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अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज;

“अपने प्रकाश और ज्‍योती से मेरा मार्ग दर्शन कर”

पवित्र पर्वत

यह यरूशलम में पर्वत को दर्शाता है यहाँ मंदिर स्‍थापित था और इस प्रकार मंदिर खुद ही है।

तेरे निवास स्थान में

“तेरे रहने के स्‍थान में”

परमेश्‍वर के पास जो मेरे अति आनन्द का कुण्ड है;

“परमेश्‍वर जो कि मेरी महाँ खुशी है”