hi_tn/rev/19/07.md

930 B

x

जिस गीत का आरम्भ पिछले पदों में किया गया था वह यहाँ जारी रहता है

आओ हम आनन्दित हों

यहाँ "हम" से अभिप्राय परमेश्वर के दासों से है।

उसकी स्तुति करो

"परमेश्वर की स्तुति करो"

मेंम्ने के विवाह का समारोह .....उसकी दुल्हिन ने अपने आप को तैयार कर लिया है

इसका अभिप्राय यीशु और उसके लोगों के हमेशा के मिलन से है.

मेम्ना

देखो इसका अनुवाद तुमने में किस प्रकार किया था.