hi_tn/psa/072/013.md

1.0 KiB

वह कंगाल और दरिद्र पर तरस खाएगा

वो गरीब और जरूरतमंदों के दुख को खत्म करना चाहता है

कंगाल और दरिद्र

इन दोनों शब्दों का एक ही अर्थ है, अर्थात वो लोग जो अपनी सहायता स्वयं नहीं कर सकते

प्राणों को बचाएगा

“उन्हे बचाएगा“

अत्याचार और उपद्रव

उन पर अत्याचार करते हैं और उन्हे सताते हैं

उनका लहू उसकी दृष्टि में अनमोल ठहरेगा

“वो चाहता है कि वो जीवित रहें”

उनका लहू

“उनके जीवन

उसकी दृष्टि

“उसके लिये“