hi_tn/1sa/25/04.md

16 lines
944 B
Markdown

# अपनी भेड़ों का ऊन कतर रहा था
अपनी भेड़ों का ऊन कतर कर उतार रहा था
# मेरी ओर से उसका कुशलमंगल पूछो
उसेे ऐसे अभिवादन करो जैसे मैं करता अगर मैं वहाँ होता
# कल्याण से रहे
मैं कामना करता हूँ कि तू जीवन भर बहुत धनी बना रहे
# तेरा कल्याण हो और तेरा घराना कल्याण से रहे और जो कुछ तेरा है वह कल्याण से रहे।
मैं कामना करता हूँ कि तुझ पर, तेरे घराने पर और संपत्ति पर शांति बनी रहे।