\v 26 और अशुद्ध आत्मा बा आदमीके फत्फत्बाई, और बा अशुद्ध आत्मा बडो जोडसे चिल्लायके बा आदमी मैसे निकरगओ ।
\v 27 तव सब जनी अचम्मो मानी, और बे अइसे कहत अपनैमे सोधपुँछ करन् लागे, 'जा का हए ? अधिकारसहितको एक नयाँ शिक्षा ! बा अशुद्ध आत्मनके फिर आज्ञा करत हए, और बे बाको आज्ञा मानत हएँ ।"
\v 28 और जलदीय येशू को चर्चा गालीलके इलाकाके आसपास चारौ घेन फैल्गओ ।
\v 29 अब बा तुरन्त सभाघर से निकरके याकूब और यूहन्नाके सँगमे सिमोन और अन्द्रियास के घरमे गओ ।
\v 30 सिमोन की सास बुखारसे भरी रहए, और बे बाके बारेमें येशूके बाताईं ।
\v 31 जहेमारे, बा ढिंगै आएके बक् हात पकड़के बाके उठाई, और बुखार बाके छोड्दई । और बा बिनकी सेवा करन लागी ।
\v 32 बहे संझाके दिन डुबनसे पच्छु, आदमी बाके जउड़े बेमार और भुत लगेभए जम्मै के लिआईं ।
\v 33 पुरो शहरके घरके फाटक में जमा हुइगय रहएँ ।
\v 34 अनेक किसिमके रोग से दुखीभय बहुत बिमारीन के बा अच्छो करी, और बहुत भुतनके निकारी, पर भुत बाके चिनन् के कारन से बा उनके बोलन ना दई ।
\v 35 सुबेरे उजियारो होनसे बहुत अग्गु उठ्के बा बाहिर एकान्त ठाहोंमे गओ, और हुआँ प्रार्थना करी ।
\v 44 "देख तय कोइसे मत कहिए, तय जाएके अपनय पुजारी ठिन दिखा, और मोशाको करो आज्ञा अनुसार बिनके गवाहीके रुपमे तिर शुद्धिकरणके ताहिं भेंट चढा ।"
\v 45 पर बा निकरके गओ, और बाके बारेमे खुल्लम खुल्ला प्रचार करन लागो, और येशू फिर सहेर में खुलेआम न जान पाई । जहेमारे, बा एकान्त ठाहोंमे रहो, और आदमी चारौं घेनसे बाके ठिन आए ।
\v 1 कुछ दिन पिच्छु जब येशू कफर्नहुममे घुमके आओ, और आदमी बा घरमे हय करके सुनी ।
\v 2 और इतनो आदमी जम्मा भए, कि बाहुवाँ फाटक के बाहिर फिर कोइ ठाउँ ना रहए, और येशू उनके वचन प्रचार करी ।
\v 3 और कुछ आदमी बाके ठिन आए, जौन एक जनी पुरो लुन्जाके लान डटे रहएँ, चार जनी आदमी बाके बोके रहएँ ।
\v 4 भीड़ के कारन येशूके जौडे ना पुग पाइँ तव बे, बा आदमीके बा होनबारो ठाउँको उपरको छानी उतकीं और उत्को भओ ठाउँसे लुन्जाके बाको सोनबारी खटिया समेत तरे उतारदईं ।
\v 5 येशू उनको विश्बास देखके बा लुन्जा से कही, "ए लउँड़ा तेरो पाप क्षमा हुइगओ हए ।"
\v 6 पर हुवाँ बइठे भए कुछ शास्त्री मैसे बिनके मनमे अईसो विचार करीं ।
\v 7 “जा आदमी कइसे अइसो बोल सकत हए ? जा त ईश्वर-निन्दा करी । परमेश्वर बाहेक और कौन पाप क्षमा कर सकत हए ?“
\v 8 और बे आपसमे का सोचन डटे हएँ कहिके येशू तुरन्तय अपनो आत्मामे पता पाएके बा उनसे कही, "तुम अपने मनमे काहे अइसो विचार करत हओ ?"
\v 9 लुन्जा आदमीसे का कहन सजिलो हए, 'तेरो पाप क्षमा भओ' कहन कि 'उठ और अपन खटिया उठा और नेंग कहन ?"
\v 10 पर आदमीको पुत्रके पृथ्वीमें पाप क्षमा करनके अधिकार हय करके तुम जानौ ।“ तव बा लुन्जा से कही ,
\v 11 मय तोसे कहत हऔं , उठ अपनो बिछना उठा, और तए घरे जा ।“
\v 12 बा आदमी उठो और तुरन्तय अपन बिछना उठाई और सबय आदमीनके के अग्गुसे घर गइभओ । तहिमारे, सब जनी अचम्मो मानी, और बे परमेश्वरको महिमा दईं, और बे कहीं “हम त अइसो कबहू ना देखे रहएँ ।“
\v 13 बा फिर एक चोटी समुन्द्रके किनारे गओ और आदमीको एक गजब भारी भीड़ बाके ठिन आए और बा उनके शिक्षा देन लागो ।
\v 14 तव पिच्छु जातएपेति बा अल्फयसको लउँड़ा लेवीके कर उठानबारो ठाहोंमे बइठो देखी और बासे कही , मेरे पिच्छु लाग ।“ बा उठो और बाके पिच्छु लाग्गौ ।
\v 15 जब येशू लेवीके घरमे खानुखान बैठो रहए, कर उठान बारे गजब जनी और पापी फिर येशू और बाके चेलनकेसंग खानुखान डटे रहएँ, काहेकी बाके पिच्छु लागन बारे बहुत रहएँ ।
\v 16 जब शास्त्री, जो फरिसी रहएँ, बे येशूके पापीन और कर उठान बारेनसंग खानु खात देखीं, बे बाके चेलन से कहीं, "बा काहे पापीन और कर उठान बारेनसंग खाथ हए ?"
\v 17 जा सुनके येशू उनसे कहि, “ जो आदमी शरीरमे तगड़ो हए, बाके बैदाको जरुरत न पड़त हए, पर रोगिनके इकल्लो बैदाको जरुरत पड़त हए । मए धर्मीनके बुलान न आओ हऔं, पर पापिन के ताहीं आओ हऔं ।“
\v 18 यूहन्नाके चेला और फरिसी उपवास बैठे रहएँ । कुछ आदमी आएके बासे कहीं, "यूहन्नाके चेला और फरिसीके चेला उपवास बैठत हएँ, पर तुमरे चेला काहे उपवास बैठत न हएँ ?
