दईं ।
\v 31 बा उनसे कहि, “तुम अपनए मिरसंग एकान्त ठाउँमें आओ, और कुछ थकाई मारौ । ”काहेकी हुवाँ आनजानबारे बहुत रहएँ, और बाके खान तक फुर्सत न रहए ।
\v 32 और बा नैयाँमे चुप्पए एकान्त ठाउँमे गओ ।
\v 33 पर बहुत आदमी बिनके जात देखीं, और बिनके चिन्लै, और बे सबय सहेरसे पैदर दौडत उतय गए, और बाके अग्लेछा बा ठाउँमे पुगे ।
\v 34 जब बा किनारे उतरो तव बा एक बहुत भारी भीड़ देखी, और बा उनके डहा करी । काहेकी बे बक्रेराह बिनाके भेडा कता रहएँ । और बा बिनके बहुत बात सिकान लागो ।
\v 35 और जब दिन बहुत ढरको तव बाके चेला बाके ठीन आएके कहीं, “जा एकान्त ठाउँ हए, और अब दिन बहुत ढरक गओ ।
\v 36 आदमीनके बिदा देओ, और बे आसपासके बस्ती और गाँवमें जाएके अपने ताहिं कुछ खानबारो चीज किन सिकएँ ।”
\v 37 तव बा उनसे कहि, “तुमही बिनके कुछ खानके देओ ।” तव बे बासे कहीं, “का हम जाएके दुई सय दीनारको रोटी किनके बिनके खान देमए का ?"
\v 38 बा उनसे कहि, “तुमर सँग कित्तो रोटी हएँ ? जाएके देखओ ।” और पत्ता लगाएके पिच्छु बे कहीं, “पाँच रोटी और दुई मछरी ।”
\v 39 और बा आदमीनके हरो चउरमें दल बाँधके बैठन हुकुम करी ।
\v 40 बिनके सय-सय और पचास-पचासके लईन लगाएके बैठाईं ।
\v 41 तव बा पाँच रोटी और दुई मछरी लैके स्वर्ग घेन देखके आशीर्वाद दई, और बा रोटी तोड़ी और आदमिनके आगु धरदै और चेलनके दई, और बे दुई मछरी फिर बा सबय जनीके बाँटन दई ।
\v 42 और बे सबय खाईं और तृप्त हुईगए ।
\v 43 पिच्छु चेला रोटी और मछरीके उबरे ख़ुदरा खुदरी बाह्र डलैया भरके उठाईं ।
\v 44 रोटी खानबारे लोग पाँच हजार रहएँ ।
\v 45 और बा तुरन्त अपनो चेलनसंग नैयाँमे चढ्के बोपार बेथसेदामें बा अपनेसे अग्गु जानके कही, और उतियखिन बा भीड़के बिदा दई ।
\v 46 उनसे बिदा हुईके बा डाँगामें प्रार्थना करन गओ ।
\v 47 सन्झा हुईगओ, और अब नैयाँ समुन्द्रके बिचमे रहए, और बा इकल्लो जमीनमे रहए ।
\v 48 चेलनके नैयाँ चलान कररो होतय बा देखी, काहेकी आँधी चलन डटी रहए । तीन बजे सुबेरे बा उनके ठीन समुन्द्र में नेगत आओ, और उनसे अग्गु जान लागो रहए ।
\v 49 बे बाके समुन्द्र उपर नेगत देखके प्रेत हए कहिके, और चिल्लान लागे ।
\v 50 काहेकी बाके देखके सब डराईगय रहएँ । तव झट बा उनसे कहि, “हिम्मत बाँधओ । मय हऔं । मत डराबौ ।”
\v 51 और बा उनके सँग नैयाँमे चढिगौ, और आँधी थमिगै । और बे एकदम अचम्मित भए,
\v 52 काहेकी बे रोटीके बारेमे बात सम्झी न रहएँ, पर बिनको हृदय कठोर हुईगओ रहए ।
\v 53 समुन्द्र पार करके पिच्छु बे गनेसरेतके मुलुकमे आए पुगे, और बे नैयाँके किनारे लगाईं ।
\v 54 जब बा नैयाँसे निकरन भौ खिनक आदमी येशूके चिन्लैं,
\v 55 और आसपास के जम्मा गाउँके बे दौरत, और जहाँ येशू हए करके सुनी बा हुवाँ बेमारिनके बिछौनामें धरके लान्लागे ।
\v 56 और गाउँमे, सहरमे और बस्तीमें जहाँ जहाँ बा गओ, आदमी रोगिन के बजार बजार धरदईं, और बाके पिछौडाके किनारे खाली छुन पामएँ करके बे बासे बिन्ती करीं, और जीत्तो छुईं बे सब अच्छे हुइगए ।
\c 7
\cl अध्याय ७
\v 1 यरूशलेमसे आए भए फरिसी और शास्‍‍त्री येशूके चारौ तरफ जम्मा हुईगए ।
\v 2 येशूके कित्तो चेला अशुद्ध हात और न धोएके हातसे खात बे देखिं ।
\v 3 फरिसी और सब यहूदीनके पुर्खान दओ परम्परा अनुसार हात न धोए के खानु खात न रहएँ ।
\v 4 बजारसे आएके हँदाएके शुद्ध न भए तक बे खानु न खात रहएँ । इतकए इकल्लो नाएकि, बे आईसे बहुत परम्परा मानत रहएँ । कटोरा, भाड़ा और काँसोके वर्तन धोनक परम्परा ।
\v 5 तव फरिसी और शास्‍‍त्री बासे पुछीं, “तुमर चेला पिता-पुर्खाको धरो परम्परामे काहेना चलतहएँ, और अशुद्ध हातसे खातहएँ ?”
\v 6 तव बा उनसे कही, “यशैया तुमए कपटीनके बारेमे ठिक अइसे अगमवाणी करी, अइसो लिखो हए, “जा जाति मोके ओठसे इकल्लो आदर करत् हए, और उनको ह्रदय मोसे दूर हए ।
\v 7 बे व्यर्थमें मेरो उपासना करत् हएँ, और उनको शिक्षा आदमीके सिकाओ विधि इकल्लो हए ।”
\v 8 तुम परमेश्‍वरको आज्ञाके छोडके आदमीनको परम्परा मानत् हऔ ।"
\v 9 बा उनसे कहि, “तुम अपन परम्परा मानन् ताहिं कित्तो अच्छेसे परमेश्‍वरको आज्ञाके टारदेत हऔ ।"
\v 10 काहेकि मोसा कहि हए, “अपन आईया-दऊवाके आदर करौ, और जो अईया-दौवाके बिरुद्ध खराब बोलैगो बाके मरनय पड़ैगो ।”
\v 11 "यदि कुई आदमी दऊवा औ अईया "मोसे जो-जीत्तो सहायता तुमाए मिलन पणैगो बा कुर्बान हए, { औ परमेश्‍वरके चढऔ } कहात हएँ ।"
\v 12 और तुम उनके अपन अईया-दऊवाके ताहिं फिर कुछ करन न देत हए ।
\v 13 अइसे तुम अपनो चलिआओ परम्पराके कायम रखके परमेश्‍वरको वचन के रद्ध करत् हओ । और आइसे अनेक काम तुम करत् हओ ।”
\v 14 बा आदमिनके फिर अपन ठीन बुलाएके उनसे कहि, “तुम सब मेरी बात सुनौ और समझौ ।
\v 15 अइसी कोई बात न है जो बाहिरसे आदमिनके भीतर घुसके अशुद्ध करपय हए, पर आदमीसे बाहिर निकरत है बेहि बात आदमीके अशुद्ध करत हए ।
\v 16 जौनको सुनन कान हए बा सुनएँ ।”
\v 17 आदमीन छोडके घर भीतर घुसके पिच्छु बाके चेला बासे कहानीके बारेमे पुछीं ।
\v 18 बा उनसे कहि, “का तुम हबए और न सम्झे हओ ? जो बाहिरसे आदमीके भीतर घुसत् हए बा बाके अशुद्ध न करत् हय करके तुम न जानत् हओ ?
\v 19 काहेकि बा बाके हृदयमे न, पर पेटभितर घुसत, और बाहिर निकरत हए । आइसे बा सब खानु शुद्ध हए करके बताएदई ।
\v 20 बा कहि, “आदमीसे जो बाहिर निकरत हए बा आदमीनके अशुद्ध करत हए ।
\v 21 काहेकि भीतरसे औ आदमीक ह्रदय खराब विचार, व्यभिचार, चोरी, हत्या, परस्‍‍त्रीगमन,
\v 22 लोभ, दुष्‍टता, छल, छाडापन, ईष्या, निन्दा, घमण्ड, मुर्खता निकरत हए ।
\v 23 जे सब दुष्‍ट बात भीतरसे निकरत हएँ, और आदमीके अशुद्ध करत हएँ ।
\v 24 हुवाँ से उठके बा टुरोस और सिदोनके सीमा घेन जाएके एक घरके भीतर घुसो । जा बात कुई पता न पामए करके बा चाँहत रहए, तव बा लुकाय न पाई ।
\v 25 बहे बेरा एक बैयर बाके बारेमे सुनी और आएके बाके पाउमे पड़ी । बा बईयरकी लउँड़िया के अशुध्द आत्मा लगो रहए ।
\v 26 बा सिरिया फोनिकेमे जन्मी एक ग्रीक बैयर रहए । बा बईयर अपन लऊड़ियाक भुत निकारदे करके बासे बिन्ति करी ।
\v 27 बा बासे कहि, “पहिले लउँड़ा-लउँड़ियन के खान देओ, काहेकी लउँड़ा-लउँड़ियक रोटी लैके कुत्तनके अग्गु फेक्नो ठीक न हए ।"
\v 28 तव बा बासे कहि, “हे प्रभु , तव कुत्तओ ता फिर लउँड़ा-लउँड़ियक टेबुल तरेके डुठो बिनके खातहए ।”
\v 29 बा बासे कहि, “तय अइसो कहोके कारन तए घरे जा । तिर लउँड़िया भुत निकर गओहए ।
\v 30 तव बा अपन घर लौटके गई और लउँड़ियाके खटीयामे सोत पाई और भुत बासे निकरगओ रहए ।
\v 31 टुरोसको इलाका से निकरके बा सिदोन हुईके डेकापोलिसको सिमानाके बिच हुईके गालील-समुन्द्रमे गओ ।
\v 32 हुवाँ आदमी एक बहिरा और लाटा आदमीके बाके ठीन लियाईं, और बाके ऊपर हात धरदे करके बासे बिन्ती करीं ।
\v 33 बाके भिडसे अलग एकन्तमे लइगओ येशू अपन उङ्गरी बाके कानमें लगाई । तओ पिच्छु थुक्के बाकी जीबमें छुई ।
\v 34 "और स्वर्ग घेन देखके लम्मी सास लइके बासे कहि, “ईफ्फाता,” जौनको अर्थ हए "खुलिजा ।”
\v 35 उतियखिन बक कान खुलिगौ, और बाकि जीबको बन्धन खुलिगौ, और बा सफासे बोलन लगो ।
\v 36 "जा कोईसे मत कहिओ,” करके बा उनके आज्ञा दई । तौ जित्तो-जित्तो बा आदमिनके आज्ञा देतरहए, और जद्धा उत्साहसाथ बे जाको प्रचार करत रहएँ |"
\v 37 आदमी अचम्मो मानके छक्क पड़त रहएँ, और कहन लागे, “बा सब चीज अच्छो करीहए। बा बहिरन सुनन और लाटन मसकन बारो फिर बनाई ।”
\c 8
\cl अध्याय ८
\v 1 बे दिनमें फिर एक भारी भीड़ जम्मा हुईगओ, तव उनके ठिन खानबारो चीज कुछ न रहए । तव येशू चेलनके अपने ठिन बुलाएके कही,
\v 2 "जा भीड़के मोए डहा लागत हए, काहेकि जे मीर सँग रहत् तीन दिन हुईगओ, और यिनकेसँग खानबारो चीज कुछ न हए।"
\v 3 और अगर इनके भूखे घर पठाएहएँ, तव जे डगरमें बेहोस हुईजए हएँ । इन्मैसे कुई-कुई दुरसे अएहएँ।"
\v 4 बाके चेला बासे कहिं, “जा सुनसान ठाउँमे यिनके कहाँ से रोटी खबामएँ ?”
