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परमेश्‍वर की सामर्थ्य की स्तुति करो

“सामर्थ्य परमेश्‍वर की है”

उसकी सामर्थ्य आकाशमण्डल में है

वह अपनी सामर्थ्य आकाशमण्डल में भी दिखाता है।

हे परमेश्‍वर, तू अपने पवित्रस्थानों में भययोग्य है

यहाँ लेखक सीधे परमेश्‍वर से बात करता है

सामर्थ्य और शक्ति

इन दोनों शब्दों का एक ही अर्थ है। यह उस शक्ति को दिखाते हैं जो परमेश्‍वर अपने लोगों को देता है।