\v 19 येशू उनसे कही, का दुलहा उनके सँग होनतक बरैतिया उपवास बैठत हएँ ? जब दुलहा उनके सँग होनतक बे उपवास न बैठ सकत हएँ ।
\v 20 पर समय अएहए , जब दुलहा उनसे उठाए लओ जयहए, बे दिनमे बे उपवास बैठङ्गे ।
\v 21 कोई फिर पुरानो कपड़ामे नयाँ कपडा को थिग्रा न लगात हएँ, औ नयाँ पुरानो से फटके निकरत हए, और फटो और बेकार हुईजात हए ।
\v 22 कोइ फिर नयाँ दाखरस पुरानो खलरीके मश्कामे न डारत् हएँ , नत बा दाखरस खालको मश्काके फुटाए देहए, और दाखरस और मश्का खराब हुईजय हएँ । पर नयाँ दाखरस नयाँ बरतनमे डारओ ।“
\v 23 एक विश्रामको दिन येशू अन्नको खेत हुइके गओ और बाके चेला नेगतै नेगत् अन्नके बाली तोड़न लगे ।
\v 24 जा देखके फरिसी बासे कहीं, "देख बे विश्रामके दिनमे जो करन ठीक न हए बहे काहे करन डटे हएँ ?“
\v 25 बा उनके कही, “जब दाउद और उनकेसंग होनबारे समस्यामे पड़े और भुक लागो समय बे का करीं कहिके का तुम कबही न पढे हऔ ?
\v 26 प्रधान पुजारी अबियाथार के होतय बा कइसे परमेश्वर के भवन भितर गओ और उपस्थितिको रोटी खाई, जो पुजारी से बाहेक औरन के खान ठीक न रहए, और कुछ रोटी बाकेसंग होन बारेनके फिर दई ?
\v 1 बा फिर सभाघर भितर गओ, और हुवाँ सुखो हात भओ एक आदमी रहए ।
\v 2 बा बाके विश्रामदिनमें अच्छो करेहए करके बाके दोष लगान कुछ आदमी बाको चूहा लेतरहएँ ।
\v 3 येशू सुखो हात भओ आदमी से कहि, “उठ और हियाँ सबयके बीचमे ठाड़जा ।"
\v 4 तव बा आदमिनसे कही, "विश्रामदिनमें अच्छो करन या खराबी करन्, जीवन बचान या मारन् कौन ठीक हए ?” पर बे चुप लागे रहे ।
\v 5 बिनके कठोर हृदयके कारन दु:खी होतय बा गुस्साएके आसपास उनके घेन देखी, और बहे आदमी से कही, “तेरो हात बढा ।” बा हात बढाई और येशू बाके हातके पहिलेको जैसे बनाइ दई ।
\v 6 तुरन्तय फरिसी निकरके गए और बे बाके मारन हेरोदसंग बाके विरोधमे षड्यन्त्र रचीं ।
\v 7 तव येशू अपन् चेलन संग समुन्द्र घेन गओ, और जब बे बा कररहो भओ सबय बात सुनी तव गालीलसे आदमीनकी बहुत भारी भीड़ बाके पिच्छु लागी ।
\v 8 यहूदिया, यरुशलेम, इदुमिआ, यर्दनपार और टुरोस और सिदोनके आसपाससे आए आदमीनको बहुत भारी भीड़ बाको अचम्मो काम के बारेमे सुनन बाके ठिन आए ।
\v 9 भीड़के कारन बा अपन चेलनसे अपने ताहीं एक छोटी नैयाँ तयार करन लगाई, ताकि बे बाके न चिब्दामय ।
\v 10 काहेकी बा बहुतन्के अच्छो करी । बहेमारे, कष्टमे परे भए बाके छूनके ताहीं हौसलासंग बाको जौने गए ।
\v 11 जब अशुद्ध आत्मा बाके देखत रहएँ, घुप्टा पड्के अईसे चिल्लात रहएँ, “तय परमेश्वरको पुत्र हए ।"
\v 12 बाके कोइ पहिचान न पामएँ करके बिनके बा कडो आज्ञा दई ।
\v 13 येशू डँगामें चढो, और बा अपने चाहन बारेनके बुलाई, और बे बाके ठिन आए ।
\v 1 फिर बा समुन्द्रके किनारे शिक्षा देनलागो । बाके चारौघेन भीड़ यितनो भरी रहए की बा समुन्द्रमे भई एक नैयाँमे चढो और बामे बईठगओ । आदमी समुन्द्र के किनारेके ढाहोमे बईठे रहएँ ।
\v 2 और बा उनके कहानीमे बहुत बात सिखाई और बा सिकातपेति उनसे आईसे कही,
\v 3 "सुनौ 'देखओ, एक आदमी बीज बोनके निकरो ।"
\v 4 और बोत पेती कुछ बीज डगर में पड़ेे और चिरैचुरगनि आएके बा बिजके खाएडारीं ।
\v 5 और कुई बीज पथरिली जमीनमे पड़े, जहाँ बहुत मट्टी न रहए, और मट्टीकी गहेराई न हुईके, बे जल्दी जमिगए ।
\v 6 पर जब घामु एकदम जोडसे नीकरो और पिच्छु पिङगा डुङ्गए, जर न हुइके बे अइल्याए गए ।
\v 7 कुई बीज काँटोनके झाँङ्गन के बिचमे पड़े । काँटोनको झाँग बढे और पेंड़ बाँझे हुइगए, और बे कोइ फरा न फराईं ।
\v 8 पर कोई बीज अच्छी जमिनमे पड़े, और जमे और बढके तीस गुना, साठ गुना, और सय गुना फरा दईं ।
\v 10 जब येशू इकल्लो भओ, तओ बाके ढिंगइ के आदमी और बाह्र जनी चेला बा कहानीके बारेमे पुछीं ।
\v 11 बा उनसे कहि, “परमेश्वरको राजको भेद तुमके दवगओ हए, पर बाहिर बारेनके हरेक बात कहानीमे दवगओ हए ।
\v 12 जहेमारे, जब बे देखन त देखत हएँ, पर देख न पात हएँ, और जब बे सुनन त सुनत हएँ, पर समझ न पातहएँ, नत् बे पश्चात्ताप करते, और परमेश्वर बिनके क्षमा कर दित्तो ।”
\v 13 और बा उनसे कही, “ का तुम जा कहानी न समझे ? तओ और कहानीको अर्थ कैसे समझैगे ?
