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पौलुस और तीमुथियुस कुरिन्थ की कलीसिया को पत्र लिख रहे हैं।
हममें वही विश्वास
“हम” अर्थात पौलुस, तीमुथियुस तथा कुरिन्थ की कलीसिया।
वही विश्वास की आत्मा
“विश्वास की वही मनोवृत्ति”। “आत्मा” अर्थात मनुष्य का सोचना और निर्णय लेना। पौलुस और तीमुथियुस ने कहा है कि परमेश्वर में विश्वास करने की उनकी मनोवृत्ति भी कुरिन्थ के विश्वासियों की सी ही है।
मैंने विश्वास किया इसलिए मैं बोला।
यह राजा दाऊद का उद्धरण है
हमें भी
तुम्हारे साथ यहां “हमें भी” कुरिन्थ के विश्वासियों से अलग करता है।
धन्यवाद
कृपालु परमेश्वर ने जो उपकार किए उन्हें उसे समझना और उसका धन्यवाद करना।