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क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है

या वह जानता है कि उसने हमारे शरीरों को कैसे बनाया

उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है

उसे याद है कि उसने मिट्टी से हमारी सृष्टि की है

मनुष्य की आयु घास के समान होती है

मनुष्य की आयु के दिनों लंबाई घास के समान कम होती है

वह मैदान के फूल के समान फूलता है

यहाँ मनुष्य के बढने की तुलना फूल के फूलने से की गई है

फूलता है

फूलने का मतलब तंदरुसती से बढना

जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।

जैसे हवा फूलों पर आती है और पता नहीं चलता कहाँ गई वैसा ही मनुष्य का जीवन है