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998 B
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हम पर दया कर
हम पर दयावान हो
क्योंकि हम अपमान से बहुत ही भर गए हैं और हमारा जीव सुखी लोगों के उपहास से
यहाँ दूसरी बात पहली को मजबूत करती है
हम अपमान से बहुत ही भर गए हैं
हमारा बहुत अपमान हुआ है
बहुत ही भर गए हैं
हमारे पास बहुत ज्यादा है
उपहास से, अपमान से
ये दोनों बातें बताती हैं कि लोग उनका कितना मजाक बना रहे थे
उपहास
अपमान करना
अहंकारियों
कठोर और घमंडी लोग
अहंकारी
घमंडी लोग