\v 9 और बा बासे पूँछी, “तेरो नाउँ का हए ?” तौ बा कहि, “मेरो नाउँ फौज हए, काहेकी हम बहुत हएँ ।"
\v 10 तव भुतात्माके बा ईलाका से बाहिर न निकारय करके बे बासे नहोरा पड़न लागे ।
\v 11 हुवाँ जाउँड़ेको डाँगामे सोराको एक बहुत भारी बगाल चुगत् रहए ।
\v 12 तव भूतात्मा अइसे कहिके बासे बिन्ती करीं, हमय सोरन के ठिन् जानदे, और हम बा भितर कुचङ्गे ।"
\v 13 बा उनके अनुमति दई, और अशुद्ध आत्मा बाहिर निकरके सोरनके भीतर घुसिगए, और लगभग दुई हजार सोरनको बा बगाल ढाहों मैसे समुन्द्र घेन हुरे, और समुन्द्रमे डूबके मरीगए ।
\v 14 और सोरा चुगानबारे भाजे, और सहर और गाउँ- गाउँमे खबर दईं । और का भओ हए, सो देखन आदमी हुँवा आए ।
\v 18 काहेकी यूहन्ना हेरोदसे अईसे कहिरहए, “अपनी भईयाकी बैइयर के अपनी बैइयर बनान तोके ठीक न हए ।"
\v 19 जहेमारे हेरोदियास बाके ऊपर रीस धरेरहै, और बाके मारन चाहत रहए, पर मारन न सिकी रहए ।
\v 20 काहेकि यूहन्ना एक धर्मात्मा और पबित्र आदमी कहत रहएँ, हेरोद बासे डरात रहए, और बाके सुरक्षित करे रहए । यूहन्नाको शिक्षा सुनके बा बहुत अचम्मो मानत रहए, और खुशीसे सुनत रहए ।
\v 21 तव अच्छो मौका बा समय आईगओ, जब हेरोद अपनो जनम दिनमे अपने ऊँचेपदके पदाधिकारिन, अधिकृतनके, और गालीलके मुखिया-मुखिया आदमीनके बहुत भारी पाटीदई ।
\v 22 काहेकी जब हेरोदियासकी अपनी लौंडिया भीतर आएके नाची, तौ बा हेरोद और उनके पाहुनन्के खुशी करदई । तव राजा बा लौंडियासे कहि, “तोके जो इच्छा लागत हए बो माग, और मय तोके देऔं ।”
\v 23 बा कसम खाएके बासे कहि, तय मोसे जो मागैगो मय मेरो आधो राजतक तोके देमङ्गो ।
\v 24 और बा बाहिर निकरके अपनी आईयासे पूँछी, “मय का माँगौं ?” बा कहि, “बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्नाको मुँड़ ।"
\v 25 तव बा दौरके जल्दीसे भीतर राजा ठीन आई, और आइसे करके माँगी, “ तुम मोके हबाए बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्नाको मुँड थारीयामे देबौ करके मय ईच्छा करत हऔं ।”
\v 26 राजा बहुत दुखी हुईगऔ, तव बा अपनो कसम और पाटीमे बैईठन बारे पाहुनन्के कारन बा लौंडियाके दओ बचन तोड़ नपाई ।
\v 27 राजा तुरन्त गारदको एक जनी सिपाहीके पठाई और यूहन्नाको मुँड़ लानके हुकम दई । और बा जेलमे गौ यूहन्नाको मुँड़ काटी,
\v 28 और बाको मुड़ थरीयामे लाएके लौंडियाके दई, और बा लौंडिया अपनी आईयाके दई ।
\v 29 यूहन्नाके चेला जब जा बात सुनी तव बे आएके बाको लहास उठाएके मरघटमे लैजाएके गाड़ी ।
\v 30 और प्रेरित येशूके ठिन जमा भए, और बे जो जो करी रहएँ और सिकाई रहएँ, बे सब बाके बताइ दईं ।
\v 31 बा उनसे कहि, “तुम अपनए मिरसंग एकान्त ठाउँमें आओ, और कुछ थकाई मारौ । ”काहेकी हुवाँ आनजानबारे बहुत रहएँ, और बाके खान तक फुर्सत न रहए ।
\v 32 और बा नैयाँमे चुप्पए एकान्त ठाउँमे गओ ।
\v 33 पर बहुत आदमी बिनके जात देखीं, और बिनके चिन्लै, और बे सबय सहेरसे पैदर दौडत उतय गए, और बाके अग्लेछा बा ठाउँमे पुगे ।
\v 34 जब बा किनारे उतरो तव बा एक बहुत भारी भीड़ देखी, और बा उनके डहा करी । काहेकी बे बक्रेराह बिनाके भेडा कता रहएँ । और बा बिनके बहुत बात सिकान लागो ।
\v 35 और जब दिन बहुत ढरको तव बाके चेला बाके ठीन आएके कहीं, “जा एकान्त ठाउँ हए, और अब दिन बहुत ढरक गओ ।
\v 36 आदमीनके बिदा देओ, और बे आसपासके बस्ती और गाँवमें जाएके अपने ताहिं कुछ खानबारो चीज किन सिकएँ ।”
\v 37 तव बा उनसे कहि, “तुमही बिनके कुछ खानके देओ ।” तव बे बासे कहीं, “का हम जाएके दुई सय दीनारको रोटी किनके बिनके खान देमए का ?"
\v 38 बा उनसे कहि, “तुमर सँग कित्तो रोटी हएँ ? जाएके देखओ ।” और पत्ता लगाएके पिच्छु बे कहीं, “पाँच रोटी और दुई मछरी ।”
\v 39 और बा आदमीनके हरो चउरमें दल बाँधके बैठन हुकुम करी ।
\v 40 बिनके सय-सय और पचास-पचासके लईन लगाएके बैठाईं ।
\v 41 तव बा पाँच रोटी और दुई मछरी लैके स्वर्ग घेन देखके आशीर्वाद दई, और बा रोटी तोड़ी और आदमिनके आगु धरदै और चेलनके दई, और बे दुई मछरी फिर बा सबय जनीके बाँटन दई ।
\v 55 और आसपास के जम्मा गाउँके बे दौरत, और जहाँ येशू हए करके सुनी बा हुवाँ बेमारिनके बिछौनामें धरके लान्लागे ।
\v 56 और गाउँमे, सहरमे और बस्तीमें जहाँ जहाँ बा गओ, आदमी रोगिन के बजार बजार धरदईं, और बाके पिछौडाके किनारे खाली छुन पामएँ करके बे बासे बिन्ती करीं, और जीत्तो छुईं बे सब अच्छे हुइगए ।
\v 1 यरूशलेमसे आए भए फरिसी और शास्त्री येशूके चारौ तरफ जम्मा हुईगए ।
\v 2 येशूके कित्तो चेला अशुद्ध हात और न धोएके हातसे खात बे देखिं ।
\v 3 फरिसी और सब यहूदीनके पुर्खान दओ परम्परा अनुसार हात न धोए के खानु खात न रहएँ ।
\v 4 बजारसे आएके हँदाएके शुद्ध न भए तक बे खानु न खात रहएँ । इतकए इकल्लो नाएकि, बे आईसे बहुत परम्परा मानत रहएँ । कटोरा, भाड़ा और काँसोके वर्तन धोनक परम्परा ।
\v 5 तव फरिसी और शास्त्री बासे पुछीं, “तुमर चेला पिता-पुर्खाको धरो परम्परामे काहेना चलतहएँ, और अशुद्ध हातसे खातहएँ ?”