\v 5 "बा उनसे कही, “तुमरे ठिन कय रोटी हएँ, ?” बे कहि, “सात हएँ ।"
\v 6 बा भिणके भिमे बैठन हुकुम दई, सात रोटी हातमे लई और धन्यबाद दईके रोटी तोरी और आदमीन अग्गु धरनके चेलनके दई, और बे आदमीक अग्गु धरदईं ।
\v 7 बिनके ठिन कुछ छोटी छोटी मछरी फिर रहएँ, और बा आशीर्बाद दईके बहु फिर उनके अग्गु धरन लगाई ।
\v 8 और आदमी खाएके अघाए गए । और उबरो खुदरा बे सात डालैय बटोरीं ।
\v 9 बहुवाँ लगभग चार हजार आदमी रहएँ ।
\v 10 बा उनके बिदा करके पठाई, और बा फिर अपन चेलनसंग तुरन्त नैयाँमे चढ्के दलमनुथाके क्षेत्रमे गओ ।
\v 11 फरिसी बाके ठिन आएके बासे बहस करन लगे, और बाके परीक्षा करन ताहिं स्वर्गसे एक चिन्ह मागीं ।
\v 12 अपन आत्मामें लम्मो सास लईके बा कहि, “जा पुस्ता काहे चिन्‍ह ढुणत हएँ ? पक्कय, मए तुमसे कहत हऔं जा पुस्ताके कुई चिन्‍ह न मिलेहए ।"
\v 13 और उनके छोडके बा फिर नैयाँमें चढ्के बोपार गओ ।
\v 14 चेला अपनसंगमे रोटी लैजान भूलगए, और नैयाँमे बिनके सँग एकय रोटी रहए ।
\v 15 "येशू चेलन के अईसे करके चेतावनी दई, “तुम फरिसीनको खमीर और हेरोदके खमीरसे होशियार रहिओ ।"
\v 16 तव बे सँगमे रोटी न हए बहेमारे येशू कही हए, करके बे आपसमे बहस करन लगे ।
\v 17 येशू जा पता पाए के बिनसे कहि, “तुमर सँग रोटी न हए, तव काहे तुम बहस करत हओ ? का तुम हबाए फिर देखत न हओ और जानतउ न हओ ? का तुमरो मन कठोर हुईगव हए ?
\v 18 तुमरसंग आँखी हए तहूँ फिर देखत न हओ ? कान हए तहूँ फिर सुनत न हओ ? का तुमए याद न हए।
\v 19 "जब मय पाँच रोटी बे पाँच हजारके बीचमे तोरो रहऔं, तव कित्तो डलैया खुदरा खुदरी तुम बटोरे रहओ ?” बे बासे कहीं, "बाह्र ।”
\v 20 और जब मय सात रोटी चार हजारके बीचमे तोरो रहऔं, तव कित्तो डलैया बटोरे रहओ ?” बे बासे कहिं, "सात डलैया ।"
\v 21 बा उनसे कहि, “का तुम हबए भी न समझत हओ ?
\v 22 तव पिच्छु बा बेथसेदामे आओ, और आदमी एक अन्धरा आदमीके बाके ठिन लाईं, और बाके छुइदेबय करके बासे बिन्ती करीं ।
\v 23 येशू बा अन्धरा आदमीके हात पकडी और बाके गाउँसे बाहिर लैगओ, और बाके आँखीमे थुकके, बाके उपर अपन हात धरी और बासे पूँछी, “का तए कुछ देखत हए ?”
\v 24 और उपर देखके बा कही, “मए आदमीनके रुखा कता नेगत देखत हऔं ।"
\v 25 तव बा फिर बाके आँखीमे हात धरी, और एक टक लागएके देखी बा अपन दृष्टि फिर से पाएगओ और सब चीज सफासे देखन लागो ।
\v 26 तव येशू बाके गाउँ हुईके न जानके हुकुम करके बाके घर पठाई ।
\v 27 येशू अपन चेलनसंग कैसरिया फिलिप्पीके गाउँमे गओ । डगरमें जातैजात बा अपन चेलनसे अइसे करके पुँछी, “आदमी का कहत् हएँ, मए कौन हऔं ?"
\v 28 बे बासे कहीं, “कोई कहत हए 'बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍ना ।” और कोई 'एलिया, और कहीं 'अगमवक्ता मैसे एक जनी' हए ।”
\v 29 तव बा उनसे पूँछी, “पर तुम का कहत हौ, “मए कौन हऔं ?” पत्रुस उत्तर दैके बासे कहि, “ तुम ख्रीष्ट हऔ ।"
\v 30 येशू बाके बारेमे कोईके मत कहिओ करके बिनके चेतावनी दई ।
\v 31 बा आदमीके पुत्रके बहुत दुःख भोगन, और धर्म-गुरुसे, मुखिया पुजारीसे और शास्त्रीसे इन्कार करनो और मरनो और तीन दिन पिच्छु जिन्दा हुईके उठ्नो आवश्यक हए " करके बा उनके सिकान लागो ।
\v 32 अइसे बा जा बात साफ साफ कहन लागो । तव जा सुनके पत्रुस बाके एकघेन लैजाएके झड्कन लागो ।
\v 33 तव घूमके अपन चेलनके देख्के पत्रुसके बा अइसे करके डाँटी, “शैतान मिर ठीनसे हटीजा, काहेकी तेरो मन परमेश्‍वर घेन न हए, आदमी घेन हए ।"
\v 34 तव बा अपन चेलनकेसंगमे भीड के अपने ठिन बुलाएके उनसे कही, “कुई आदमी मिर पिच्छु लागन इच्छा करत हए, तव अपनएके इन्कार करए, और अपनो क्रूस उठाएके मेरे पिच्छु लागए ।
\v 35 काहेकी जौन अपन प्राण बचानके इच्छा करत हए, बा बाके खोबईगो, पर मेरे और सुसामाचारके ताहिं अपन प्राण गुमएहए बा बाके बचाबैगो ।
\v 36 काहेकी आदमी सबय संसार पाएके अपनो प्राण गुमाएके बाके का फाईदा हुईहए ?
\v 37 और आदमी अपनो प्राणके बदलामे का देन सिकैगो ?
\v 38 और जा व्यभिचारी और पापी पुस्ता जो मोए देखके और मिर वचनसे शर्माए हए, आदमीको पुत्र फिर अपन पिताके महिमामे पवित्र स्वर्गदूतसंग आत बासे शर्माबैगो ।”
\c 9
\cl अध्याय ९
\v 1 "और बा उनसे कही, "नेहत्य, मए तुमसे कहत हऔं, हिंया ठाढे भए मैसे कोई-कोई हएँ, जौन परमेश्‍वरके राज शक्तिमे आओ न देखेतक् कोई किसिमसे मृत्यु न चखाङ्‍गे ।"
\v 2 बाको छय दिन पिच्छु येशू पत्रुस, याकुब और यूहन्‍नाके बा अपन सँग लई और एक उँचे पहाड़में लईगओ । हुवाँ बेही इकल्ले रहएँ, और बिनके अग्गु बाको रूप बदलगओ ।
\v 3 और बाको कपडा चमकन लागो और इत्तो सेतो भओ, कि पृथ्वीमे कोई फिर धोएके इत्तो सेतो न करपएँ हएँ ।
\v 4 हुवाँ बिनके ठिन एलिया और मोशा दिखाइदईं, और बे येशूसे बातचीत करत रहएँ ।
\v 5 "पत्रुस येशूसे कहि, “गुरुजी हम हियाँ हएँ तव अच्छो भओ । हम हियाँ तीन बासस्थान बनामएँ, एक तेरे ताहीं, एक मोशाके ताहिं और एक एलियाके ताहीं ।
\v 6 बे गजब डरके मारे बे का कहामएँ तव बे न जानी ।
\v 7 "और एक बादर आएके बिनके तोपदै, और बादरसे एक आवाज निकरो, “जा मिर प्यारो पुत्र हए, तुम बाको वचन सुनिओ ।"
\v 8 और झट आसपास देखके बे अपन सँगमे येशूके अलाबा और कोइके न देखीं ।
\v 9 बे पहाड़से उतरतपेती येशू उनसे कही, “जबतक आदमीको पुत्र मरके जिन्दा न हुईहए तवतक, तुम जा कोइके मत बातइओ ।
\v 10 बे जा बात अपन मनमे धरीं, तव मरके जिन्दा होनो कहोको का हए कहिके एक दुसरे से बातचीत करन लागे ।
\v 11 और बे बासे आइसे करके पुछीं, “पहिले एलिया आन पड़ईगो करके व्यवास्थाक शास्त्री काहे कहत हएँ ?"
\v 12 "येशू कहि "नेहत्य , एलिया पहिले से आईगओ है, और सब बातक सुधारैगो । तव आदमीक पुत्र बहुत कष्‍ट भोगैगो, औरन्से तुच्छ होबैगो, करके धर्मशास्त्रमे लिखोहए त ।"
\v 13 तव मए तुमसे कहत हऔं, एलिया आईगओ हए, और उनके बारेमे लिखो अनुसार उनके सँग जो मन लागो बे उईसीए करीं ।”
\v 14 और चेलनके ठिन घूमके आत बे एक बहुत भारी भीड़ घेरत और बिनके संग शास्त्री बहस (बादबिबाद) करत बे देखीं ।
\v 15 जम्मए भीड बाके देखतए गजब अचम्मो मानी और बाके ठिन दौड़के जाएके बाके अभिवादन करीं ।
\v 16 बा उनसे पुछीं, तुम उनसे का को बहस करत हऔ ?
