hi_tn/psa/111/010.md

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बुद्धि का मूल

यह बुद्धिमान बनने का पहला कदम है

जितने उसकी आज्ञाओं को मानते हैं

जो उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं

उसकी स्तुति सदा बनी रहेगी

लोग सदा उसकी स्तुति करते रहेंगे