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980 B
980 B
तू अपनी आँखों की दृष्टि करेगा
"तूँ स्वयं पीड़ित नहीं होगा, लेकिन तूँ ध्यान देगा, और तूँ देखेगा"
दुष्टों के अन्त को देखेगा।
“परमेश्वर कैसे दुष्टों को सजा देता है”
यहोवा, तू मेरा शरणस्थान ठहरा है।
"जब मुझे अपनी रक्षा के लिए किसी की आवश्यकता होती है, तो मैं यहोवा ही के पास जाता हूं"
तूने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है, \q
"तुझे परमप्रधान को भी अपना शरणस्थान बनाना चाहिए।"