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धन

लेखक “मसीह यीशु के समक्ष परमेश्वर की महिमा के ज्ञान” के संदर्भ में कह रहा है।

मिट्टी के बर्तनों में

अर्थात मनुष्य के शरीर में

हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते, निरूपाय तो हैं पर निराश नहीं होते, सताये तो जाते हैं, पर त्यागे नहीं जाते, गिराए तो जाते हें पर नष्ट नहीं होते।

ये सब उक्तियां मनुष्यों द्वारा चुनौतियों का सामना करने के बारे में हैं, परन्तु वह हिम्मत नहीं हारता है।

यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रकट हो

“हमारी देह में अर्थात यीशु के विश्वासी का जीवन आचरण”। यीशु का जीवन हमारे जीवन से प्रकट हो”।