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अपने आप को धन्य कहता
“वह अपने आप को बधाई देता है”
जब तू अपनी भलाई करता है, तब वे लोग तेरी प्रशंसा करते हैं
यहाँ लेखक एक सामान्य कथन प्रस्तुत करता है कि कैसे लोग अन्य लोगों की बात करते हैं जो सांसारिक मानकों के अनुसार सफल होते हैं।
जब तू अपनी भलाई करता है,
“अपने आप के लिए भलाई करो”
अपने पुरखाओं के समाज में मिलाया जाएगा,
“वह अपने पुरखो के साथ कबर में मिलेगा”
जो कभी उजियाला न देखेंगे।
“वह कभी दोबारा नही जीऐंगे”