\v 6 तव बा उनसे कही, “यशैया तुमए कपटीनके बारेमे ठिक अइसे अगमवाणी करी, अइसो लिखो हए, “जा जाति मोके ओठसे इकल्लो आदर करत् हए, और उनको ह्रदय मोसे दूर हए ।
\v 7 बे व्यर्थमें मेरो उपासना करत् हएँ, और उनको शिक्षा आदमीके सिकाओ विधि इकल्लो हए ।”
\v 13 और उनके छोडके बा फिर नैयाँमें चढ्के बोपार गओ ।
\v 14 चेला अपनसंगमे रोटी लैजान भूलगए, और नैयाँमे बिनके सँग एकय रोटी रहए ।
\v 15 "येशू चेलन के अईसे करके चेतावनी दई, “तुम फरिसीनको खमीर और हेरोदके खमीरसे होशियार रहिओ ।"
\v 16 तव बे सँगमे रोटी न हए बहेमारे येशू कही हए, करके बे आपसमे बहस करन लगे ।
\v 17 येशू जा पता पाए के बिनसे कहि, “तुमर सँग रोटी न हए, तव काहे तुम बहस करत हओ ? का तुम हबाए फिर देखत न हओ और जानतउ न हओ ? का तुमरो मन कठोर हुईगव हए ?
\v 18 तुमरसंग आँखी हए तहूँ फिर देखत न हओ ? कान हए तहूँ फिर सुनत न हओ ? का तुमए याद न हए।
\v 30 येशू बाके बारेमे कोईके मत कहिओ करके बिनके चेतावनी दई ।
\v 31 बा आदमीके पुत्रके बहुत दुःख भोगन, और धर्म-गुरुसे, मुखिया पुजारीसे और शास्त्रीसे इन्कार करनो और मरनो और तीन दिन पिच्छु जिन्दा हुईके उठ्नो आवश्यक हए " करके बा उनके सिकान लागो ।
\v 32 अइसे बा जा बात साफ साफ कहन लागो । तव जा सुनके पत्रुस बाके एकघेन लैजाएके झड्कन लागो ।
\v 33 तव घूमके अपन चेलनके देख्के पत्रुसके बा अइसे करके डाँटी, “शैतान मिर ठीनसे हटीजा, काहेकी तेरो मन परमेश्वर घेन न हए, आदमी घेन हए ।"
\v 34 तव बा अपन चेलनकेसंगमे भीड के अपने ठिन बुलाएके उनसे कही, “कुई आदमी मिर पिच्छु लागन इच्छा करत हए, तव अपनएके इन्कार करए, और अपनो क्रूस उठाएके मेरे पिच्छु लागए ।
\v 35 काहेकी जौन अपन प्राण बचानके इच्छा करत हए, बा बाके खोबईगो, पर मेरे और सुसामाचारके ताहिं अपन प्राण गुमएहए बा बाके बचाबैगो ।
\v 36 काहेकी आदमी सबय संसार पाएके अपनो प्राण गुमाएके बाके का फाईदा हुईहए ?
\v 37 और आदमी अपनो प्राणके बदलामे का देन सिकैगो ?
\v 38 और जा व्यभिचारी और पापी पुस्ता जो मोए देखके और मिर वचनसे शर्माए हए, आदमीको पुत्र फिर अपन पिताके महिमामे पवित्र स्वर्गदूतसंग आत बासे शर्माबैगो ।”
\v 1 "और बा उनसे कही, "नेहत्य, मए तुमसे कहत हऔं, हिंया ठाढे भए मैसे कोई-कोई हएँ, जौन परमेश्वरके राज शक्तिमे आओ न देखेतक् कोई किसिमसे मृत्यु न चखाङ्गे ।"
\v 2 बाको छय दिन पिच्छु येशू पत्रुस, याकुब और यूहन्नाके बा अपन सँग लई और एक उँचे पहाड़में लईगओ । हुवाँ बेही इकल्ले रहएँ, और बिनके अग्गु बाको रूप बदलगओ ।
\v 3 और बाको कपडा चमकन लागो और इत्तो सेतो भओ, कि पृथ्वीमे कोई फिर धोएके इत्तो सेतो न करपएँ हएँ ।
\v 4 हुवाँ बिनके ठिन एलिया और मोशा दिखाइदईं, और बे येशूसे बातचीत करत रहएँ ।
\v 5 "पत्रुस येशूसे कहि, “गुरुजी हम हियाँ हएँ तव अच्छो भओ । हम हियाँ तीन बासस्थान बनामएँ, एक तेरे ताहीं, एक मोशाके ताहिं और एक एलियाके ताहीं ।
\v 6 बे गजब डरके मारे बे का कहामएँ तव बे न जानी ।
\v 7 "और एक बादर आएके बिनके तोपदै, और बादरसे एक आवाज निकरो, “जा मिर प्यारो पुत्र हए, तुम बाको वचन सुनिओ ।"
\v 8 और झट आसपास देखके बे अपन सँगमे येशूके अलाबा और कोइके न देखीं ।
\v 9 बे पहाड़से उतरतपेती येशू उनसे कही, “जबतक आदमीको पुत्र मरके जिन्दा न हुईहए तवतक, तुम जा कोइके मत बातइओ ।
\v 10 बे जा बात अपन मनमे धरीं, तव मरके जिन्दा होनो कहोको का हए कहिके एक दुसरे से बातचीत करन लागे ।
\v 11 और बे बासे आइसे करके पुछीं, “पहिले एलिया आन पड़ईगो करके व्यवास्थाक शास्त्री काहे कहत हएँ ?"
