उसको किसी दुष्ट के अधिकार में रख, कोई विरोधी उसकी दाहिनी ओर खड़ा रहे
दुष्ट और विरोधी एक ही मनुष्य को दिखाता है
उसकी दाहिनी ओर
मेरे शत्रु की दाहिनी ओर
जब उसका न्याय किया जाए, तब वह दोषी निकले
जब उसकी पेशी हो तो न्यायदीश उसे दोषी पाये
उसकी प्रार्थना पाप गिनी जाए
उसकी प्रार्थना को पापमय जान