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सामान्य जानकारी

समानता की बातों का तरीका इबरानी कवितायों में आम बात है

दाऊद का भजन

इस भजन को दाऊद ने लिखा

हे परमेश्‍वर, मेरा हृदय स्थिर है

हे परमेश्‍वर, मैं आप पर पूरी तरह से भरोसा करता हूँ

मैं गाऊँगा, मैं अपनी आत्मा से भी भजन गाऊँगा

जब तू मुझे अपनी स्तुति को गाने देता है इस से मेरा आदर होता है

हे सारंगी और वीणा जागो

मैं सारंगी और वीणा बजाकर तेरी स्तुति करूंगा

मैं आप पौ फटते जाग उठूँगा

मैं सुबह-सुबह तेरी स्तुति करूंगा

पौ फटते

जब सूरज उदय होता है