hi_tn/psa/119/139.md

428 B

मैं तेरी धुन में भस्म हो रहा हूँ

मैं बहुत क्रोधित हूँ

पूरी रीति से ताया हुआ है

मैंने बहुत बार तेरे वचन को परखा है

तेरा दास उसमें प्रीति रखता है

मैं प्रेम रखता हूँ