Mon Mar 06 2023 22:23:56 GMT+0545 (Nepal Time)
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3e37edd0a1
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\v 14 \v 15 \v 16 14 तेवहरके बीचमे येशू मन्दिर भितर घुसीगव और शिक्षा देन लागो ।
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15 यहूदी अचम्मो मानत अइसे कही, “कोई अध्यन नाए करी जा कैसे इतो विध्या हासिल करेहए?”
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16 तव येशू बिनके जबाफ दैके कही, “मेरो शिक्षा मिर नाए हए, बल्कि बाको हए, जौन मोके पठाई हए ।
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\v 17 \v 18 17 अगर कोई आदमी परमेश्वरको इच्छा पालन कर्न चाहत हए तव, मिर शिक्षा परमेश्वरसे अओ हए कि मिर अपनए घेनसे हए सो बा जानैगो
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18 जौन अपनाएसे बोल्त हए, बा अपनो सम्मान ढुडत हए, बल्कि जौन अपने पठान बारेके सम्मान ढुणात हए, बा सत्य हए, और बामे कपट नैयाँ ।
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\v 19 \v 20 19 का मोशा तुमके व्यवस्था दैनाए? पर तुम कोई बो व्यवस्था पालन नाए करे । तुम काहे मोके मारन ढडत हौ?”
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20 भिण जबाफ दै, तुमके भुत लागो हए । कौन तुमए मारन ढुणत हए?”
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\v 21 \v 22 21 येशू जबाफ दैके बिनसे कही, “एक काम मए करो, और तुम सब जमए अचम्मो मानतहौ ।
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22 मोशा तुमके खतनाको रिति दैहए् {होन त बा मोशाको तरपसे त नाए, बल्कि पिता पुर्खासे हए}, और फिर शबाथ दिनमे तुम आदमी खतना करत हौ ।
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