\v 12 "येशू कहि "नेहत्य , एलिया पहिले से आईगओ है, और सब बातक सुधारैगो । तव आदमीक पुत्र बहुत कष्ट भोगैगो, औरन्से तुच्छ होबैगो, करके धर्मशास्त्रमे लिखोहए त ।"
\v 13 तव मए तुमसे कहत हऔं, एलिया आईगओ हए, और उनके बारेमे लिखो अनुसार उनके सँग जो मन लागो बे उईसीए करीं ।”
\v 14 और चेलनके ठिन घूमके आत बे एक बहुत भारी भीड़ घेरत और बिनके संग शास्त्री बहस (बादबिबाद) करत बे देखीं ।
\v 35 तव बा बईठो, और बाह्रौं जनिक बुलाई, और उनसे कहि, “कुई आदमी पहिलो होन इच्छा करेहए तव, बा सबसे पिच्छु और सबको सेबक होन पड़ैगो ।”
\v 36 और एक छोटो बच्चा लैके, बा बाके उनके बिचमे धरी, और बाके गोदीमे लइके बा उनसे कही,
\v 37 "जौन अईसो छोटो बच्चा मैसे एक जनीके मेरे नाउँमे ग्रहण करेहए, बा मोके ग्रहण करेहए, और जौन मोके ग्रहण करहए बा मोए नाय, पर मोके पठान बारेके ग्रहण करहए ।”
\v 38 यूहन्ना बासे कही, “गुरुजी, एक आदमी तुमर नाउँमे भुत निकारतय हम देखे, हम बाके अईसे करन मनाही करे, काहेकि बा हमर पिच्छु लागन बरो आदमी न हए ।"
\v 39 तव येशू कहि, “बाके मनाही मत करओ, काहेकि मेरे नाउँमे शक्तिके काम करन बारो तुरन्त मेरे विरुद्धमे खराब ना बोलैगो ।
\v 41 काहेकि जौन तुम ख्रीष्टके हऔ, कहिके उनके मेरे नाउँमें एक कटोरा पानी पिन देहौ, नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं, बा कोई किसिमसे अपन इनाम न गुमाबैगो ।
\v 42 "जौन मिर ऊपर विश्वास करन् बारे जे छोटे मैसे एक जनीके बाधा देबैगो, बासे भलो त एक बड़ो चकियाको पटा बाके घेंटमे बाँधके समुन्द्रमे फेकदेन अच्छो रयहए ।
\v 43 अगर् तुमर हात तुमके बाधा देत् हए कहेसे बाके काटदेओ । दुई हात हुईके नरक कि नबुतन् बारी आगी मे जानसे लुलो हुइके जीवन बितान् अच्छो हए ।
\v 44 नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।
\v 45 औ तुमर टाँग तुमके बाधा देत् हए तव बाके काटदेओ । दुई टाँग हुईके नरकमे फेकदेन से अच्छो लँगड़ा हुईके जीवन बितान अच्छो हए ।
\v 46 नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।
\v 47 अगर तुमर आँखी तुमके बाधा देहए कहेसे बाके निकारके फेंकदेओ दुई आँखी हुईके नरकमे फेकन्से अच्छो त एक आँखी हुईके परमेश्वरको राजमे घुसन् तुमर ताहीं अच्छो हए ।
\v 48 नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।
\v 49 काहेकि सबएके आगीय नुनाइन बनात हए ।
\v 50 नुन अच्छो हए, पर अगर नुनको स्वाद चलोगओ तव बाके कासे स्वादिष्ट करैगे ? अपनेमे नुन धरओ, और आपस मे मेलमिलाप से रहबओ ।
\v 11 बा उनसे कही, “जौन अपनी बैयर सँग छुटपत्र करके दुसरे सँग बिहा करेहए, बा उनके बिरुद्धमे व्यभिचार करेहए ।
\v 12 और अगर बैयर अपनो लोगासँग छुटपत्र करके दुसरे से बिहा करहए, बा व्यभिचार करेहए ।”
\v 13 आदमी छोटे बाल बालिकन के येशू छुई देबए कहिके बाके ठिन ल्याइँ, तव चेला बिनके डाँटीं ।"
\v 14 तव जा देखके येशू दिक्काइ गओ, और उनसे कही, “छोटे बाल बालिकनके मेरे ठिन आनदेओ, बिनके मत रोकओ, काहेकि परमेश्वरको राज अईसिनको हए ।
\v 15 नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं, जौन परमेश्वरको राजके एक छोटो बालक जैसो ग्रहण न करेहए बा कतै भीतर घुसन न पयहए ।"
\v 16 और बा उनके गोदिमे लैके बिनके उपर अपन हात धरके आशीर्वाद दई ।
\v 17 येशू डगरमे जात रहए, एक आदमी दौड़के आएके बाके अग्गु घुँटो टेकके बिन्ति करी, “हे अच्छो गुरु, अनन्त जीवन पानके ताहिं मोके का करन पडैगो ?"
\v 18 येशू बासे कहि, “तए मोके काहे अच्छो कहत हए ? एकय परमेश्वर बाहेक और कोई अच्छो न हए ।
\v 19 तए आज्ञा त जानत् हए, तए हत्या मत् करए, व्यभिचार मत् करए, मत चूरैये, झुटो गवाही मत दिये, मत ठगिये, अपन दउवा और अईयाके आदर करिये ।”
\v 20 और बा बासे कहि, “गुरुजी जा त सबय मए मेरे जमानीय अबस्थासे पालन करो हऔं ।"
\v 21 येशू बाके देखी, और माया करके कही, “तिरमे हबए एक बात और कमी हए । तिरसंग जो जीत्तो हए सबय चीज बेचन पड़हए और बे गरीबनके देन पड़हए, और तोके स्वर्गमे सम्पति मिलैगो । और आएके मिर पिच्छु लाग ।"
\v 22 पर जा बातसे बाको चेहेरा उदास हुईगओ, और बा दुखित हुईके गईभओ, काहेकि बाकेसंग बहुत धन-सम्पति रहए ।
\v 23 और आसपास देखके येशू अपन चेलनसे कही, “धनीके परमेश्वरके राजमे घुसन कित्तो अग्ठो हए ।"
\v 24 बाकी कहि भई बातमें चेला अचम्मो मानी । तव येशू फिर उनसे कहि, बालक रेऔ, धन-सम्पति उपर भरोसा करन बारेनके परमेश्वरको राज भीतर घुसन कित्तो अग्ठो हएए ।
\v 27 येशू उनके देखके कहि, “आदमीके ताहिं जा असम्भव हए, और परमेश्वरके ताहिं न हए, काहेकि परमेश्वरके ताहिं सब बात सम्भब हए।"
\v 28 पत्रुस बासे कही, “देख, हम त सबय चीज छोडके तुमर पिच्छु लागेहएँ ।”
\v 29 येशू कही, “नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं, जौन मिर ताहिं और सुसमाचारके ताहिं घर और ददा-भईया, दिदी-बहिनिया, औ अईया दउवा, औ लौंड़ा-लौंड़िया और जगहा जमीन छोडैगो,
\v 30 बा सतावट के संगयसंग सओ गुणा जद्धा घर, ददाभईया, दिदी बहिनिया, अईया, लउँड़ा-लउँड़िया और आनबारो संसारमे अनन्त जीवन पाबैगो ।
\v 31 पर बहुत जनी जो अग्गु होनबारे पिच्छु होमङ्गे और पिच्छु होनबारे अग्गु होमङ्गे ।”
\v 32 बे यरुशलेम घेन जात रहएँ, और येशू उनके अग्गु अग्गु नेगत रहए । चेला अचम्मो मानी, और पिच्छु पिच्छु आनबारे घबराइ गय रहएँ, तव बा बाह्रओं चेलनके फिर अलग्गए लैगओ और अब जल्दी बाके का होनबारो हए, सो बतान शुरु करी ।
\v 40 पर मिर दहिनाघेन औ दिबराघेन बईठन त मिर देनबारी बात न हए, पर जा जौनके ताहिं तयार करो गओ हए, बिन्हीं के ताहिं हए ।”
