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वह दिन भर जल के समान मुझे घेरे रहता है

वे लोग लगातार मुझे नाश कर देने की धमकीयाँ देते हैं

वह

यहाँ “वह” परमेश्‍वर के क्रोधित कामों को दर्शाता है

वह मेरे चारों

उन्होने मुझे दुश्‍मनों के समान घेर लिया है

तूने मित्र और भाईबन्धु दोनों को

वो सब जिन्हे मैं जानता हूँ और प्रेम करता हूँ

मेरे जान-पहचानवालों को अंधकार में डाल दिया है।

“यहाँ कहीं मैं जाता हूँ वहाँ अन्धकार है”