\v 17 भीडसे एक जनी बाके जवाफ दई, गुरुजी मिर लउँड़ाके गुँगो करन बारो आत्मा लगो हए, और तुमर ठिन लाओ हऔं ।
\v 18 जब जा मिर लउँड़ाके पकडत् हए, तव बाके भिमें गिरात हए, और बक मुहुसे फुफ्ना काढत हए, और बा दाँत किट किटात हए, और बा अईंठ जातहए । मए तुमरे चेलन से भुत निकार देओ करके बिन्ती करो, तव बे न सिकीं ।”
\v 19 तव बा उनके जवाफ दई, “ ए अविश्‍वासी पुस्ता, मए कहाँ तक तुमरे सँग रहऔं ? मए तुमके कित्तो सहमौ ? बाके मिर ठिन लियाबओ ।”
\v 20 बे बा लउँड़ा के बाके ठिन ल्याईं । येशुके देखि खिनक बा आत्मा लउँड़ाके फत्फत्बाई, और बा भुईमें गिरके फूफ्ना काढ्तय नेभन लागो ।
\v 21 बा बाके दऊवासे पुँछी, “कब से जक अइसो भओ रहए ?” बा कही, बच्चयसे ।
\v 22 जाके नाश करन बारो आत्मा घरीघरी आगी और पानीमें गिरात रहए। अगर तुम कुछ करपत हओ तव, दया करके हमके मद्दत कर देओ ।”
\v 23 तव येशू बासे कहि, “ यदि तुम कर सिकत हओ कहेसे !' कहिके का कहत् हऔ ? विश्‍वास करन् बारेक ताहिं सबए बात सम्भव हए ।"
\v 24 और झट लउँड़ाके दऊवा चिल्लाएके कहि, “मए विश्‍वास करत हऔं । मिर कमजोर विश्‍वासमे मोके सहायता करओ ।
\v 25 तव भीड़ एकसँग दौडके आत देखके बो बा अशुद्ध आत्माके अइसे करके डाँटी, “ए गुँगो और बहिरा आत्मा, मए तोके हुकम करत् हऔं, बासे निकरके अएजा, और फिर कबहू बा भितर मत घुसीये ।”
\v 26 और चिल्लाएके बा लउँड़ाके बेढब जोडसे फत्फत्बाएके बा आत्मा निकरगई, और बा बच्चा मुर्दा कता हुईगओ, हियाँ तक्की बहुत आदमी कहीं कि जा मरिगओ हए ।
\v 27 तव येशू बाको हात पकडके बाके तुरन्त उठाई, और बा उठि गओ ।
\v 28 और जब बा घरमे गओ, तव बाके चेला चुप्पए से पुछीं, “हम बाके काहे न निकार पाए ?"
\v 29 बा बिनसे कहि, “जा किसिमको त प्रार्थना बाहेक और कोई उपाय से न भजाए पए हओ ।”
\v 30 और बा हुवाँ से निकरके बे गालील हुइके गए । जा बात कोई पता न पामएँ कहिके बाको इच्छा रहए,
\v 31 काहेकि बा अपन चेलनके शिक्षा देत रहए । बा उनसे कहि, आदमीको लउँड़ा आदमीनके हातमे सौंपो जाए हए, और बे बाके मारङ्गे, और बा मरके तीन दिन पिच्छु फिर जिन्दा हुईके उठ्जाए हए ।"
\v 32 तव बा कही बात बे समझ न पाइँ, और बासे पुँछन् डरई गए ।
\v 33 बे कफर्नहुममे आए, और घरमें रहएँ तबही बा उनसे पुछीं, “डगरमें तुम का बहस करत रहओ ?"
\v 34 "तव बे चुप रहे, "हम मैसे सबसे बड़ो कौन हए ?” कहिके आपसमे बहस करी रहएँ ।
\v 35 तव बा बईठो, और बाह्रौं जनिक बुलाई, और उनसे कहि, “कुई आदमी पहिलो होन इच्छा करेहए तव, बा सबसे पिच्छु और सबको सेबक होन पड़ैगो ।”
\v 36 और एक छोटो बच्चा लैके, बा बाके उनके बिचमे धरी, और बाके गोदीमे लइके बा उनसे कही,
\v 37 "जौन अईसो छोटो बच्चा मैसे एक जनीके मेरे नाउँमे ग्रहण करेहए, बा मोके ग्रहण करेहए, और जौन मोके ग्रहण करहए बा मोए नाय, पर मोके पठान बारेके ग्रहण करहए ।”
\v 38 यूहन्‍ना बासे कही, “गुरुजी, एक आदमी तुमर नाउँमे भुत निकारतय हम देखे, हम बाके अईसे करन मनाही करे, काहेकि बा हमर पिच्छु लागन बरो आदमी न हए ।"
\v 39 तव येशू कहि, “बाके मनाही मत करओ, काहेकि मेरे नाउँमे शक्तिके काम करन बारो तुरन्त मेरे विरुद्धमे खराब ना बोलैगो ।
\v 40 काहेकि जौन हमरे विरोधमे न हय, बा हमरे घेन हए ।
\v 41 काहेकि जौन तुम ख्रीष्‍टके हऔ, कहिके उनके मेरे नाउँमें एक कटोरा पानी पिन देहौ, नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं, बा कोई किसिमसे अपन इनाम न गुमाबैगो ।
\v 42 "जौन मिर ऊपर विश्‍वास करन् बारे जे छोटे मैसे एक जनीके बाधा देबैगो, बासे भलो त एक बड़ो चकियाको पटा बाके घेंटमे बाँधके समुन्द्रमे फेकदेन अच्छो रयहए ।
\v 43 अगर् तुमर हात तुमके बाधा देत् हए कहेसे बाके काटदेओ । दुई हात हुईके नरक कि नबुतन् बारी आगी मे जानसे लुलो हुइके जीवन बितान् अच्छो हए ।
\v 44 नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।
\v 45 औ तुमर टाँग तुमके बाधा देत् हए तव बाके काटदेओ । दुई टाँग हुईके नरकमे फेकदेन से अच्छो लँगड़ा हुईके जीवन बितान अच्छो हए ।
\v 46 नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।
\v 47 अगर तुमर आँखी तुमके बाधा देहए कहेसे बाके निकारके फेंकदेओ दुई आँखी हुईके नरकमे फेकन्से अच्छो त एक आँखी हुईके परमेश्‍वरको राजमे घुसन् तुमर ताहीं अच्छो हए ।
\v 48 नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।
\v 49 काहेकि सबएके आगीय नुनाइन बनात हए ।
\v 50 नुन अच्छो हए, पर अगर नुनको स्वाद चलोगओ तव बाके कासे स्वादिष्‍ट करैगे ? अपनेमे नुन धरओ, और आपस मे मेलमिलाप से रहबओ ।
\c 10
\cl अध्याय १०
\v 1 बा ठाउँके छोडके यर्दन नदीयाके पार यहुदियाके इलाकामें येशू गओ और भीड़ बाके ठिन इकट्ठा भए, और बाको रीति अनुसार बिनके फिर शिक्षा दई ।
\v 2 फरिसी बाके ठिन आए बाके परिक्षा करके पुँछी, “का कुई आदमी अपनी बैयरके सँग छुटपत्तर करन ठीक हए कि ना ?
\v 3 बा उनके जबाफ दईके कही, “मोशा तुमके का आज्ञा दै हए ?"
\v 4 बे कहिं, “एक छुटपत्तर लिखके आदमी अपनी बैयर छोड्न मिलत् हए करके मोशा अनुमति दई हए ।”
\v 5 तव येशू उनसे कहि, “तुमरो मनको कठोरता के करन बा तुमरे ताहिं जा व्यवस्था लेखेका लिखी हए ।"'
\v 6 पर सृष्‍टिके सुरुसे परमेश्‍वर उनके नर और नारी करके बनाई रहए ।'
\v 7 जहे कारन आदमी अपन दऊवा-अईया छोडके अपनी बैयर सँग मिले रहत हएँ,
\v 8 और बे दुई जनी एक शरीर हुईहएँ । बे फिर दुई नाए, पर एक शरीर होत् हएँ ।
\v 9 जहेमारे परमेश्‍वर जौनके एकसँग जोड़ी हए, आदमी बाके न छुटामएँ ।”
\v 10 बा घरमे होतय चेला फिर जाके बारेमे येशूसे पुछीं ।
\v 11 बा उनसे कही, “जौन अपनी बैयर सँग छुटपत्र करके दुसरे सँग बिहा करेहए, बा उनके बिरुद्धमे व्यभिचार करेहए ।
\v 12 और अगर बैयर अपनो लोगासँग छुटपत्र करके दुसरे से बिहा करहए, बा व्यभिचार करेहए ।”
\v 13 आदमी छोटे बाल बालिकन के येशू छुई देबए कहिके बाके ठिन ल्याइँ, तव चेला बिनके डाँटीं ।"
\v 14 तव जा देखके येशू दिक्काइ गओ, और उनसे कही, “छोटे बाल बालिकनके मेरे ठिन आनदेओ, बिनके मत रोकओ, काहेकि परमेश्‍वरको राज अईसिनको हए ।
\v 15 नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं, जौन परमेश्‍वरको राजके एक छोटो बालक जैसो ग्रहण न करेहए बा कतै भीतर घुसन न पयहए ।"
\v 16 और बा उनके गोदिमे लैके बिनके उपर अपन हात धरके आशीर्वाद दई ।
\v 17 येशू डगरमे जात रहए, एक आदमी दौड़के आएके बाके अग्गु घुँटो टेकके बिन्ति करी, “हे अच्छो गुरु, अनन्त जीवन पानके ताहिं मोके का करन पडैगो ?"
\v 18 येशू बासे कहि, “तए मोके काहे अच्छो कहत हए ? एकय परमेश्‍वर बाहेक और कोई अच्छो न हए ।
\v 19 तए आज्ञा त जानत् हए, तए हत्या मत् करए, व्यभिचार मत् करए, मत चूरैये, झुटो गवाही मत दिये, मत ठगिये, अपन दउवा और अईयाके आदर करिये ।”
\v 20 और बा बासे कहि, “गुरुजी जा त सबय मए मेरे जमानीय अबस्थासे पालन करो हऔं ।"
\v 21 येशू बाके देखी, और माया करके कही, “तिरमे हबए एक बात और कमी हए । तिरसंग जो जीत्तो हए सबय चीज बेचन पड़हए और बे गरीबनके देन पड़हए, और तोके स्वर्गमे सम्पति मिलैगो । और आएके मिर पिच्छु लाग ।"
\v 22 पर जा बातसे बाको चेहेरा उदास हुईगओ, और बा दुखित हुईके गईभओ, काहेकि बाकेसंग बहुत धन-सम्पति रहए ।
\v 23 और आसपास देखके येशू अपन चेलनसे कही, “धनीके परमेश्‍वरके राजमे घुसन कित्तो अग्ठो हए ।"
\v 24 बाकी कहि भई बातमें चेला अचम्मो मानी । तव येशू फिर उनसे कहि, बालक रेऔ, धन-सम्पति उपर भरोसा करन बारेनके परमेश्‍वरको राज भीतर घुसन कित्तो अग्ठो हएए ।
\v 25 धनी आदमीके परमेश्‍वरके राज भीतर घुसनसेत बलुक सुईंके भारसे ऊँटके छिरन सजिलो हए ।”
\v 26 बे गजब अचम्मो मानी और बासे कहिं, “तव अईसे कौन बच्पय हए ?"
