hi_tn/psa/037/025.md

731 B

धर्मी को त्यागा हुआ

“यहोवा धर्मी को त्‍यागा देगा”

धर्मी

“यह किसी खास आदमी को नही दर्शाता प्रंतू आम लोगो को”

टुकड़े माँगते

“भोजन के लिऐ भीख मांगना”

वह तो दिन भर

“वह हमेशा”

उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।

“उसके बच्‍चे लोगो को आशिश कै लिऐ बड़े होगे”

को छोड़

“ ऐसा करना छोड़ दो”