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2.2 KiB

आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो;

“ऐसा हो कि आकाश और धरती आनन्‍धित और मगन हों”

समुद्र और उसमें की सब वस्तुएँ गरज उठें;

"ऐसा हो कि बहुत से लोगों की तरह समुद्र की आवाज़ ऐसी हो जैसी यहोवा की प्रशंसा करते हैं, और ऐसा लगता है मानो समुद्र में रहने वाले लोग खुशी से चिल्ला रहे हैं"

मैदान और जो कुछ उसमें है, वह प्रफुल्लित हो;

“होने दो कि खेत और उसमें रहने वाले सारे जानवर अपने आप में आनन्‍धित हो”

उसी समय वन के सारे वृक्ष जयजयकार करेंगे।

“जंगल के सारे पेड़ पौंधे जय जय कार करें”

वह पृथ्वी का न्याय करने को आनेवाला है वह धर्म से जगत का....लोगों का न्याय करेगा।

इस वाक्‍यांशो का समान अर्थ है आखिर के दोनो वाक्‍यांश पहले पर जोर देते है।

का न्याय...न्याय करेगा।

“शाशन करना ... शाशन करेगा”

सच्चाई से देश-देश के लोगों का न्याय करेगा।

“वह जगत के सारे लोगो का सच्‍चाई से न्‍याय करेगा”

सच्चाई से देश-देश के लोगों का

“वह वफादारी से लोगो का न्‍याय करेगा”

सच्चाई से

“सब लोगों के लिए एक से माप के साथ”