\v 27 येशू उनके देखके कहि, “आदमीके ताहिं जा असम्भव हए, और परमेश्‍वरके ताहिं न हए, काहेकि परमेश्‍वरके ताहिं सब बात सम्भब हए।"
\v 28 पत्रुस बासे कही, “देख, हम त सबय चीज छोडके तुमर पिच्छु लागेहएँ ।”
\v 29 येशू कही, “नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं, जौन मिर ताहिं और सुसमाचारके ताहिं घर और ददा-भईया, दिदी-बहिनिया, औ अईया दउवा, औ लौंड़ा-लौंड़िया और जगहा जमीन छोडैगो,
\v 30 बा सतावट के संगयसंग सओ गुणा जद्धा घर, ददाभईया, दिदी बहिनिया, अईया, लउँड़ा-लउँड़िया और आनबारो संसारमे अनन्त जीवन पाबैगो ।
\v 31 पर बहुत जनी जो अग्गु होनबारे पिच्छु होमङ्गे और पिच्छु होनबारे अग्गु होमङ्गे ।”
\v 32 बे यरुशलेम घेन जात रहएँ, और येशू उनके अग्गु अग्गु नेगत रहए । चेला अचम्मो मानी, और पिच्छु पिच्छु आनबारे घबराइ गय रहएँ, तव बा बाह्रओं चेलनके फिर अलग्गए लैगओ और अब जल्दी बाके का होनबारो हए, सो बतान शुरु करी ।
\v 33 बा कहि, “देखओ, हम यरुशलेम घेन जात हएँ । हुवाँ आदमीक पुत्रके मुखिया पुजारी और शास्त्रीके ठिन सौंप देहएँ, और बे बाके मृत्युदण्ड देहएँ, और अन्यजातिनके हातमें सौंप देहएँ ।
\v 34 औ बे बाके मजाक उडाए हएँ और बाके थुकङ्गे और बाके कोर्रा लगाए हएँ और बाके मर हएँ पर तीन दिन पिच्छु बा फिर जिन्दा हुई जयहए ।
\v 35 जब्दियाके दुई लउँड़ा, याकूब और यूहन्‍ना बाके ठिन आएके कहीं, “गुरुजी, हम तुमसे जो मागंगे तुम हमर ताहिं करदीओ कहिके हमर इच्छा हए ।"
\v 36 बा उनसे पुँछी, “तुमरे ताहिं मए का करदेऔं तुमर इच्छा हए ?"
\v 37 बे बासे कहिं, “तुमर महिमामे हम मैसे एक जनीके तुमर दहिना घेन और दुसरेके तुमर दिबरा घेन बैठन पामएँ करके मन्जूरी हमके देबओ ।”
\v 38 तव येशू उनसे कहि, “तुम का मागत हओ बा तुम ना जानत् हओ । का तुम मिर पिन लागो कटोरा मैसे पिन सकत हओ औ मिर लेनबारो बप्तिस्माके तुम सहेन सकत हओ ?"
\v 39 बे बासे कहीं, “हम सिक्डारङ्गे।” येशू उनसे कही, “मिर पिनबारो कटोरा मैसे तुम पिबैगे । और मिर लेनबारो बप्तिस्मा तुम फिर लेबैगे ।
\v 40 पर मिर दहिनाघेन औ दिबराघेन बईठन त मिर देनबारी बात न हए, पर जा जौनके ताहिं तयार करो गओ हए, बिन्हीं के ताहिं हए ।”
\v 41 जा सुनके दशौं जनी चेला याकुब और यूहन्‍ना से दिक्काए गए ।
\v 42 तव येशू बिनके अपने ठिन बुलाएके कही, “तुम जानत् हओ कि अन्यजातिनके उपर शासन करन बारे उनके उपर अख्तियार चलात हएँ । और उनके बड़े बड़े बिनके उपर अधिकार चलात हएँ ।
\v 43 पर तुमरमे अईसो ना हुईहए । तुमरमे जौन बड़े होन इच्छा करत हए बा उनको सेवक होन पडैगो ।
\v 44 और तुमरमे जौन पहिलो होन इच्छा करत हए, बा सबको कमैया होन पडैगो ।
\v 45 काहेकी आदमीको लउँड़ा सेवा पानके ना, पर सेवा करन और बहुतनको छुटकाराको मोलके ताहिं अपन प्राण देनके आओ हए ।
\v 46 तव पिच्छु बा यरीहोमे आओ । और बा अपन चेला और बड़ी भीड़ संगय यरीहोसे निकरतपेति तिमैको लउँड़ा बारतिमै एक अन्धरा भिखारी रहए, डगर किनारे बैठो रहए ।
\v 47 जब बा नासरतको येशू हए कहिके सुनी, तव चिल्लाएके बा कहन लागो, “हे येशू दाऊदको पुत्र, मिर उपर दया करओ ।"
\v 48 तव बहुत बाके चुप लाग कहिके डाँटीं । पर बा और गजब जोड़से चिल्लान लागो, “हे येशू दाऊदको पुत्र, मिर उपर दया करओ ।”
\v 49 तव येशू ठौंड़ रुकिगओ और बाके बुलाएके आज्ञा दई । बे अइसे कहिके बाके बुलाईं, “हिम्मत कर ! खड़ो हुइजा ! बा तोके बुलात हए ।"
\v 50 बा अपनो चद्दर एकघेन फेंकीं, और जल्दीसे येशूके ठिन गओ ।
\v 51 येशू बासे कही, “तए का चाँहत हए, मए तीर ताहिं का करओ ?” बा अन्धरा आदमी कही, “रब्बी, [गुरुजी], मए देख पामऔं ।"
\v 52 और येशू बासे कही, “जा ! तेरो विश्‍वास तोके अच्छो करीहए ।” बा तुरन्तय फिर देखन लागो और बा डगरमे येशूके पिच्छु पिच्छु हुइलई ।
\c 11
\cl अध्याय ११
\v 1 जब बे यरूशलेमके जौने जैतून डाँगाके ढिंगई बेथफागे और बेथानिया कहन बारो ठाउँमें आएपुगे, तव बा अपन चेला मैसे दुई जनीके अईसे कहिके पठाई,
\v 2 तुम जौनेको गाउँमें जाओ, और जातयजात तुम हबए तक कोई आदमी न चढो एक गधाहके बच्चा पयहओ । बाके खोलके हियाँ लाबओ ।
\v 3 "कोई तुमसे' जा का करत् हओ कहिके 'कुई कहए, ' प्रभुके जाकी जरूरत हए, और बा जल्दी घुमाए दिबइया हए' कहिओ ।”
\v 4 तव बे गए, और बा बच्चा खुल्ला गल्लीमे एक घरके बाहिर घेन फाटक ठिन बँधो पाईगए, और बाके खोलीं ।
\v 5 बा हुवाँ ठाडे मैसे कोई-कोई उनसे पुछीं, “बच्चाके खोलके तुम का करत् हओ ?
\v 6 येशू उनके अढाई बहे कता बे कहीं, और बे उनके जन्दाईं ।
\v 7 बे दुई जनी बच्चाके येशूके ठिन ल्याइँ, और अपन लत्ता बाके उपर धरदईं, और येशू बाके उपर बैठगओ ।
\v 8 बहुत आदमी अपन कपड़ा और पत्ता काट्के डगरमें बिछाईं ।
\v 9 और बाके अग्गु अग्गु नेगनबारे और पिच्छु पिच्छु आनबारे अईसे कहत बड़ो जोरसे चिल्लाईं, “होसन्‍ना ! परमप्रभुके नाउँमे आनबारो धन्यके हएँ ।
\v 10 हमर पिता दाऊदको आनबारो राज धन्यको होबए ! परमधाम्मे होसन्‍ना !”
\v 11 बक पिच्छु येशू यरूशलेममे आएके मन्दिर भीतर कुचो और बाके आसपास सबके उपर नजर करके पिच्छु कुइबेरा भओ के कारन बाह्रै चेलासंग बा बेथानिया घेन गओ ।
\v 12 दुसरो दिन, जब बे बेथानियासे लउटे, बाके भुख लाग्गै ।
\v 13 बा दुरयसे पत्तासे भारो एक अञ्‍जीरको रुखा देखी । जामे कुछ फरा पएहओं कि कहिके बा देखन गओ । जब बा हुवाँ अओ बा पत्तासे अलाबा और कछु फिर ना पाई, काहेकि बा समय अञ्‍जीरके फरा फरनको समय ना भओ रहए ।
\v 14 बा बासे कही, “ तेरो फरा फिर कोई कबहु फिर ना खामएँ ।” और जा कहत बाके चेला सुनत रहएँ ।
\v 15 और यरूशलेममे पुग्के पीच्छु बा मन्दिर भीतर घुसो, और मन्दिरमे खरिदन बारे और बेचन बारेनके बाहिर निकारी और रुपैया साटन बारेनके टेबुल और परेवा बेचन बारेनके बैटनबारो कुरसीके लौट दई ।
\v 16 बा मन्दिरसे कोईके बेचनबारी कछु चीज फिर लैजान ना दई ।
\v 17 और बा शिक्षा देतय कही, “का आइसो ना लिखो हए, मिर घर सब जातिनके ताहिं प्रार्थनाको घर कहोजय हए ?” पर तुम त जाके डाकुँको अड्डा बनाए हऔ ।
\v 18 और मुखिया पुजारी और शास्त्री जा सुनके बाके कैसे नाश करएँ कहिके उपाय निकारन लागे । काहेकि बे बासे डरात रहएँ, काहेकि सबय भीड बाके शिक्षामें अचम्मो मानत रहएँ ।
\v 19 जब सन्झा भओ, बे सहेर छोड़के चलेगए ।
\v 20 जब बे सुबेरे बहे डगर हुइके गओ, बे अञ्‍जीरको रुखाके जरयसे सुखो देखींं ।
\v 21 और पत्रुसके जा याद आई, और बासे कही, "रब्बी [गुरुजी] देखओ त ! तुमर सराप दओभव अञ्‍जीरको रुखा ता सुखो हए ।”
\v 22 येशू जवाफ दैके कहि, “परमेश्‍वरमे विश्‍वास करओ ।
\v 23 नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं, अगर कुई अपन हृदयमे शंखा ना करेहए, और अपनो कहो बात पूरा हुईहए कहिके विश्‍वास करके जा पहाड़के 'उठ और समुन्द्रमे गिरजा' कएहओ, तव परमेश्‍वर बहे करईगो ।
\v 24 जहेमारे मए तुमसे कहत् हऔं, तुम प्रार्थनामे जो मागे हओ, सो पाए हओ, कहिके विश्‍वास करओ, तव तुमर ताहिं हुईजाए हए ।
\v 25 जब तुम प्रार्थना करन ठाढत् हओ, तव कोईके विरुद्धमे तुमर कुछ हए तव क्षमा करिओ, तव स्वर्गमे होन बारो तुमरो पिता फिर तुमरो अपराधके क्षमा करदे हए ।
\v 26 और क्षमा ना करेहओ, तव स्वर्गमे होनबारो पिता फिर तुमरो अपराधके क्षमा ना करैगो ।”
\v 27 बे फिर यरूशलेममें आए। और येशू मन्दिरमे इतए उतए नेगत समयमे मुखीया पुजारी, शास्त्री, धर्म-गुरु बाके ठिन आए ।
\v 28 बे बासे प्रशन करीं, “कौन अधिकारसे तुम जा काम करत् हओ ? जा काम करन के अधिकार तुमए कौन दओ ?”
