forked from WA-Catalog/hi_tn
24 lines
1.5 KiB
Markdown
24 lines
1.5 KiB
Markdown
# x
|
|
|
|
(17वें पद में पतरस अपना संबोधन समाप्त करता है)
|
|
|
|
# परमेश्वर ने उन्हें....दिया
|
|
|
|
“उन्हें” का आशय यहाँ कुरनेलियुस और उसके संपर्क में आये गैर-यहूदी लोगों की कहानी से है। लेकिन, यरूशलेम में यहूदी विश्वासियों को वृत्तान्त सुनाते समय पतरस उन्हें गैर-यहूदी कह कर संबोधित नहीं करता
|
|
|
|
# वही वरदान
|
|
|
|
पतरस यहाँ पवित्र आत्मा के वरदान के विषय में कह रहा है
|
|
|
|
# मैं कौन था, जो परमेश्वर को रोक सकता था?
|
|
|
|
मैं परमेश्वर का विरोध नहीं कर सकता।
|
|
|
|
# यह सुनकर, वे चुप रहे
|
|
|
|
यह सुनकर, वे चुप रहे - “वे” का आशय खतना हुए लोगों से है जो पतरस की आलोचना कर रहे थे।
|
|
|
|
# जीवन के लिए मन फिराव का दान दिया है
|
|
|
|
“जीवन की ओर ले जानेवाला मन फिराव का दान दिया है”
|