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451 B

स्वर्ग में मेरा और कौन है?

स्वर्ग में बस तुम ही मेरे हो

स्वर्ग में

अत्मिक प्राणीओं में

पृथ्वी पर और कुछ नहीं चाहता

कोई मनुष्य नहीं

मेरे हृदय और मन

“मेरा शरीर और मेरा मन”