\v 29 येशू बिनसे कहि, “मए तुमसे एक प्रशन पुँछत हऔं, और तुम बाको जवाफ देओ, और कौन अधिकारसे मए काम करत हऔं, सो महूँ बताए हऔं ।
\v 30 यूहन्‍नासे दओ बप्तिस्मा स्वर्गसे हए की आदमीसे, मोके जवाफ देओ ।”
\v 31 तव बे अईसे कहत अपनैमे बहस करन लागे, “स्वर्गसे' कएहएँ तव 'तुम बाके ऊपर काहे विश्‍वास ना करे' करके बा कयहए ।
\v 32 “आदमीनसे कयहएँ तव, पर अईसे कहन बे आदमिन से डरात रहएँ । काहेकि बे यूहन्‍नाके सच्चो अगमबक्ता कहत रहएँ ।
\v 33 तव बे येशूके जवाफ दईके कहीं, “हमके पता न हए ।” येशू उनसे कहि, मए फिर कौन अधिकारसे जा काम करत् हऔं, सो तुमए महूँ ना बताए हऔं ।”-
\c 12
\cl अध्याय १२
\v 1 बक पिच्छु येशू उनसे कहानीमे सिकआण लागो । भआ कही, “एक आदमी अँगुरकी बगिया लगाएके बाके आसपास बेढा लगाई, और कोलू के ताहिं एक गड्डा खोदी । और एक मचान बनाएके बा अँगुरकी बागियामे किसानके कमानके दैगओ, और अपना प्रदेश गओ ।
\v 2 फसलके समयमे बा, बे किसानके ठिन कुछ फसल लेनके एक टाहलुवाके पठाई ।
\v 3 तव बे बाके पकडके मारीं और खाली हात पठाए दईं ।
\v 4 फिर बा बिनके ठिन दुसरो टाहलुवाके पठाई, तव बे बाके मुणमें मारीं और बाकी बेइज्जत करीं ।
\v 5 मालिक और फिर दुसरेके पठाई, तव बे बहुके मारीं, और बे बहुतनके फिर पठाई, तव बे कुइके पिटीं और कुइके मारडारीं ।
\v 6 "बाके ठिन पठानके ताहीं अभय फिर एक जनी वा बाको प्यारो लउँड़ा रहए ।' बा कहि, "बे मिर लौंड़ाक त आदर करङ्गे ।" कहिके सबसे पीच्छु बा अपन लौंड़ाक उनके ठिन पठाई ।"
\v 7 पर बे किसान आपसमे कहीं, "ओहो जत उत्तराधिकारी हए । आओ, हम जाके मारएँ, और सम्पत्ति हमरी हुई जयहए ।”
\v 8 और बे बाके पकडके मारीं, और अंगुरकी बगियाके बाहिर फेंक दईं ।
\v 9 जहेमाररे, अंगुरकी बगियाको मालिक का करैगो ? बा अबैगो्, और बे किसानके नाश करैगो, और अँगुरकी बगिया और दुसरेके दैदेहए ।
\v 10 का तुम धर्मशास्त्र को जा वचन पढे ना हओ ? “जौन पथराके घर बनान बारे रद्द करी रहएँ बहे कुनैठोक खास-पत्थर बनिगओ ( कोनेको मुल पथरा ),
\v 11 जा परमप्रभुसे भओ हए, और हमरी देखाईमे जा अचम्मो हए ।"
\v 12 तव पिच्छु बे बाके पकड़न ढुड्त रहएँ, काहेकी जा कहानी बा उनके विरुदमें कही हए कहिके बे सम्झीं । तहिमारे, बे भीडसे डरानके कारनसे बाके छोड़ीं और गए ।
\v 13 पिच्छुसे बाके कौन बातमें फसामए कहिके बे फरिसी और हेरोदी मैसे कोइ आदमी बाके ठिन पठाईं ।
\v 14 बे आएके बासे कहीं, “गुरुजी, हम जानत हएँ, तुम सच्चे हओ, और कोइको ख्याल ना करत हओ, काहेकी तुम मुहुँ देखके काम ना करत हओ और परमेश्‍वरको डगर सच्चो तरिकासे सिखात हओ । तव बताबऔ, कैसरके कर तीरन ठीक हए कि ना ? हम कर तिरएँ की ना तिरएँ ?
\v 15 पर येशू उनको कप्‍टीपन पता पाएके उनसे कही, “तुम काहे मोके परीक्षा करत हओ ? मोके एक सिक्का लाबओ ताकि मय देख सकऔं ।”
\v 16 बे एक सिक्का येशू ठिन लाईं । बा उनसे कही, “जामे कौनको फोटु और छाप हए ?” बे बासे कहीं, "कैसरको हए ।"
\v 17 तव येशू उनसे कही, “कैसरको चीज कैसरके देओ, और परमेश्‍वरको चीज परमेश्‍वरके।” बे बासे अचम्मो मानी।
\v 18 मरके जिन्दा न होत हएँ, कहिके सदुकी (एक प्रकारको जाति) बाके ठिन आए, और बासे पुछीं,
\v 19 "गुरुजी, मोशा हमरे ताहिं लिखीहए कि 'यदि कोइको ददा मरीगओ और बिना सन्तान बैयर छोड़ीगव तव बक भईयाके बा बैयरसे बिहा करन पडैगो और अपन ददाके ताहिं सन्तान जन्मान पडैगो ।'
\v 20 एक परिवारमें सात भईया रहएँ । जेठो एक बैयर लाई तव बा आदमी बिना सन्तान हुइके मरिगओ ।
\v 21 अब मझला भईया बा बैयर से बेहा करी, और फिर बिना सन्तान हुइके मरीगओ । तव सँझला फिर उइसी करी,
\v 22 तव सातओं भईयनके सन्तान ना भओ । सबसे पीच्छु बा बैयर फिर मरी ।
\v 23 अब मरके पुनरुथानमे बिन मैसे बा कौन की बैयर हुईहए ? काहेकी बे सातओ ददाभईया बासे बेहा करीरहएँ ।”
\v 24 येशू उनसे कही, “ तुम न त धर्मशास्त्र न परमेश्‍वरके शक्तिके बारेमे जानत हओ ? जहेमारे तुम भूलमे न पडे हओ का ?
\v 25 काहेकी जब मरके बे पुनरुथान हुईहएँ, बे न त बेहा करत हएँ, न उनको बेहा हुईहए, पर बे त स्वर्गमे भए स्वर्गदूत जैसे होमङ्गे ।
\v 26 पर मरे भए जिन्दा हुइके उठन बारो बातके बारेमे का तुम मोशा के किताबमे पढे ना हओ ? कि कैसे भिथ्राके बारेमे लिखो भव खण्डमे परमेश्‍वर मोशासे कही, 'मए अब्राहामको परमेश्‍वर, इसहाकको परमेश्‍वर और याकूबको परमेश्‍वर हऔं ।"
\v 27 बा मुर्दनको परमेश्‍वर न हए, पर जिन्दनको परमेश्‍वर हए । तुम पक्कय भुलमे पड़े हऔ ।”
\v 28 शास्त्री मैसे एक जनी आओ, और बिनके आपसमे छलफल करत सुनी। येशू आदमीनके अच्छो जवाफ दई देखके बे बासे पुँछीं, “सबसे खास आज्ञा कौन हए ?"
\v 29 येशू जवाफ दई, “सबसे खास जा हए, हे इस्राएल सुन्, परमप्रभु हमर परमेश्‍वर एकय परमप्रभु हए ।
\v 30 तए परमप्रभु अपन परमेश्‍वरके तेरो सारे हृदयसे, तेरो सारे प्राणसे, तेरो सारे समझसे, और तेरो सारे शक्तिसे प्रेम करीये ।"
\v 31 दुसरो आज्ञा जा हए, “तए अपन परोसीके अपने कता प्रेम किरिये ।' जासे और बड़ो कोई आज्ञा न हए ।”
\v 32 तव शास्त्री बासे कहीं, “गुरुजी, तुम ठीक कहत हऔ, परमेश्‍वर ता एकए हए, बा बाहेक कोई न हए ।
\v 33 बाके सारे हृदय से, सारे समझ से, सारे शक्ति से प्रेम करनो, और परोसीके अपनाए कता प्रेम करनो सब होमबलि और बलिदानसे उत्तम हए ।"
\v 34 बिनके बुद्धिमानीसे जवाफ देत देखी, येशू बिनसे कही, “तुम परमेश्‍वरको राजसे दूर ना हऔ ।” तब बा समयसे लैके बासे प्रशन करनके कोईकी हिम्मत ना भई ।
\v 35 तव मन्दिरमे सिकातपेति येशू जवाफ दई और कही, “शास्त्री कैसे ख्रीष्‍टके दाउदको लउँड़ा कहत हएँ ?
\v 36 काहेकी दाऊद अपनए पवित्र आत्मासे कहि हए, परमप्रभु मेरो प्रभुसे कही, मिर दहिना हात घेन बईठ, जब तक मए तिर दुश्मनके तिर पाँव तरे न लए हऔं ।"
\v 37 जब दाउद अपनए बासे 'प्रभु' कहत हए, तव मसीह कईसे दाऊदको लउँड़ा हुई सकत हए ?” और भारी भीड़ बाको वचन खुशीसे सुनी ।
\v 38 तव शिक्षा देत येशू कही, “शास्त्रीन से होशियार रहिओ । बे लम्बो कुर्ता लगाएके इतए उतए घुमन और बजारमे आदर पान,
\v 39 औ सभाघरमे बड़ो स्थान और भोजमे आदरको स्थान पानके चाँहत हएँ ।
\v 40 बे बिधुवानके घर लूटत हएँ, और दिखानके ताहिं लम्बो लम्बो प्रार्थना करत हएँ । अइसे आदमी बहुत बड़ाो दण्ड पामङ्गे ।”
\v 41 बक पिच्छु येशू मन्दिरको भेटी चढान बारो बक्साके अग्गु बैठो । आदमिनके भेटी डारत बा देखन डटो रहए । बहुत धनी आदमी बड़ो रकम डारीं ।
\v 42 बक पिच्छु बा एक जनी गरीब विधुवा आएके तामाके दुई सिक्का चढाई ।
\v 43 बा अपने चेलनके अपन ठिन बुलाएके बिनसे कही, “नेहत्य, मए तुमसे कहत हऔं, भेटी बक्सामे चढान बारे मैंसे जा गरीब विधुवा सबसे जद्धा चढाई हए ।
\v 44 काहेकी सबय अपन अपन भरपुरी मैंसे दईं । पर जा विधवा अपन गरिबी मैसे अपनो सारा जीबिका सौंपदई ।
\c 13
\cl अध्याय १३
\v 1 जब बा मन्दिरसे निकरत रहए, तव बाको चेला मैसे एक जनी बासे कही, “देखओ गुरुजी, कित्तो अच्छे पत्थर और भवन !"
\v 2 येशू उनसे कही, “ का तुम जे भवन देखत हओ ? जे न बिगाडके एकके उपर दुसरो पत्थर धरनके एक भी पत्थर न बचैगो ।”
\v 3 जब बा मन्दिरके अग्गु जैतुन डाँगामे बैठो रहए, पत्रुस, याकूब, यूहन्‍ना और अन्द्रियास बासे चुप्पयसे पुछीं ?"
\v 4 "हमके बता कि जे सब बात कब हुइहएँ ? और जे सब बात होनके कैसो कैसो चिन्हा होमङ्गे ?"
