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मैं रोकर और उपवास करके दुःख उठाता था

लेखक उपवास में था क्योंकि वह बहुत दुखी था

तब उससे भी मेरी नामधराई ही हुई

मेरे दुश्मनों ने इसके कारण मुझे डाँटा है

मैं टाट का वस्त्र पहने था

सस्ते, खराब कपड़े पहनकर अपने पापों पर दुख जाहिर किया जाता था।

मेरा दृष्टान्त उनमें चलता था

वो मुझ पर हँसते हैं

फाटक के पास बैठनेवाले

शहर के महत्वपूर्ण लोग

मदिरा पीनेवाले मुझ पर लगता हुआ गीत गाते हैं

शहर के शाराबी मेरी शर्मिन्दगी के गीत गाते हैं