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मेरा अन्त ... मेरी आयु के दिन कितने हैं;

इन वाक्‍यांशो का सामान्‍य रूप में एक ही अर्थ है।

मैं जान लूँ कि कैसा अनित्य हूँ!

“मुझे दिखायो कि मेरा जीवन कितना छोटा है”

तूने मेरी आयु बालिश्त भर की रखी है।

“बस थोड़ा सा समय”

मेरा जीवनकाल तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं।

“मेरे जीवन की लंबाई मुशकिल से कुछ ही वकत की है”

सचमुच सब मनुष्य कैसे ही स्थिर क्यों न हों तो भी व्यर्थ ठहरे हैं।

मानवता के जीवन का समय इतना छोटा है जितना कि एक व्‍यक्‍ति का एक बार सांस लेना।