hi_tn/rom/02/21.md

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पौलुस एक काल्पनिक यहूदी से विवाद कर रहा है जिसे वह प्रभावजनक प्रश्नों के द्वारा झिड़कता है।

अतः क्या तू दूसरों को सिखाता है, अपने आपको नहीं सिखाता?

पौलुस अपने श्रोता को झिड़कने के लिए इस प्रश्न का उपयोग कर रहा है। इसका अनुवाद एक नए वाक्य में किया जा सकता है, “परन्तु तू दूसरों को शिक्षा देता है स्वयं को क्यों नहीं सिखा पाता”

तू जो चोरी न करने का उपदेश देता है क्या आप ही चोरी करता है?

पौलुस अपने श्रोता को प्रश्न के माध्यम से झिड़कता है। इसका अनुवाद एक नए वाक्य में किया जा सकता है, “तू चोरी न करने की शिक्षा देकर स्वयं चोरी करता है”।

तू जो कहता है, “व्यभिचार न करना”, क्या आप ही व्यभिचार करता है?

पौलुस अपने श्रोता को झिड़कने के लिए प्रश्न का उपयोग कर रहा है। इसका अनुवाद एक नए वाक्य में किया जा सकता है, “तू व्यभिचार न करने की शिक्षा देकर स्वयं व्यभिचार करता है”।

तू जो मूरतों से घृणा करता है, आप ही मन्दिरों को लूटता है।

पौलुस अपने श्रोता को प्रश्न के माध्यम से झिड़कता है। इसके अनुवाद में एक नया वाक्य बनाया जा सकता है, “तू कहता है कि तुझे मूर्तियों से घृणा है परन्तु स्वयं मन्दिरों में चोरी करता है।”

मन्दिरों को लूटता है

इसके संभावित अर्थ हैं, 1) “स्थानीय मन्दिरों का सामान चुराकर बेचता है।" 2) "यरूशलेम के मन्दिर में जो पैसा परमेश्वर के लिए है उसे पूरा नहीं भेजता है।" 3)“स्थानीय देवताओं का उपहास करता है”