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479 B

उतर आ, छू, तितर-बितर कर, घबरा दे

ये सब आज्ञाओं के जैसे नहीं विनतयों के जैसे अनुवाद की जानी चाहिए

स्वर्ग को नीचा करके

आकाश को खोल कर

घबरा दे

ताकि उन्हे पता न चले कि क्या करना और सोचना है