hi_tn/psa/096/005.md

556 B

उसके पवित्रस्‍थान में

“यहाँ पर वह है”

उसके पवित्रस्‍थान में सामर्थ्य और शोभा है।

“हर कोई उसके वैभव और सामर्थ को जानता है”

उसके चारों ओर वैभव और ऐश्वर्य है;

“यह उसका भवन ही है जिसमें वाचा का संदूक और विधीया है”