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घेरनेवालों

अहंकारी लोग

उन्हीं का विचारा हुआ उत्पात पड़े

यह एक प्रार्थना है कि परमेश्‍वर बुराई करने वालों उन बातों के लिए दुख दे जो उन्होंने कही हैं

उन्हीं का विचारा हुआ उत्पात

संकट जो उनके बोलने से आया

उत्पात पड़े

उन्हे और संकट लाने से रोक

उन पर अंगारे डाले जाएँ! वे आग में गिरा दिए जाएँ

उन्हे कठोर दण्ड दे

गड्ढों

यह शायद अधोलोग के बारे में है

बकवादी

जो बिना कारन दूसरों की बुराई करते हैं

पृथ्वी पर स्थिर नहीं होने का

जीवन में सुरक्षित

उपद्रवी पुरुष को गिराने के लिये बुराई उसका पीछा करेगी

यहाँ बुराई को ऐसे बताया है जैसे वो मनुष्य के समान बदला ले