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23 मोशाको व्यवस्था भङग् नए हो बाए करके बल्कि कोइ आदमी शबाथ दिनमे खतना करेहए तव, मए एक आदमीक शबाथ-दिनमे पुरो अच्छो करीदौ, करके का तुमसे मोसे दिक्कत् हौ? \v 23 \v 24 23 मोशाको व्यवस्था भङग् नए हो बाए करके बल्कि कोइ आदमी शबाथ दिनमे खतना करेहए तव, मए एक आदमीक शबाथ-दिनमे पुरो अच्छो करीदौ, करके का तुमसे मोसे दिक्कत् हौ?
24 मुहू देखके नाए, बल्कि ठिक किसिमसे इन्साफ कर ।” 24 मुहू देखके नाए, बल्कि ठिक किसिमसे इन्साफ कर ।”

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\v 25 \v 26 \v 27 25 यरुसलेमके कुइ कुइ आदमी कही, “का जा बहेत नाए हए्, जौनके तुम मारन ढुडत रहौ?
26 देखौ तव जा त खुल्लम खुल्ला बोल रहोहए, पर बे बासे कुछ्नाए कहत हँए! का जा नेहत्व ख्रीष्ट हए करके धर्मगुरु नेहत्व पता पाई?
27 पर हम जनत हँए, जा आदमी कहाँ से अओ हए । पर जब ख्रीष्ट दिखँए हए, बा कहाँ हए कोईके पता नाए हुइहए ।”

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07/28.txt Normal file
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\v 28 \v 29 28 जब येशू मन्दिरमे सिकात रहे तव, बा जोड्से चिल्लएके कही, “तुम मोके चिन्तहौ, और मए कहाँ से अओ हौ, बा फिर तुम जानतहौ मए अपनी इच्छासे अओ नाए हौ, बल्कि जौन मोके पठाओ हए बा सत्य हए । तुम बाके चिन्त नाए हौ,
29 बल्कि मए बाके चिन्तहौ, काहेकी मए बासे अओ हौ, और बा मोके पठाई
हए ।

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07/30.txt Normal file
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\v 30 \v 31 \v 32 30 बहेमारे बे बाके पकडन ढुड्त रहए, पर कोई बाके उपर हात नाए डारी, काहेकी बाको बेरा हबाए नाए अओ रहए ।
31 पर भिडके बहुत आदमी बाके उपर बिश्वास करी । बे कही, “जब ख्रीष्ट अए हए, तव का जे करे भए चिन्हसे बड़ो चिन्ह बा कर पाएहए?”
32 भिड बाके बारेमे चर्चा कर्त फरिसी सुनी । तव मुखिया पुजाहारी और फरिसी बाके पकडन् मन्दिरके पहरेदारके पठाइँ ।