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हम तेरे क्रोध से भस्म हुए हैं

तुम अपने क्रोध में हमें नाश कर देते हो

तेरी जलजलाहट से घबरा गए हैं

जब तू गुस्से में होता है तो हम बहुत डर जाते हैं

तूने हमारे अधर्म के कामों को अपने सम्मुख, और हमारे छिपे हुए पापों को अपने मुख की ज्योति में रखा है

हर पाप जिनको हम बहुत गुप्त में करते हैं तू उन्हे भी जानता है