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\v 13 \v 14 \v 15 13 काहेकी आदम पहिले सृर्जोहए, तवपिछु हव्वा| 14 आदम छ्लो नैयाँ, पर बैयर चाहिँ छलके अपराधमे फसी हए| 15 ताहुफिर अगर बे सुशिलतासाथ विश्वास, प्रेम और पवित्रतामे रहीरएहए तव, बालक जन्ममे बे बचिरहए|
\v 13 \v 14 13 काहेकी आदम पहिले सृर्जोहए, तवपिछु हव्वा| 14 आदम छ्लो नैयाँ, पर बैयर चाहिँ छलके अपराधमे फसी हए| \v 15 15 ताहुफिर अगर बे सुशिलतासाथ विश्वास, प्रेम और पवित्रतामे रहीरएहए तव, बालक जन्ममे बे बचिरहए|

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\c 3 \v 1 \v 2 \v 3 1 जा कहाई बिश्वासयोग्य हए, अगर कोइ आदमी आगुवाको काम कर्न चाहत हए| तव बा असल कामको इच्छा कर्तहए| 2 जहेमारे बिशपचाहिँ कोइ दोष नाए लागन सिक्नबारो, एकए पत्नीको पति, संयमी, समझदार, सम्मानित, पाहुनाकोसत्कार कर्नबारो, सुयोग्य शिक्षक होबए, 3 मतवाला और रिसाहा नाए पर बे बिनम्र, लाडई नाकर्नबारो, धनको लोभ नाकर्नबारो
\c 3 \v 1 1 जा कहाई बिश्वासयोग्य हए, अगर कोइ आदमी आगुवाको काम कर्न चाहत हए| तव बा असल कामको इच्छा कर्तहए| \v 2 2 जहेमारे बिशपचाहिँ कोइ दोष नाए लागन सिक्नबारो, एकए पत्नीको पति, संयमी, समझदार, सम्मानित, पाहुनाकोसत्कार कर्नबारो, सुयोग्य शिक्षक होबए, \v 3 3 मतवाला और रिसाहा नाए पर बे बिनम्र, लाडई नाकर्नबारो, धनको लोभ नाकर्नबारो

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\v 4 \v 5 , 4 अपन घर अक्षेसे चलानबारो और अपन लौणा लौणियाके आदरपुर्वक आज्ञापालन बनामए| 5 अगर कोइ आदमी अपन घरको तह लगन नाजन्त हए तव, बे परमेश्वरको मण्डलीके रेखदेख कैसे करपए हँए?
\v 4 , 4 अपन घर अक्षेसे चलानबारो और अपन लौणा लौणियाके आदरपुर्वक आज्ञापालन बनामए| \v 5 5 अगर कोइ आदमी अपन घरको तह लगन नाजन्त हए तव, बे परमेश्वरको मण्डलीके रेखदेख कैसे करपए हँए?

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\v 6 \v 7 6 बे नयाँ विश्वासी नाहोमए, नत घमण्डसे फुलके बे दियाबलसके पानबारो दण्डमे पणेहएँ| 7 फिर, बाहिरके दृष्टिमे फिर बे असल ठाहिरन पणैगो, नत बे निन्दा और दियाबलसके फन्दामे पणंगे|
\v 6 6 बे नयाँ विश्वासी नाहोमए, नत घमण्डसे फुलके बे दियाबलसके पानबारो दण्डमे पणेहएँ| \v 7 7 फिर, बाहिरके दृष्टिमे फिर बे असल ठाहिरन पणैगो, नत बे निन्दा और दियाबलसके फन्दामे पणंगे|

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\v 8 \v 9 \v 10 8 उइसी करके डिकन फिर गम्भीर होन पड्तहए, दुईमुहाको ना, जद्धा मध पिनबारो और धनको लोभी ना, 9 पर बे विश्वासको रहस्य सुध्द विवेकमे कायम करनबारे होन पडतहए| 10 पहिले बिनको जाँच फिर होबए| तवपिछु बे अपनएके दोषरहित प्रमाणित कर्न सकेहँए तव बे डिकनको सेवा करएँ|
\v 8 8 उइसी करके डिकन फिर गम्भीर होन पड्तहए, दुईमुहाको ना, जद्धा मध पिनबारो और धनको लोभी ना, \v 9 9 पर बे विश्वासको रहस्य सुध्द विवेकमे कायम करनबारे होन पडतहए| \v 10 10 पहिले बिनको जाँच फिर होबए| तवपिछु बे अपनएके दोषरहित प्रमाणित कर्न सकेहँए तव बे डिकनको सेवा करएँ|

