hi_tn/psa/078/033.md

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सामान्य जानकारी

लेखक परमेश्‍वर द्वारा इस्राएल के लिए किये गये कामों को बताना जारी रखता है

उनके दिनों को व्यर्थ श्रम में

उनको जवानी में ही मार दिया

उनके वर्षों को घबराहट में कटवाया

वर्षों तक वो डर में जी रहे थे

खोजते थे

ताकि वो उसे कहें कि उन्हे सुरक्षा के लिए उसकी जरूरत है

जब वह उन्हें घात करने लगता, तब वे उसको पूछते थे

जब उन में से कुछ लोग मरेंगे तो बाकी उसे खोजना शुरू करेंगे

फिरकर

तौबा करेंगे

यत्न से

जितना अच्छा वो कर सकते थे