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सामान्य जानकारी

यह पद इस भजन के अंतिम पदों से बड़कर हैं। यह भजन संहिता की दूसरी किताब का समापन बयान है यह पुस्तक भजन 42 के पहले पद से लेकर 72 भजन के साथ समाप्त होती है

धन्य है यहोवा परमेश्‍वर, जो इस्राएल का परमेश्‍वर है

लोग यहोवा इस्राएल के परमेश्वर को धन्य कहें

उसका महिमायुक्त नाम सर्वदा धन्य रहेगा

लोग सदा इस बात को जानें की वो कितना महिमामय है

उसका महिमायुक्त नाम

वो जो महिमायुक्त है, उसका नाम धन्य हो

सारी पृथ्वी उसकी महिमा से परिपूर्ण होगी

वो अपनी महिमा से सारी पृथ्वी को भर दे

आमीन फिर आमीन

यहाँ आमीन का दोहराया जाना कहे गये वचनों को मान्यता देता है। “जो कहा गया है वैसे ही हो”

यिशै के पुत्र दाऊद की प्रार्थना समाप्त हुई

यिशै के पुत्र दाऊद ने अपनी प्रार्थना समाप्त कर दी है