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782 B

मेरी चालचलन दृढ़ हो जाए

लेखक परमेश्‍वर की आज्ञाओं में ऐसे दृढ़ होने की बात करता है कि कोई भी उसे हिला ना सके

तेरी विधियों को मानने के लिये

तुम्हारी विधियों का आज्ञाकारिता के लिए

मैं लज्जित न हूँगा

लेखक परमेश्‍वर की मौजूदगी में लज्जित नहीं होना चाहता

तेरी सब आज्ञाओं

वह सब जिसकी तूने आज्ञा दी है