\v 5 येशू उनसे कही, “होसियार रहबओ, कोई तुमके ना भरमाबए ।
\v 6 बहुत जनी मेरे नाउँमे 'मय बहे हऔं' कहत अमङ्गे, ओर बे बहुतन के भड़कामङ्गे ।
\v 7 जब तुम लडाईं और लडाईन् के हल्ला सुनैगे, चिन्ता मत डरैओ, अईसे बात होन जरुरी हए पर अन्तको दिन आन अभे फिर बाँकी हए ।
\v 8 काहेकी जातिके विरुद्धमे जाति, और राजके विरुद्धमे राज ठाड़ङ्गे । ठाउँ-ठाउँमे हालाचाला आबईगो, सुखा पड़ईगो । जे जतकाल (प्रसववेदना) को सुरु होनो जैसो हए ।
\v 9 "तुम अपनयके होसियार रखईओ । बे तुमके अदालतमे सौपङ्गे, और सभाघरमे तुमके पिटङ्गे । तुम हाकिम और राजा दोनोके अग्गु मिर ताहीं बिनके गवाही देन तुम ठाड़ैगे ।"
\v 10 पर सबय जातिनके पहिले सुसमाचार प्रचार करो जयहए ।
\v 11 जब आदमी तुमके पकड़के मुद्दा चलामङ्गे, तव का बोलौं कहिके अग्गुसे चिन्ता मत करओ । काहेकी बा समय तुमके का बोलन हए, सो तुमके दओ जयहए, बा समय बोलन बारे तुम ना हओ पर पवित्र आत्मा होबैगो ।
\v 12 एक भईया दुसरे भैईयाके और दऊवा लउँड़ाके मारन् के ताहीं सौंपङ्गो । अईसीय करके लउँड़ा लउँड़िया अपन अईया दउवाके विरुद्धमे ठाडङ्गे और उनके मारन लगबामङ्गे ।
\v 13 मिर नाउँके ताँही तुम सबसे घृणित हुइहओ । पर जो अन्ततक अटल रयहए बाको उद्धार हुइहए ।
\v 14 "जब तुम विनाशकरी घृणित चिज जहाँ होनके ना रहए, हुवाँ ठाड़ो देखइगे {पढनबारे बुझएँ} तव यहूदियामे होनबारे पहाड घेन भाजएँ ।"
\v 15 घरके पाँड़मे होनबारे तरे न उतरएँ, न अपन घरसे कुछ निकारन भितर कुचएँ ।
\v 16 खेतमे होनबारो अपन चद्दर लेन ना आमएँ ।
\v 17 पर हाय, बे दिनमे गर्भबती और दुध खाबन बारी अईयनके !
\v 18 बा जाडोमे न होबए करके प्रार्थना करओ ।
\v 19 काहेकी बे दिनमे अईसो महासंकट अयहए कि परमेश्‍वर जा संसार सृष्‍टि करी दिनको सुरुसे लैके ह्बाए तक न त अइसो भओ रहए ना कबहु हुईहए ।
\v 20 औ परमेश्‍वर बे दिन ना घटइतो तओ कोई आदमी ना बच्तो, पर बा चुनेभएनके ताहीं बे दिन घटाई दईहए ।
\v 21 तव बा समय कोई तुमसे 'देखओ, ख्रीष्‍ट हियाँ हए ! वा देखओ बा हुवाँ हए कयहएँ तव तुम विश्‍वास मत करीओ ।
\v 22 काहेकी झुठे ख्रीष्‍ट और झुठे अगमवक्ता दिखाइ पड़ङ्गे, और चुने भएनके भ्रममे पाड़न बे चिन्ह और अचम्मेके काम करङ्गे ।
\v 23 होसियार रहिओ ! मए तुमके समय आनसे अग्गुए सबय बात कही दओ हऔं ।
\v 24 पर बे दिनमे महासंकटके पिच्छु दिनमे अँध्यारो होबैगो, और जोनी अपनो चमक ना देहए,
\v 25 तारा बादरसे गिरंगे, और बादरमे भए शक्ति डगमगाङ्गे ।
\v 26 बक पिच्छु बे आदमीके पुत्रके शक्ति और महिमामे बादरमे आत देखङ्गे ।
\v 27 तव बा अपन स्वर्गदूतनके पठाय हए, और पृथ्वीके छोरसे बादरको छोरतक चारऔं घेनसे अपन छँटे भयनके इकठ्ठा करेहए ।
\v 28 अञ्‍जीरके रुखासे पाठ सिखओ । जब बाको हाँगा नरम हुइके पत्ता होत खिनक ग्रीष्म ऋतु जौने हए कहिके तुमके पता हुइजात हए ।
\v 29 अइसीय करके, जब तुम जे सबय घटना होत देखैगे, बा ढिंगई हए, फाटकके ढिंगई हए कहिके तुम जानओ ।
\v 30 नेहत्य, मए तुमसे कहत हऔं, जबतक जे सबय बात ना होनतक तबतक जा पुस्ता ना बितैगो ।
\v 31 स्वर्ग और पृथ्वी बीत जयहए, पर मिर वचन कबहु ना बितैगो ।
\v 32 पर बा दिन और बा समयके बारेमे पिताके बाहेक और कोईके फिर पता न हए, न त स्वर्गदूतनके, न पुत्रके ।
\v 33 हौसियार रहीओ, जगे बईठिओ, काहेकी बा समय कब आयहए, सो तुम ना जानत हओ । ( टिपोटः कुछ पुराने प्रामाणिक लेख जाके अईसे उल्लेख करत हएँः हौसियार रहिओ, जगे रहियो और प्रार्थाना करियो काहेकि...)
\v 34 जा त मालिक अपन चाकरनके घरको सबय काम और अधिकारको जिम्मा दईके, और चौकीदारके जगो रहन कहिके आज्ञा दईके परदेश गएभओ जइसो हए ।
\v 35 जहेमारे, जगे रहिओ ! काहेकी घरको मालिक संझाके या आधी रातमे या मुर्गा बासन बेरा कि सुबेरे कब अयहए कहिके तुम ना जानत हओ ।
\v 36 न त बा एकबरी अबईगो तओ, बा तुमके सोत पयहए ।
\v 37 जो मए तुमसे कहत हऔं, बा मए सबयसे कहत हऔं, जगे रहओ ।”
\c 14
\cl अध्याय १४
\v 1 जा निस्तार और अखमिरी रोटीको तिवहारसे दुई दिन अग्गु रहए । मुखिया पुजारी और शास्त्री बाके कैसे गुप्त रुपमे गिरफ्तार करएँ और मारएँ कहिके विचार करन डटे रहएँ ।
\v 2 काहेकी बे कही रहएँ, “तिवहरके समयमे ना, नत् आदमीनके बीचमे हुलदङगा मचइगो ।"
\v 3 जब येशू बेथानियामे सिमोन कोढ रोग लागो आदमीके घरमे खान बैठो बेरा एक बईयर बेढम महेंगो कोरो महकुवा तेल सिङ्गमरमरको शीशीम लैके आई और बा शीशी कि कुप्पी खोलके बा महकुवा तेल बाके मुणमे अखनाए दई ।
\v 4 तव कोई कोई दिक्काएके आपसमे कहन लगे, “जा महकुवा तेल काहे अईसे नुक्सान करत हओ ?
\v 5 काहेकी जा महकुवा तेल तीन सय चाँदीके सिक्कासे जद्धामे बेचके गरीबनके बा पैसा दए दित्ते ।” और बे बा बईयरके झपाड़ी ।
\v 6 पर येशू उनसे कही,“छोडदेओ, काहे तुम जाके सतात् हओ ? जा मिर ताहीं अच्छो काम करीहए ।
\v 7 काहेकी गरीब त तुमर सँग सबदिन हुइहएँ, और इच्छा लागो जौन समयमे फिर तुम उनके भलाई करसकत् हओ । और मए त सबदिन तुमरे सँग ना हुईहऔं ।
\v 8 जा बईयर जो करपाई बहेकरी हए । जा मिर शरीरके दफनके ताहीं अभिषेक करीहए ।
\v 9 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हऔं, सारा संसार भर जहाँ-जहाँ सुसमाचार प्रचार करो जयहए, हुवाँ जा बईयरको करो भओ काम बाके सम्झनाके ताहीं बताओ जयहए ।”
\v 10 तव बाह्र चेलन मैसे एक जनी यहूदा इस्करियोत येशूके बिनके हात पकड़ानके ताहीं मुखिया पुजारी ठिन गओ ।
\v 11 मुखिया पुजारी जा सुनके खुशी भए, और बाके पैसा देहएँ करके वाचा करीं । और बाके कैसे पकणएँ करके बा अच्छो मौका ढुड़न लागो ।
\v 12 अखमिरी रोटीको तेवहरको पहिलो दिनमे जब बे निस्तार-तेवहरमे थुमाको बलिदान चढात रहएँ, बाके चेला बासे पुछीं, “तुमर इच्छा का हए ? हम कहाँ जाएके तुमर ताहिं निस्तार-तेवहरको भोज तयार करएँ ?
\v 13 और बा अपन चेला मैसे दुई जनीके अईसे करके पठाई, “सहेरमे जाओ, और घल्ला मे पानी लैजात एक आदमी तुमके मिलेहए और बाके पिच्छु जईयो ।
\v 14 बा आदमी जौन घर भितर घुसेहए बाके मालिकसे कहिओ, “गुरुजी कहात हए, मिर चेलनके निस्तारको तेवहरको हटकना खान बारो पाहुनाको कोनो कहाँ हए ?
\v 15 और बा उनके सजो सजाओ तयार करो भओ उपरको छतको एक कोनो दिखाबईगो, और हुवएँ तुम हमर ताहीं खानु तयार करिओ ।
\v 16 चेला निकरे और सहेरघेन लागे । बे बाको उनसे कही अनुसार पाईं, और बे निस्तार तेवहरक तयार करीं ।
\v 17 जब सँझा भव बा बाह्रओ जनी सँग आओ ।
\v 18 जब बे टेबुलमे अडेस लगाएके खात रहएँ, येशू उनसे कही, “नेहत्य, मए तुमसे कहत हऔं, मिरसंग खान बारेन मैसे एक जनी मोके धोखा देबईगो ।
\v 19 बे सबय बहुत निराश हुईगए, और बे एक-एक जनी बासे पुछीं, “का महीं त न हऔं ?"
