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पौलुस अन्यजाति विश्वासियों को इस प्रकार संबोधित कर रहा है कि वे मानों एक ही व्यक्ति हैं

और तू जंगली जैतून होकर

“तू” सर्वनाम शब्द और “जंगली जैतून” यीशु के द्वारा उद्धार प्राप्त करने वाले अन्य जाति विश्वासी हैं।

उनमें से साटा गया

“अन्य शाखाओं के साथ वृक्ष में रोपित किया गया”

जैतून की जड़ की चिकनाई का भागी हुआ

परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं का भागी हुआ

तो डालियों पर घमण्ड न करना

“यह नहीं कहना कि तू परमेश्वर के परित्यक्त यहूदियों से उत्तम है”।

तू जड़ को नहीं परन्तु जड़ तुझे संभालती है

“तू परमेश्वर से आशिष पाता है परमेश्वर तुझ से नहीं”