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\v 11 \v 12 \v 13 11 बैयर फिर जहे बमोजिम गम्भीर, दुसरेको चुग्ली कर्नबारीनाए, पर सब बातमे संयमी और विश्वासयोग्य होन पणतहए| 12 डिकन एकए बैयरको लोगा होबए| अपन लौणा लौणियाके और अपन घरको प्रबन्ध आच्छेसे मिलान बारो होबए| 13 काहेकी डिकनके कर्नबारो सेवा जौन बढियासे कर्तहएँ बे अपन-अपन ताहिँ प्रतिष्ठा और ख्रीष्ट येशूमे भव विश्वासमे बाणो भरोसा पाएहँए|
\v 11 11 बैयर फिर जहे बमोजिम गम्भीर, दुसरेको चुग्ली कर्नबारीनाए, पर सब बातमे संयमी और विश्वासयोग्य होन पणतहए| \v 12 12 डिकन एकए बैयरको लोगा होबए| अपन लौणा लौणियाके और अपन घरको प्रबन्ध आच्छेसे मिलान बारो होबए| \v 13 13 काहेकी डिकनके कर्नबारो सेवा जौन बढियासे कर्तहएँ बे अपन-अपन ताहिँ प्रतिष्ठा और ख्रीष्ट येशूमे भव विश्वासमे बाणो भरोसा पाएहँए|

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\v 14 \v 15 14 तुमरे ठिन जल्दी आनके आशा करेहौँ, पर मए जा तुमके लिखतहौँ, 15 ताकि कहु मोके ढीलो भव ताहु फिर परमेश्वरके घराना, जो जीवित परमेश्वरको मण्डली हए और सत्यको खामो और आड हए, हुवाँ कैसे चलन पणैगो सो तुम जानेरहबऔ|
\v 14 14 तुमरे ठिन जल्दी आनके आशा करेहौँ, पर मए जा तुमके लिखतहौँ, \v 15 15 ताकि कहु मोके ढीलो भव ताहु फिर परमेश्वरके घराना, जो जीवित परमेश्वरको मण्डली हए और सत्यको खामो और आड हए, हुवाँ कैसे चलन पणैगो सो तुम जानेरहबऔ|

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आध्याय ३

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\c 4 \v 1 \v 2 1 पवित्र आत्मा प्रष्ट कहतहए, कि पिछु आनबारे समयमे छली आत्मा और भुतप्रेतके सिध्दान्तघेन मन लगाएके कोइ विश्वाससे हटजए हँए| 2 झुट बोलन बारे आदमीनके छलसे जा हुइहए, जौनको विवेक तत्तो लोहो चठा लागो हानि हुइजातहए|
\c 4 \v 1 1 पवित्र आत्मा प्रष्ट कहतहए, कि पिछु आनबारे समयमे छली आत्मा और भुतप्रेतके सिध्दान्तघेन मन लगाएके कोइ विश्वाससे हटजए हँए| \v 2 2 झुट बोलन बारे आदमीनके छलसे जा हुइहए, जौनको विवेक तत्तो लोहो चठा लागो हानि हुइजातहए|

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\v 3 \v 4 \v 5 3 बे बेहा निषेध कर्तहएँ| विश्वास करनबारे सत्य जानके धन्यबाद साथ ग्रहण करनबारेनके परमेश्वर सिर्जो भोजनसे अलग बैठन आदेश देतहएँ| 4 परमेश्वरसे सिर्जो भव हरेक चीज असलहए, और धन्यबाद साथ ग्रहण करके कोइ चीज फिर इन्कार ना करन पड्त् हए| 5 कहेकी बा परमेश्वरको वचन और प्रार्थनासे चोखो बान्तहए|
\v 3 3 बे बेहा निषेध कर्तहएँ| विश्वास करनबारे सत्य जानके धन्यबाद साथ ग्रहण करनबारेनके परमेश्वर सिर्जो भोजनसे अलग बैठन आदेश देतहएँ| \v 4 4 परमेश्वरसे सिर्जो भव हरेक चीज असलहए, और धन्यबाद साथ ग्रहण करके कोइ चीज फिर इन्कार ना करन पड्त् हए| \v 5 5 कहेकी बा परमेश्वरको वचन और प्रार्थनासे चोखो बान्तहए|

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आध्याय ४

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