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उनहे… जो मेरे प्राण की खोज में हैं,
“कृप्या जो लोग मुझे मारना चाहते है वह निराश और लज्जित हो जायें ।”
जो मेरे प्राण की खोज में हैं,
“जो मुझे मारने की कोशिस कर रहे है”
उनहे....जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं
"कृप्या उन लोगों को शर्मिंदा और निराश कर जो मुझे मारने की कोशिश कर रहे हैं“
वे पीछे हटाए
“रोक दो”
उनहे....जो मुझसे, “आहा, आहा,” कहते हैं,
“जो मुझसे आहा-आहा कहते है अपनी ही लज्जा में अचंबित हो जायें”
वे अपनी लज्जा के मारे विस्मित हों
“मैं आस करता हूँ कि जब तू उनको लज्जित करेगा तो वो हैरान हो जाएँगे।”
जो मुझसे, “आहा, आहा,” कहते हैं,
“आहा-आहा” किसी का मजाक उड़ाते समय कहे जाने वाले शब्द “खिल्ली उड़ाना”