\v 20 येशू जवाफ दई और बिनसे कही, “जे बाह्र जनी मैसे एक हए, जौन मिर संग अभे कटोरामे रोटी बोर रहो हए ।
\v 21 काहेकी आदमीको लउँड़ा धर्मशास्‍त्रमे बाके बारेमे लिखो अनुसार जाबईगो । पर धिक्कार ! जौनके द्वारा आदमीको लउँड़ाके धोखा दओ जयहए । बाके ताहीं बा न जलमतो त अच्छो हुइतो ।”
\v 22 बे खातपेती येशू रोटी लईके आशीर्वाद दई, और तोडी । बा जा बिनके दई और कही, '' जा लेओ । जा मिर शरीर हए ।"
\v 23 बा कटोरा लैके धन्यवाद दईके बिनके पिन दई और बे सबय बा मैसे पिईं ।
\v 24 और बा बिनसे कही, ''जा नयाँ करारको मेरो खुन हए, जा खुन गजबन के ताहीं बहाव गओ हए ।
\v 25 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हऔं, जा अँगुरको फरासे तबतक न पिहऔं, जबतक मय परमेश्‍वरको राजमे जाके नयाँ करके न पिहऔं ।”
\v 26 जब बे एक भजन गाए डारी रहएँ, तव बे जैतुन डाँगामे गए ।
\v 27 येशू उनसे कही, “तुम सबय मिर कारनसे पिच्छु हटईगे, काहेकी अईसो लिखो हए, 'मए गयाँरोके मारङ्गो और भेडा तितर बितर हुइ जएहएँ ।'
\v 28 पर मए जिन्दा हुईके उठके मय तुमसे अग्गु गालीलमे जामङ्गो ।
\v 29 पत्रुस बासे कही, “सबय जनी पिच्छु हटे से फिर पर मए पिच्छु न हटङ्गो ।”
\v 30 तव येशू बासे कही, नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं ,आजए रातके मुर्गा दुई चोटी बास्‍नेस अग्गु तय तीन चोटी मोके इन्कार करईगो ।
\v 31 पर पत्रुस कही, “ मोके तेरेसँग मरन पड़य तहुँ से फिर मए तुमके इन्कार न करङ्गो ।” और बे सबय अईसीए कहीं ।
\v 32 तव पिच्छु बा गेतसमनी नाउँ भओ ठाउँमे गओ, और येशू अपन चेलनसे कही, “मए प्रार्थना करन तक तुम हियाँ बैठीओ ।"
\v 33 बा पत्रुस, याकूब और यूहन्‍नाके संगमे लैगओ, और बा बहुत घबड़ान और उदास होन लागो ।
\v 34 बा उनसे कही, “मेरो आत्मा मरनजैसो शोकसे ब्याकुल हुइगओ हए । तुम हियाँ बईठओ और जगे रहबओ ।”
\v 35 येशू थुर दुर जाएके बा भिमे घुप्‍टियाए गओ और प्रार्थना करी, कि हुई सक्तहए तव जा समय बासे हट्के चलो जाबए ।
\v 36 और बा उन्से कही, “हे अब्बा, पिता, तुमरे ताहीं सब बात सम्भव हए । जा कटोरा मोसे हटाएदेओ । तहुँ फिर मिर इच्छा अनुसार नाय, पर तुमर इच्छा पुरा होबए ।”
\v 37 बा लौटके अओ और बिनके सोत पाई और बा पत्रुससे कही, "सिमोन, का तए मस्त सोन डटो हए ? का एक घण्टा फिर जगो न बईठ पाओ ?
\v 38 जगे रहओ, और परीक्षामे मत पड़ओ कहिके प्रार्थना करओ । वास्तवमे आत्मा ता तयार हए, पर शरीर कमजोर हए ।
\v 39 बा फिर गओ और प्रार्थना करी और बा बेही वचनके प्रयोग करी ।
\v 40 फिर बा आओ और उनके सोतय पाई, काहेकी उनकी आँखी नींदसे बहुत घुँघरियाए गइरहएँ, और बाके का जवाफ देमएँ काहेके बे न जानी ।
\v 41 बा तीन चोटी आओ, और उनसे कही, “का तुम अभउ सोन डटे हओ और आराम करन डटे हओ ? हुइगओ, बेरा आइगओ हए । देखओ ! आदमीको लउँड़ा पापिनके हातमे सौंपो जान लागो हए ।
\v 42 उठओ, चलएँ । देखओ, मोके धोका देन बारो ढिंगई हए ।"
\v 43 येशू बोलतय रहए तव बाह्र जनी चेला मैसे एक जनी यहूदा अचानक हुवाँ देखाइ पड़ो और मुखिया पुजारी, शास्त्री और धर्म-गुरुनसे पठाए भए एक दल तलवार और लट्ठी लईके बाके सँग हुवाँ आए ।
\v 44 अब, बाके धोखा देन बारो उन्से अईसे करके एक सङ्केत दई रहए, “जौनके मए चुम्मा खएँ हऔं, बहे आदमी हए, बाके पकड़िओ और घेरके लाएजईओ ।"
\v 45 जब यहूदा आओ, तुरन्तय बा येशू ठिन आओ और कही, “रब्बी !”और बा बाके चुम्मा खाई ।
\v 46 तव बे येशूके पकड़ीं और गिरफ्तार करीं ।
\v 47 पर हुवाँ जौने ठाढे मैसे कोई एक तरवार निकारके प्रधान पुजारीको नोकरके चलाई और बाको कान च्वाट्ट से काट्दई ।
\v 48 येशू उनसे कही, “का तुम एक डाँकुके विरुद्धमे आए कता तलवार और भाला लईके मोके पकड़न आए हऔ ?
\v 49 जब मय हर दिन मन्दिरमे सिखात तुमरे संग रहऔं, तव तुम मोके गिरफ्तार न करे । पर धर्मशास्त्र पुरा होबए करके अइसो भओ ।" ।
\v 50 और येशूसंग भए सबय बाके छोड्के भाजे ।
\v 51 एक जनी जवान आदमी बाके पिच्छु गओ जौन अपन शरीरमे सूतीको लत्ता इकल्लो लगाय रहए जौनके बा अपन करेहओंमे लपेटे रहए, बे बा जवानके पक्डीं, पर
\v 52 बा सूतीको लत्ता हुवाएँ छोडी और नङ्गो भाजो ।
\v 53 तव बे येशूके प्रधान पुजारी ठिन लईगए, और हुवाँ बाकेसंग मुखिया पुजारी, धर्म-गुरु और शास्त्री इकट्ठा भए रहएँ ।
\v 54 अब पत्रुस दुरसे बाके प्रधान पुजारीको घरको आँगनतक पिछुवाई । बा सिपइएनसंग बईठो, जो आगी तापन डटे रहएँ ।
\v 55 अब, मुखिया पुजारी और सबय यहूदी महासभामे येशूके मारनके ताहिं बाके विरुद्धमे गवाही ढुड़न डटे रहएँ । पर बे कछु न पाइँ ।
\v 56 काहेकी बहुत बाके विरुद्धमे झुटी गवाही लाईं, पर बिनकी गवाही कोई मेल ना खाइँ ।
\v 57 कोई कोई खड़े भए और बाके विरुद्धमे झुटी गवाही लाईं, बे कहीं,
\v 58 जाके अईसे कहत हम सुने, 'हातसे बनाओ भओ जा मन्दिर मए उजाड़ङ्गो, और हात बिनाको बनाओ दुसरो मन्दिर तीन दिनमे मय बनामङ्गो ।"
\v 59 तव जामे फिर उनको गवाही एक मनको न रहए ।
\v 60 तव प्रधान पुजारी बीचमे ठाडके येशूसे पुँछी, “का तिर ठिन कुइ जवाफ न हए ? जे आदमी तिर विरुद्धमे गवाही दईं का हए ?"
\v 61 पर येशू चुप लगो, और कोई जवाफ ना दई । प्रधान पुजारी बासे फिर पुछीं और कही, “का तए परमधन्यको पुत्र ख्रीष्‍ट हए ?"
\v 62 येशू कही, “मए हऔं । और तुम आदमीके पुत्रके सर्वशक्तिमानको दहिना हातघेन बईठो और आकासमे बादरकेसंग आत देखईगे ।”
\v 63 तव प्रधान पुजारी अपन कुर्ता फारके कही, “का हमके और साँचीको जरुरत हए ?
\v 64 तुम ईश्‍वरनिन्दा ता सुनी डारे हओ । तुमर का विचार हए ?” और बे सबय मृत्युदण्डको योग्य होन जैसो दोष लगाइँ ।
\v 65 और कोई कोई बाके थुकन लागे, और बक मुहू तोपके बाके थप्पड मारके कहीं, "अगमवाणी बोल् !” तव पिच्छु पहारेदार बाके अपन जिम्मामे लईं, और बाके मारीं ।
\v 66 पत्रुस तरे आँगनमे रहए तव प्रधान पुजारीको नोकर्नी मैसे एक जनी बाके ठिन आई,
\v 67 और पत्रुसके आगी तापत् देख्के बाके निहारके देखी और कही, "तय फिर येशू नासरीसंग रहए ?"
\v 68 पर बा आइसे कहत् इन्कार करी, “तय का कहत हए मय ना सम्झत हऔं ना जान्त हऔं ।” बक पिच्छु बा आँगनमे गओ और मुर्गा बासी ।
\v 69 पर नोकरनी ऊनमैसे जो जौने ठाड़े रहएँ फिर कहन लागी, “जा आदमी फिर उन्मैसे एक जनी हए ।"
\v 70 तव पत्रुस फिर इन्कार करी । कुछ देरमे आसपास ठाड़े मैसे फिर पत्रुससे कहीं, “पक्कए, तय फिर उन्मैसे एक हए, काहेकी तय फिर गालीली हए ।”
\v 71 पर बा अपनएके सरापके और कसम खाएके कहन लागो, “जौनके बारेमे तुम कहत हओ, बा आदमिक बारेम मोके कुछ पता न हए ।"
\v 72 और तुरन्तय दुसरो चोटी मुर्गा बास्दई । बक पिच्छु पत्रुस येशू बासे कही भई वचन याद करीः दुई चोटी मुर्गा बासन से अग्गु तय मोके तीन चोटी इन्कार करईगो ।” और जा बात समझके बा धरधरहुँस रोई ।
\c 15
\cl अध्याय १५
\v 1 सुबेरे भओ खिनक मुखिया पुजारी, धर्म-गुरु, शास्त्री और जम्मए महासभाके आपसमे सल्लाह करके येशूके बाँधके लईगए, और पिलातस ठिन सौंप दईं ।
\v 2 पिलातस बासे पुँछी, “का तय यहूदीनको राजा हए ?” बा उनके जवाफ दई, “तुम्ही अईसे कहत हओ ।"
\v 3 मुखिया पुजारी येशूके विरुद्धमे बहुत बातकी दोष लगान डटे रहएँ ।
\v 4 पिलातस फिरके येशूसे पुँछी, “काहे तय जवाफ न देत हए ? देख, बे तिर विरुद्धमे कित्तो बातकी दोष लगान डटे हएँ ?"
\v 5 पर येशू पिलातसके कछु जवाफ न दई, और जौनके कारन बा अचम्मो पड़ो ।
\v 6 निस्तार-तेवहरके बेरा आदमीनको अनुरोध अनुसार एक जनी कैदीके पिलातस छोडत् रहए ।
\v 7 विद्रोहीके समयमे हत्या करन बारे विद्रोही जेलमे रहएँ । हुवाँ मैसे बारब्बा नाउँको एक जनी कैदमे रहए ।
\v 8 भीड़ पिलातस ठिन आएगई और बा पहिले जैसे करत रहए उइसिये विनके ताहीं करनके अनुरोध करन लागे ।
\v 9 पिलातस बिनके जवाफ दई और कही, “का मए तुमर ताहीं यहूदीनको राजाके छोड देमऔं करके तुम चाहत हऔ ?"
