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544 B

मेरा मन तो कड़ुवा हो गया था

“मैं बहुत दुखी था“

मेरा अन्तःकरण छिद गया था,

मुझे ऐसे लगा जैसे किसी ने मुझे घायल कर दिया हो

मैं अबोध और नासमझ था

बहुत अनजान

नासमझ

बेसमझ

तेरे

यहाँ “तेरे” परमेश्वर के बारे में है