\v 41 जा सुनके दशौं जनी चेला याकुब और यूहन्ना से दिक्काए गए ।
\v 42 तव येशू बिनके अपने ठिन बुलाएके कही, “तुम जानत् हओ कि अन्यजातिनके उपर शासन करन बारे उनके उपर अख्तियार चलात हएँ । और उनके बड़े बड़े बिनके उपर अधिकार चलात हएँ ।
\v 43 पर तुमरमे अईसो ना हुईहए । तुमरमे जौन बड़े होन इच्छा करत हए बा उनको सेवक होन पडैगो ।
\v 44 और तुमरमे जौन पहिलो होन इच्छा करत हए, बा सबको कमैया होन पडैगो ।
\v 45 काहेकी आदमीको लउँड़ा सेवा पानके ना, पर सेवा करन और बहुतनको छुटकाराको मोलके ताहिं अपन प्राण देनके आओ हए ।
\v 46 तव पिच्छु बा यरीहोमे आओ । और बा अपन चेला और बड़ी भीड़ संगय यरीहोसे निकरतपेति तिमैको लउँड़ा बारतिमै एक अन्धरा भिखारी रहए, डगर किनारे बैठो रहए ।
\v 13 बा दुरयसे पत्तासे भारो एक अञ्जीरको रुखा देखी । जामे कुछ फरा पएहओं कि कहिके बा देखन गओ । जब बा हुवाँ अओ बा पत्तासे अलाबा और कछु फिर ना पाई, काहेकि बा समय अञ्जीरके फरा फरनको समय ना भओ रहए ।
\v 14 बा बासे कही, “ तेरो फरा फिर कोई कबहु फिर ना खामएँ ।” और जा कहत बाके चेला सुनत रहएँ ।
\v 15 और यरूशलेममे पुग्के पीच्छु बा मन्दिर भीतर घुसो, और मन्दिरमे खरिदन बारे और बेचन बारेनके बाहिर निकारी और रुपैया साटन बारेनके टेबुल और परेवा बेचन बारेनके बैटनबारो कुरसीके लौट दई ।
\v 16 बा मन्दिरसे कोईके बेचनबारी कछु चीज फिर लैजान ना दई ।
\v 17 और बा शिक्षा देतय कही, “का आइसो ना लिखो हए, मिर घर सब जातिनके ताहिं प्रार्थनाको घर कहोजय हए ?” पर तुम त जाके डाकुँको अड्डा बनाए हऔ ।
\v 23 नेहत्य मए तुमसे कहत हऔं, अगर कुई अपन हृदयमे शंखा ना करेहए, और अपनो कहो बात पूरा हुईहए कहिके विश्वास करके जा पहाड़के 'उठ और समुन्द्रमे गिरजा' कएहओ, तव परमेश्वर बहे करईगो ।
\v 24 जहेमारे मए तुमसे कहत् हऔं, तुम प्रार्थनामे जो मागे हओ, सो पाए हओ, कहिके विश्वास करओ, तव तुमर ताहिं हुईजाए हए ।
\v 25 जब तुम प्रार्थना करन ठाढत् हओ, तव कोईके विरुद्धमे तुमर कुछ हए तव क्षमा करिओ, तव स्वर्गमे होन बारो तुमरो पिता फिर तुमरो अपराधके क्षमा करदे हए ।
\v 26 और क्षमा ना करेहओ, तव स्वर्गमे होनबारो पिता फिर तुमरो अपराधके क्षमा ना करैगो ।”
\v 27 बे फिर यरूशलेममें आए। और येशू मन्दिरमे इतए उतए नेगत समयमे मुखीया पुजारी, शास्त्री, धर्म-गुरु बाके ठिन आए ।
\v 28 बे बासे प्रशन करीं, “कौन अधिकारसे तुम जा काम करत् हओ ? जा काम करन के अधिकार तुमए कौन दओ ?”
\v 29 येशू बिनसे कहि, “मए तुमसे एक प्रशन पुँछत हऔं, और तुम बाको जवाफ देओ, और कौन अधिकारसे मए काम करत हऔं, सो महूँ बताए हऔं ।
\v 1 बक पिच्छु येशू उनसे कहानीमे सिकआण लागो । भआ कही, “एक आदमी अँगुरकी बगिया लगाएके बाके आसपास बेढा लगाई, और कोलू के ताहिं एक गड्डा खोदी । और एक मचान बनाएके बा अँगुरकी बागियामे किसानके कमानके दैगओ, और अपना प्रदेश गओ ।
\v 2 फसलके समयमे बा, बे किसानके ठिन कुछ फसल लेनके एक टाहलुवाके पठाई ।
\v 3 तव बे बाके पकडके मारीं और खाली हात पठाए दईं ।
\v 14 बे आएके बासे कहीं, “गुरुजी, हम जानत हएँ, तुम सच्चे हओ, और कोइको ख्याल ना करत हओ, काहेकी तुम मुहुँ देखके काम ना करत हओ और परमेश्वरको डगर सच्चो तरिकासे सिखात हओ । तव बताबऔ, कैसरके कर तीरन ठीक हए कि ना ? हम कर तिरएँ की ना तिरएँ ?
\v 15 पर येशू उनको कप्टीपन पता पाएके उनसे कही, “तुम काहे मोके परीक्षा करत हओ ? मोके एक सिक्का लाबओ ताकि मय देख सकऔं ।”
\v 1 जब बा मन्दिरसे निकरत रहए, तव बाको चेला मैसे एक जनी बासे कही, “देखओ गुरुजी, कित्तो अच्छे पत्थर और भवन !"
\v 2 येशू उनसे कही, “ का तुम जे भवन देखत हओ ? जे न बिगाडके एकके उपर दुसरो पत्थर धरनके एक भी पत्थर न बचैगो ।”
\v 3 जब बा मन्दिरके अग्गु जैतुन डाँगामे बैठो रहए, पत्रुस, याकूब, यूहन्ना और अन्द्रियास बासे चुप्पयसे पुछीं ?"
\v 4 "हमके बता कि जे सब बात कब हुइहएँ ? और जे सब बात होनके कैसो कैसो चिन्हा होमङ्गे ?"
\v 5 येशू उनसे कही, “होसियार रहबओ, कोई तुमके ना भरमाबए ।
\v 6 बहुत जनी मेरे नाउँमे 'मय बहे हऔं' कहत अमङ्गे, ओर बे बहुतन के भड़कामङ्गे ।
\v 7 जब तुम लडाईं और लडाईन् के हल्ला सुनैगे, चिन्ता मत डरैओ, अईसे बात होन जरुरी हए पर अन्तको दिन आन अभे फिर बाँकी हए ।
\v 8 काहेकी जातिके विरुद्धमे जाति, और राजके विरुद्धमे राज ठाड़ङ्गे । ठाउँ-ठाउँमे हालाचाला आबईगो, सुखा पड़ईगो । जे जतकाल (प्रसववेदना) को सुरु होनो जैसो हए ।
\v 9 "तुम अपनयके होसियार रखईओ । बे तुमके अदालतमे सौपङ्गे, और सभाघरमे तुमके पिटङ्गे । तुम हाकिम और राजा दोनोके अग्गु मिर ताहीं बिनके गवाही देन तुम ठाड़ैगे ।"
\v 10 पर सबय जातिनके पहिले सुसमाचार प्रचार करो जयहए ।
\v 11 जब आदमी तुमके पकड़के मुद्दा चलामङ्गे, तव का बोलौं कहिके अग्गुसे चिन्ता मत करओ । काहेकी बा समय तुमके का बोलन हए, सो तुमके दओ जयहए, बा समय बोलन बारे तुम ना हओ पर पवित्र आत्मा होबैगो ।
\v 12 एक भईया दुसरे भैईयाके और दऊवा लउँड़ाके मारन् के ताहीं सौंपङ्गो । अईसीय करके लउँड़ा लउँड़िया अपन अईया दउवाके विरुद्धमे ठाडङ्गे और उनके मारन लगबामङ्गे ।
\v 13 मिर नाउँके ताँही तुम सबसे घृणित हुइहओ । पर जो अन्ततक अटल रयहए बाको उद्धार हुइहए ।
\v 14 "जब तुम विनाशकरी घृणित चिज जहाँ होनके ना रहए, हुवाँ ठाड़ो देखइगे {पढनबारे बुझएँ} तव यहूदियामे होनबारे पहाड घेन भाजएँ ।"
\v 15 घरके पाँड़मे होनबारे तरे न उतरएँ, न अपन घरसे कुछ निकारन भितर कुचएँ ।
\v 16 खेतमे होनबारो अपन चद्दर लेन ना आमएँ ।
\v 17 पर हाय, बे दिनमे गर्भबती और दुध खाबन बारी अईयनके !