\v 10 काहेकी दिक्क के मारे से मुखिया पुजारी येशूके बिनके हातमे सौंपी हए कहिके बाके पता रहए ।
\v 11 पर मुखिया पुजारी भिडके बलुक बारब्बाके उनके ताहीं छोडदेबए कहिके चिल्लान उक्साइ रहए ।
\v 12 पिलातस फिर उनके जवाफ दई और कही, “तव यहूदीनके राजाके मय का करओं ?"
\v 13 बे फिर चिल्लाइँ, “बाके क्रुसमे टाँगओ ।”
\v 14 पिलातस उन्से कहि, “बा का अपराध करी हए तव ?” पर बे और जोड्से चिल्लाएके कहीं, “बाके क्रुसमे टाँगओ ।"
\v 15 पर पिलातस भीड़के सन्तुष्‍ट करन चाही । बहेमारे, बा उनके ताहीं बारब्बाके छोड्दई । बा येशूके कोर्रा लगाएके क्रुसमे टाँगनके ताहीं सौंपदई ।
\v 16 सिपईया बाके प्रेटोरियन (ब्यारेक भितरको ठाउँ) मे लईगए, और बे सिपाइनको जम्मए पल्टनके संगय इकट्ठा कराईं ।
\v 17 और बे येशूके बैजनी (सुरमाहों) रङको लत्ता पैंधाएदईं और बे काँटोको मुकुट बनाएके बाको मुँड़मे लगाए दईं ।
\v 18 बे "हे यहूदीनको राजा" कहिके बाके खिल्ली उडान लागे ।
\v 19 और बे बाके मुड़मे निगाली मारीं और थुँकी । बे सम्मानमे बाके अग्गु घुँटो टेकीं ।
\v 20 जब बे बाके खिल्ली उडाईं, बे बैजनी ( सुरमाहों ) रङको लत्ता खोलदईं, और बाको अपनो लत्ता लागएदईं और बाके क्रुसमे टाँगन बाहिर लईगए ।
\v 21 बे गाउँसे आत (अलेक्जेन्डर और रुफसको दउवा) कुरेनीको सिमोन नाउँ भओ एक डगरमे चलनबारोके सेवा करन दबाब दईं, बे बाके येशूको क्रुस ऊठाएके लैजान कर लगाइँ ।
\v 22 तव पिच्छु सिपईया येशूके गलगथा कहन बारो ठाउँमे ल्याइँ ( जौनको नाउँको अर्थ हएः "खोपडीको ठाउँ") ।
\v 23 और बे बाके सिर्का मिलो दाखमद्य पिन दईं, पर बा बाके न पिई ।
\v 24 बे बाके क्रुसमे टाँगी और हरेक सिपईया कौन्छो हिस्सा लेमऔं करके चिट्टा डारके बाके लत्ता आपसमे बाँटीं ।
\v 25 बे बाके क्रुसमे टाँगत् तिसरो पहर भओ रहए ।
\v 26 बे बाके विरुद्धमे अईसो दोष-पत्र लिखी रहएँ, "यहूदीनको राजा ।"
\v 27 बे बाके संग दुई जनी डाँकुके क्रुसमे टाँगींः एकके बाके दहिना घेन और दुसरोके बाके दिबरा घेन ।
\v 28 और "बा अपराधीन संग गिनो गओ" कहो भओ धर्मशास्त्रको वचन पुरो भओ ।
\v 29 हुँवासे जान बारे आदमी अपन मुँड़ हलातय बाको अपमान करीं, “आहा ! तय त मन्दिर उजाडके तीन दिन भितरय बनईया रहए त,
\v 30 अपनयक बचा और क्रुससे उतरके आएजा !"
\v 31 उइसी करके, मुखिया पुजारी फिर शास्त्रीनसे अईसो कहतय आपसमे बाको गिल्ला करीं, “जा औरनके त बचाई, पर अपनएके न बचाए पातहए ।
\v 32 जा इस्राएलको राजा ख्रीष्‍ट अब क्रुससे उतरके आबए, और हम देखके विश्‍वास कर सकएँ ।” और बाकेसंग क्रुसमे टँगे भए फिर बाको निन्दा करीं ।
\v 33 बाह्र बजेसे लईके तीन बजे तक पुरो संसारमे अन्धयारो छाए गओ ।
\v 34 तीन बजे घेन येशू जोडसे चिल्लाई, “इलोई, इलोई लामा सबखथनी ?” जाको अर्थ हए, “हे मेरो परमेश्‍वर, हे मेरो परमेश्‍वर तुम मोके काहे छोड्दए ?"
\v 35 हुवाँ आसपास ठाड़न बारे मैसे कोई कोई जा सुनके कहीं, “देखओ, बा एलिया के बुलात हए ।”
\v 36 और एक जनी दौड़के गओ, और एक सोकता के सिर्का (रसा) मे पुरा डुबाएके एक निगालीमे अइसे कहिके बाके पिन दईं, “बाके तरे उतारन एलिया आत हए कि देखएँ त ।"
\v 37 तव येशू गजब जोडसे चिल्लाई और प्राण छोड दई ।
\v 38 और मन्दिरको पर्दा ऊपर से लईके तरेतक दुई खण्डा हुइके फटिगओ ।
\v 39 येशू अइसो प्राण छोडी देखके बाके ठिन ठाड़ो भओ कप्तान कही, “नेहत्य, जा आदमी परमेश्‍वरको पुत्र रहए ।"
\v 40 हुँवा दुरसे देखनबारी बईयर फिर रहएँ । बिन मैसे मरियम मग्दलिनी, मरियम (छोटो याकूब और योसेफकी अईया), और सलोमी रहएँ ।
\v 41 बा गालीलमे होतपेति बे बाके पिच्छु चलत रहएँ, और बक सेवा सत्कार करत रहएँ । और येशूके संग यरुशलेममे आए भई बहुत बईयर फिर हुँवा रहएँ ।
\v 42 जब संझा हुईगओ, जा तयारी करनबारो दिन वा शवाथ-दिनको अग्गु को दिन होनके कारनसे
\v 43 अरिमाथियाको योसेफ हुँवा आओ । बा महासभाको आदरणीय आदमी रहए, जौन परमेश्‍वरको राजको इन्तजार करन डटो रहए । बा हिम्मतके साथ पिलातसठिन गओ, और येशूकी लहास मागीं ।
\v 44 येशू पहिलिये से मरिगओ रहए करके सुन्तय पिलातस अचम्मो मानी; और कप्तान के अपन ठिन बुलाएके बा मरिगओ रहए कि ना कहिके सोधपुँछ करी ।
\v 45 जब बा येशू मरीगओ रहए कहिके कप्तानसे पता पाएके पिच्छु पिलातस येशूको शरीर योसेफके लैजानके अनुमति दई ।
\v 46 और योसेफ मलमलको कपडा लाई रहए । बा बाके क्रुससे तरे उतारी; बाके मलमलको कपडासे लपेटी, और चट्टान काटके बनाओ भओ कब्रस्थानमे धरी । तव बा कब्रस्थानके गड्डाके मोखो (मोहट्) मे एक पथराके ढुरकाएके छोपी ।
\v 47 मरियम मग्दलिनी और योसेफकी अईया मरियम येशूके कहाँ गाडीं रहएँ कहिके देखत रहएँ ।
\c 16
\cl अध्याय १६
\v 1 जब शबाथ-दिन निप्ठो, मरियम मग्दलिनी और याकूबकी अईया मरियम और सलोमी महकन बारो मलम येशूके शरीरमे लगान ताहीं मोल लईं ।
\v 2 हप्ताको पहिलो दिनमे सुबेरे घामु निकरतय बे कब्रस्थानमे पुगिंगईं |
\v 3 और बे एक आपसमे कहीं, “हमर ताहीं कब्रस्थानको मोखो (मोहट्) को पथरा कौन हटाए देबाए ?"
\v 4 जब बे उपर देखीं और बे कब्रस्थानको को गड्डासे बा पथरा हटो देखीं, काहेकी बा पथरा बहुत भारी रहए ।
\v 5 और गड्डा भितर बे सेतो लत्ता लगाओ भओ एक जवान आदमीके दहिना घेन बैठो देखीं, और बे छक्क पड़गईं ।
\v 6 पर बा उन्से कही, “मत डराबओ ।" तुम नासरतको येशूके ढुड़त हओ जो क्रुसमे टँगो रहए । बा जिन्दा हुइके उठिगओ हए ! बा हियाँ न हए । बे बाके धरो भओ ठाउँ देखओ ।
\v 7 पर जाओ, पत्रुस और बाके चेलनके कहीदेओ, कि बा तुमसे पहिले गालीलमे जाए रहो हए । बा तुमसे कहो अनुसार तुम बाके हुवाँ देखईगे ।
\v 8 बे बाहिर निकरीं और कब्रस्थानसे दौड़के गईं; बे थरथरान डटिरहएँ और छक्क पड़िगईं । बे कोईके कछु फिर न कहीं, काहेकी बे डराईगई रहएँ ।
\v 9 हप्ताको शुरु दिनके सुबेरे, बा जिन्दा हुइके पिच्छु बा मरियम मग्दलिनी ठिन दिखानो जौन मैसे येशू सात भूत निकारी रहए ।
\v 10 मरियम गई और बाकेसंग होनबारेनके सबयके बताई । बा समय बे बिल्काए बिल्काए रोत रहएँ ।
\v 11 पर जब येशू जिन्दा हुइगओ हए और मरियमके ठिन दिखानो कहिके जा बात बे सुनी, तव बे विस्वास न करीं ।
\v 12 तव पिच्छु येशू दुई जनी चेलासंगय गाउँ घेन जातयपेती दिखाई पडो ।
\v 13 तव बे लौटके जाएके और चेलनके बताईं । पर बे उनके उपर बिश्‍वास न करीं ।
\v 14 पिच्छु येशू एघार चेलन ठिन बिनके खानुखान बेरा बैठो देखानो । और बा उनको अविश्‍वास और कठोर हृदयके कारन उनके डाँटी, काहेकी बा मरके जिन्दा हुइके उठीगओ हए करके बाके देखन बारेनके बातमे बे विश्‍वास न करी रहएँ ।
\v 15 और बा उनसे कही, “सबय संसारमे जाओ, और सबय सृष्‍टिके सुसमाचार प्रचार करओ ।
\v 16 जौन विश्‍वास कर हए और बप्तिस्मा लेहए बा बचाओ जयहए और जौन विश्‍वास न करहए बा दोषी ठहरईगो ।
\v 17 जौन विश्‍वास करत हए बिनकेसंग जे चिन्ह हुईहएँः बे मिर नाउँमे भूतनके भजामङ्गे । बे नयाँ भाषामे बोलङ्गे ।
\v 18 बे अपन हातमे साँप पकड़ङ्गे और यदि बे कुई बिषालु चिज पिहएँ फिर जासे बिनके कोई नोक्सानी न करेहए । बे बेमारिनके उपर हात धरङ्गे और बे अच्छे हुईजय हएँ ।
\v 19 प्रभु येशू उनसे मसक्के पिच्छु बा स्वर्गमे चलोगओ और परमेश्‍वरको दहिना हातघेन बईठगओ ।
\v 20 चेला गए, और सबयघेन प्रचार करीं और प्रभु उनके संगमे काम करत रहो, और उनकेसंग भओ अचम्मोको चिन्हन से वचनके मज्बुत करत गओ ।