hi_tn/psa/066/016.md

765 B

मैं बताऊँगा कि उसने मेरे लिये क्या-क्या किया है

मैं तुझे बताऊँगा कि उसने मेरे लिए क्या किया है

मैंने उसको पुकारा

मैंने पूरे दिल से उसे पुकारा

उसी का गुणानुवाद मुझसे हुआ

मैंने उसकी स्तुति की

अनर्थ की बात सोचता

पाप को प्यार करना

तो प्रभु मेरी न सुनता

तो वो मेरी प्रार्थनाओं का उत्तर न देता