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\v 15 \v 16 15 जब बे खए डारीँ, तव येशू सिमोन पत्रुससे कहि, “यूहन्नाको लौणा सिमोन, का तुम इन्से जद्धा प्रेम करत् हौ?”बो बोसे कहि, “ज्यु प्रभु, तुम जानत् हौ, मए तुमके प्रेम करत् हौ| बो बोसे कहि, “मिर भेणन् के खबओ|” 16 बो फिरके दुसरे दओ बिनसे कहि, “युहन्नाको लौणा सिमोन, का तुम मोके प्रेम करत् हौ?” बो बोसे कहि, “ज्यु प्रभु, तुम जानत् हौ, मए तुमके प्रेम करत् हौ|” बो बोसे कहि, “मिर भेणाके रेकदेख कर|”

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\v 17 \v 18 17 "बो बोसे तिस्रो चोटी कहि, “यूहन्नाको लौणा सिमोन, का तुम मोके प्रेम करत् हौ|” पत्रुस दु:खित हुइगव, कहेकी बो तिस्रो चोटी बोसे कहि, ""का तुम मोके प्रेम करत् हौ?” बो बोसे कहि, “प्रभु तुम सब जानत् हौ| मए तुमके प्रेम करत् हौ करके तुमके पत्तए हए|” येशू बोसे कहि, “मिर भेणाके खबओ| " 18 नेहत्व मए तुमसे कहत् हौ, जब तुम जवान रहौ अपन फेटा बाँधत् रहौ, और जहाँ इछ्या लागत हुवाँए जातहौ| तव जब तुम बुढे हुइहौ, तव तुम अपन हात पसरेहौ, और दुसरे तुमर फेटा बाँधदेहए, और तुम जहाँ जान चएहौ हुवाँ जएहौ|”