\v 28 अञ्जीरके रुखासे पाठ सिखओ । जब बाको हाँगा नरम हुइके पत्ता होत खिनक ग्रीष्म ऋतु जौने हए कहिके तुमके पता हुइजात हए ।
\v 29 अइसीय करके, जब तुम जे सबय घटना होत देखैगे, बा ढिंगई हए, फाटकके ढिंगई हए कहिके तुम जानओ ।
\v 30 नेहत्य, मए तुमसे कहत हऔं, जबतक जे सबय बात ना होनतक तबतक जा पुस्ता ना बितैगो ।
\v 31 स्वर्ग और पृथ्वी बीत जयहए, पर मिर वचन कबहु ना बितैगो ।
\v 32 पर बा दिन और बा समयके बारेमे पिताके बाहेक और कोईके फिर पता न हए, न त स्वर्गदूतनके, न पुत्रके ।
\v 33 हौसियार रहीओ, जगे बईठिओ, काहेकी बा समय कब आयहए, सो तुम ना जानत हओ । ( टिपोटः कुछ पुराने प्रामाणिक लेख जाके अईसे उल्लेख करत हएँः हौसियार रहिओ, जगे रहियो और प्रार्थाना करियो काहेकि...)
\v 34 जा त मालिक अपन चाकरनके घरको सबय काम और अधिकारको जिम्मा दईके, और चौकीदारके जगो रहन कहिके आज्ञा दईके परदेश गएभओ जइसो हए ।
\v 35 जहेमारे, जगे रहिओ ! काहेकी घरको मालिक संझाके या आधी रातमे या मुर्गा बासन बेरा कि सुबेरे कब अयहए कहिके तुम ना जानत हओ ।
\v 1 जा निस्तार और अखमिरी रोटीको तिवहारसे दुई दिन अग्गु रहए । मुखिया पुजारी और शास्त्री बाके कैसे गुप्त रुपमे गिरफ्तार करएँ और मारएँ कहिके विचार करन डटे रहएँ ।
\v 3 जब येशू बेथानियामे सिमोन कोढ रोग लागो आदमीके घरमे खान बैठो बेरा एक बईयर बेढम महेंगो कोरो महकुवा तेल सिङ्गमरमरको शीशीम लैके आई और बा शीशी कि कुप्पी खोलके बा महकुवा तेल बाके मुणमे अखनाए दई ।
\v 4 तव कोई कोई दिक्काएके आपसमे कहन लगे, “जा महकुवा तेल काहे अईसे नुक्सान करत हओ ?
\v 5 काहेकी जा महकुवा तेल तीन सय चाँदीके सिक्कासे जद्धामे बेचके गरीबनके बा पैसा दए दित्ते ।” और बे बा बईयरके झपाड़ी ।
\v 6 पर येशू उनसे कही,“छोडदेओ, काहे तुम जाके सतात् हओ ? जा मिर ताहीं अच्छो काम करीहए ।
\v 7 काहेकी गरीब त तुमर सँग सबदिन हुइहएँ, और इच्छा लागो जौन समयमे फिर तुम उनके भलाई करसकत् हओ । और मए त सबदिन तुमरे सँग ना हुईहऔं ।
\v 8 जा बईयर जो करपाई बहेकरी हए । जा मिर शरीरके दफनके ताहीं अभिषेक करीहए ।
\v 9 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हऔं, सारा संसार भर जहाँ-जहाँ सुसमाचार प्रचार करो जयहए, हुवाँ जा बईयरको करो भओ काम बाके सम्झनाके ताहीं बताओ जयहए ।”
\v 10 तव बाह्र चेलन मैसे एक जनी यहूदा इस्करियोत येशूके बिनके हात पकड़ानके ताहीं मुखिया पुजारी ठिन गओ ।
\v 11 मुखिया पुजारी जा सुनके खुशी भए, और बाके पैसा देहएँ करके वाचा करीं । और बाके कैसे पकणएँ करके बा अच्छो मौका ढुड़न लागो ।
\v 12 अखमिरी रोटीको तेवहरको पहिलो दिनमे जब बे निस्तार-तेवहरमे थुमाको बलिदान चढात रहएँ, बाके चेला बासे पुछीं, “तुमर इच्छा का हए ? हम कहाँ जाएके तुमर ताहिं निस्तार-तेवहरको भोज तयार करएँ ?
\v 13 और बा अपन चेला मैसे दुई जनीके अईसे करके पठाई, “सहेरमे जाओ, और घल्ला मे पानी लैजात एक आदमी तुमके मिलेहए और बाके पिच्छु जईयो ।
\v 35 येशू थुर दुर जाएके बा भिमे घुप्टियाए गओ और प्रार्थना करी, कि हुई सक्तहए तव जा समय बासे हट्के चलो जाबए ।
\v 36 और बा उन्से कही, “हे अब्बा, पिता, तुमरे ताहीं सब बात सम्भव हए । जा कटोरा मोसे हटाएदेओ । तहुँ फिर मिर इच्छा अनुसार नाय, पर तुमर इच्छा पुरा होबए ।”
\v 37 बा लौटके अओ और बिनके सोत पाई और बा पत्रुससे कही, "सिमोन, का तए मस्त सोन डटो हए ? का एक घण्टा फिर जगो न बईठ पाओ ?
\v 38 जगे रहओ, और परीक्षामे मत पड़ओ कहिके प्रार्थना करओ । वास्तवमे आत्मा ता तयार हए, पर शरीर कमजोर हए ।
\v 39 बा फिर गओ और प्रार्थना करी और बा बेही वचनके प्रयोग करी ।
\v 40 फिर बा आओ और उनके सोतय पाई, काहेकी उनकी आँखी नींदसे बहुत घुँघरियाए गइरहएँ, और बाके का जवाफ देमएँ काहेके बे न जानी ।
\v 41 बा तीन चोटी आओ, और उनसे कही, “का तुम अभउ सोन डटे हओ और आराम करन डटे हओ ? हुइगओ, बेरा आइगओ हए । देखओ ! आदमीको लउँड़ा पापिनके हातमे सौंपो जान लागो हए ।
\v 43 येशू बोलतय रहए तव बाह्र जनी चेला मैसे एक जनी यहूदा अचानक हुवाँ देखाइ पड़ो और मुखिया पुजारी, शास्त्री और धर्म-गुरुनसे पठाए भए एक दल तलवार और लट्ठी लईके बाके सँग हुवाँ आए ।
\v 44 अब, बाके धोखा देन बारो उन्से अईसे करके एक सङ्केत दई रहए, “जौनके मए चुम्मा खएँ हऔं, बहे आदमी हए, बाके पकड़िओ और घेरके लाएजईओ ।"
\v 45 जब यहूदा आओ, तुरन्तय बा येशू ठिन आओ और कही, “रब्बी !”और बा बाके चुम्मा खाई ।
\v 46 तव बे येशूके पकड़ीं और गिरफ्तार करीं ।
\v 47 पर हुवाँ जौने ठाढे मैसे कोई एक तरवार निकारके प्रधान पुजारीको नोकरके चलाई और बाको कान च्वाट्ट से काट्दई ।
\v 48 येशू उनसे कही, “का तुम एक डाँकुके विरुद्धमे आए कता तलवार और भाला लईके मोके पकड़न आए हऔ ?
