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सामन्य जानकारी
प्रेमी लगातार औरत की प्रशंसा कर रहा है
जब तक दिन ठण्डा न हो, और छाया लम्बी होते-होते मिट न जाए,
“दिन का वो हिस्सा जिस समय सूर्य निकलता है,जब छाया दिखाई ना दे”
मैं शीघ्रता से गन्धरस के पहाड़ और लोबान की पहाड़ी पर चला जाऊँगा।
प्रेमी औरत की छातीयो का आनंद से अपनी इच्छा को प्रकट करते हुए उनकी तुलना पहाड़ो के साथ करता है जिनको वह पसंद करता है।उसकी छातीयां पहाड़ों के जैसे तरह गोल और उभरी हुई है।वह गंधरस और इत्र के समान महकती हैं।
मैं शीघ्रता से पहाड़...लोबान की पहाड़ी पर चला जाऊँगा
इन पंक्तियों ने प्रेमिका के स्तनों के आकर्षण पर जोर देने के लिए विचार को थोड़ा अलग तरीके से दोहराया।
गन्धरस के पहाड़
“पहाड़ जो कि गन्धरस से बना है”
हे मेरी प्रिय तू सर्वांग सुन्दरी है;
“तुम सारी की सारी बहुत सुन्दर हो“
मेरी प्रिय
“वह जिसको मैं प्यार करता हूँ”
तुझ में कोई दोष नहीं।
“तुझ पर कोई आरोप नहीं है”