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955 B

हे प्रभु, जाग! तू क्यों सोता है?

"उठो! मुझे लगता है कि तुम सो रहे हो, परमेश्‍वर!"

हमको सदा के लिये त्याग न दे!

“हमें त्‍याग मत”

तू क्यों अपना मुँह छिपा लेता है...हमारा सताया जाना।

“अपना मूँह ना छिपा....हमारी पीड़ा”

अपना मुँह छिपा।

“मुँह छिपाना नजरअंदाज करना है”

हमारा दुःख और सताया जाना भूल जाता है

"तू यह भूल गया है कि लोग हमें पीड़ित करते हैं और हम पर अत्याचार करते हैं"