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तेरी करुणा कैसी अनमोल है!
"आपकी करुणा दुर्लभ गहनो की तरह मूल्यवान है"
मनुष्य तेरे शरण लेते हैं।
“लोग सुरक्षा को ढूँढेंगे”
मनुष्य तेरे पंखो के तले शरण लेते हैं।
"मानवता आपके साथ शरण लेती है जैसे युवा पक्षी अपनी माँ के पंखों के नीचे सुरक्षा चाहते हैं"
वे बहुतायत से तृप्त होंगे,
“तुँ उन्हे बहुतायत से तृप्त करेगा“
तेरे भवन के भोजन की बहुतायत से।
“आपकी बड़ी आशीषों के साथ"
तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा।
"आपका अनमोल आशीर्वाद एक नदी की तरह है जहाँ से आप उन्हें पीने देंगे"
जीवन का सोता
“जीवन का स्रोत”
तेरे प्रकाश के द्वारा हम प्रकाश पाएँगे।
“जब तू हमारी आँखे खोलेगा हम सच्चाई को जान लेंगे”