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सामन्‍य जानकारी

प्रत्येक वचन में दो पंक्‍तियाँ ऐसी हैं जिनके बहुत ही समान अर्थ होते हैं।

ढेर के समान

“जैसे कि बांध के पीछे”

वह गहरे सागर को अपने भण्डार में रखता है।

“वह सागरों को उनके स्‍थान पर रखता है, ठीक उसी तरह जैसे एक व्‍याकित अनाज को जमां घर में रकता है”

सारी पृथ्वी के

“हर कोई धरती के ऊपर रहने वाला”

उसका भय मानें!

“उसका सम्‍मान करो”

तब वास्तव में वैसा ही हो गया।

इस वाक्‍यांश का अर्थ “रचा गया था”, “मौजूदगी की शुरूआत “