यहाँ से पृथ्वी के लोगों पर परमेश्वर के न्याय का रूपक जारी रहता है .
इसका अभिप्राय उसी रसकुंड से है.
एक ऐसा साधन जो घोड़े के सिर के चारों ओर बाँधा जाता है जिससे कि उसे नियन्त्रित किया जा सके