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775 B
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हमारे सब दिन तेरे क्रोध में बीत जाते हैं,
तेरे क्रोध के कारण हमारा जीवन समाप्त हो जाता है
शब्द के समान
लेखक बताता है कि जीवन बहुत छोटा है
सत्तर
"70"
अस्सी
"80"
तो भी उनका घमण्ड केवल कष्ट और शोक ही शोक है
हमारे सब से उत्तम समय में भी हम कष्टों और दुखों को महसूस करते हैं
जल्दी कट जाती है
हम मर जाते हैं