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558 B

उसने …चलाया

परमेश्‍वर ने चलाया

उनके लिये माँस धूलि के समान बहुत बरसाया

यह इतना था कि इसने जमीन को धूल के समान ढाँप दिया

माँस

पक्षी

धूलि के समान बहुत बरसाया, और समुद्र के रेत के समान अनगिनत

वहाँ अनगिनत पक्षी थे