hi_tn/tit/01/08.md

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पौलुस तीतुस को समझाता है कि वह कलीसिया में कैसे मनुष्यों को धर्म-वृद्ध नियुक्त करें।

अतिथि सत्कार करने वाला

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “आदर सत्कार करने वाला”

भलाई का चाहने वाला

“अच्छी बातों का प्रेमी” (यू.डी.बी.)

स्थिर रहे

“समर्पित रहे” या “उचित ज्ञान रखे” या “दृढ़ समझ रखे”

विश्वासयोग्य वचन की शिक्षा

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “वचन के सत्य पर” या “विश्वासयोग्य वचन की शिक्षा पर”

खरी शिक्षा

“उचित शिक्षा” या “लाभकारी शिक्षा”