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पौलुस का विवाद एक काल्पनिक यहूदी से ही चल रहा है।

परन्तु महिमा और आदर और कल्याण

“परन्तु परमेश्वर की महिमा, सम्मान और शान्ति के पात्र होंगे

जो भला करता है

“जो भलाई करने से चूकता नहीं है”

पहले यहूदी को, फिर यूनानी को

यह एक नया वाक्य बनाया जा सकता है, “परमेश्वर पहले यहूदियों को प्रतिफल देगा उसके बाद अन्यजातियों को प्रतिफल मिलेगा”।

पहले

इसका अनुवाद वैसे ही करें जैसे

परमेश्वर किसी का पक्षपात नहीं करता

“परमेश्वर एक जाति को दूसरी जाति से बड़ा या छोटा नहीं मानता है” विकल्प, “परमेश्वर सबके साथ समता का व्यवहार करता है”

जिन्होंने ... पाप किए

इसका अनुवाद एक नए वाक्य में किया जा सकता है, “क्योंकि जिन्होंने... पाप किए”।

जिन्होंने बिना व्यवस्था पाए पाप किया, वे बिना व्यवस्था के नष्ट होंगे”

“बिना व्यवस्था “ पौलुस इसे दोहराता इसलिए है कि वे परमेश्वर प्रदत्त मूसा के नियमों को नहीं जानते हैं। यदि वे पाप करेंगे तब परमेश्वर उन्हें भी दण्ड देगा। विकल्प, “मूसा द्वारा दिए गए नियमों को नहीं जानने वाले फिर भी आत्मिक मृत्यु के वारिस होते हैं।”

और जिन्होंने व्यवस्था पाकर पाप किया है

इसका अनुवाद एक नए वाक्य में किया जा सकता है, “और वे सब जिन्होंने मूसा के नियमों के रहते हुए पाप किया”

व्यवस्था पाकर पाप किया उनका दण्ड व्यवस्था के अनुसार होगा।

“जो मूसा के नियमों को जानते हैं, उनका न्याय उन नियमों के पालन के आधार पर किया जाएगा।”