\v 49 जब मय हर दिन मन्दिरमे सिखात तुमरे संग रहऔं, तव तुम मोके गिरफ्तार न करे । पर धर्मशास्त्र पुरा होबए करके अइसो भओ ।" ।
\v 53 तव बे येशूके प्रधान पुजारी ठिन लईगए, और हुवाँ बाकेसंग मुखिया पुजारी, धर्म-गुरु और शास्त्री इकट्ठा भए रहएँ ।
\v 54 अब पत्रुस दुरसे बाके प्रधान पुजारीको घरको आँगनतक पिछुवाई । बा सिपइएनसंग बईठो, जो आगी तापन डटे रहएँ ।
\v 55 अब, मुखिया पुजारी और सबय यहूदी महासभामे येशूके मारनके ताहिं बाके विरुद्धमे गवाही ढुड़न डटे रहएँ । पर बे कछु न पाइँ ।
\v 56 काहेकी बहुत बाके विरुद्धमे झुटी गवाही लाईं, पर बिनकी गवाही कोई मेल ना खाइँ ।
\v 57 कोई कोई खड़े भए और बाके विरुद्धमे झुटी गवाही लाईं, बे कहीं,
\v 58 जाके अईसे कहत हम सुने, 'हातसे बनाओ भओ जा मन्दिर मए उजाड़ङ्गो, और हात बिनाको बनाओ दुसरो मन्दिर तीन दिनमे मय बनामङ्गो ।"
\v 59 तव जामे फिर उनको गवाही एक मनको न रहए ।
\v 60 तव प्रधान पुजारी बीचमे ठाडके येशूसे पुँछी, “का तिर ठिन कुइ जवाफ न हए ? जे आदमी तिर विरुद्धमे गवाही दईं का हए ?"
\v 61 पर येशू चुप लगो, और कोई जवाफ ना दई । प्रधान पुजारी बासे फिर पुछीं और कही, “का तए परमधन्यको पुत्र ख्रीष्ट हए ?"
\v 62 येशू कही, “मए हऔं । और तुम आदमीके पुत्रके सर्वशक्तिमानको दहिना हातघेन बईठो और आकासमे बादरकेसंग आत देखईगे ।”
\v 63 तव प्रधान पुजारी अपन कुर्ता फारके कही, “का हमके और साँचीको जरुरत हए ?
\v 64 तुम ईश्वरनिन्दा ता सुनी डारे हओ । तुमर का विचार हए ?” और बे सबय मृत्युदण्डको योग्य होन जैसो दोष लगाइँ ।
\v 65 और कोई कोई बाके थुकन लागे, और बक मुहू तोपके बाके थप्पड मारके कहीं, "अगमवाणी बोल् !” तव पिच्छु पहारेदार बाके अपन जिम्मामे लईं, और बाके मारीं ।
\v 66 पत्रुस तरे आँगनमे रहए तव प्रधान पुजारीको नोकर्नी मैसे एक जनी बाके ठिन आई,
\v 67 और पत्रुसके आगी तापत् देख्के बाके निहारके देखी और कही, "तय फिर येशू नासरीसंग रहए ?"
\v 68 पर बा आइसे कहत् इन्कार करी, “तय का कहत हए मय ना सम्झत हऔं ना जान्त हऔं ।” बक पिच्छु बा आँगनमे गओ और मुर्गा बासी ।
\v 69 पर नोकरनी ऊनमैसे जो जौने ठाड़े रहएँ फिर कहन लागी, “जा आदमी फिर उन्मैसे एक जनी हए ।"
\v 70 तव पत्रुस फिर इन्कार करी । कुछ देरमे आसपास ठाड़े मैसे फिर पत्रुससे कहीं, “पक्कए, तय फिर उन्मैसे एक हए, काहेकी तय फिर गालीली हए ।”
\v 71 पर बा अपनएके सरापके और कसम खाएके कहन लागो, “जौनके बारेमे तुम कहत हओ, बा आदमिक बारेम मोके कुछ पता न हए ।"
\v 72 और तुरन्तय दुसरो चोटी मुर्गा बास्दई । बक पिच्छु पत्रुस येशू बासे कही भई वचन याद करीः दुई चोटी मुर्गा बासन से अग्गु तय मोके तीन चोटी इन्कार करईगो ।” और जा बात समझके बा धरधरहुँस रोई ।
\v 10 मरियम गई और बाकेसंग होनबारेनके सबयके बताई । बा समय बे बिल्काए बिल्काए रोत रहएँ ।
\v 11 पर जब येशू जिन्दा हुइगओ हए और मरियमके ठिन दिखानो कहिके जा बात बे सुनी, तव बे विस्वास न करीं ।
\v 12 तव पिच्छु येशू दुई जनी चेलासंगय गाउँ घेन जातयपेती दिखाई पडो ।
\v 13 तव बे लौटके जाएके और चेलनके बताईं । पर बे उनके उपर बिश्वास न करीं ।
\v 14 पिच्छु येशू एघार चेलन ठिन बिनके खानुखान बेरा बैठो देखानो । और बा उनको अविश्वास और कठोर हृदयके कारन उनके डाँटी, काहेकी बा मरके जिन्दा हुइके उठीगओ हए करके बाके देखन बारेनके बातमे बे विश्वास न करी रहएँ ।
\v 15 और बा उनसे कही, “सबय संसारमे जाओ, और सबय सृष्टिके सुसमाचार प्रचार करओ ।
\v 16 जौन विश्वास कर हए और बप्तिस्मा लेहए बा बचाओ जयहए और जौन विश्वास न करहए बा दोषी ठहरईगो ।
\v 17 जौन विश्वास करत हए बिनकेसंग जे चिन्ह हुईहएँः बे मिर नाउँमे भूतनके भजामङ्गे । बे नयाँ भाषामे बोलङ्गे ।
\v 18 बे अपन हातमे साँप पकड़ङ्गे और यदि बे कुई बिषालु चिज पिहएँ फिर जासे बिनके कोई नोक्सानी न करेहए । बे बेमारिनके उपर हात धरङ्गे और बे अच्छे हुईजय हएँ ।