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सामान्य जानकारी

हर कविता में दो पंक्‍तियाँ ऐसी होती हैं जिनके बहुत ही समान अर्थ होते हैं।

यहोवा का वचन सीधा है

“यहोवा हमेशाअपने वचनों के अनुसार काम करता है।”

वह धार्मिकता और न्याय से प्रीति रखता है;

“वह धर्म और न्‍याय करने वालों से प्रेम करता है”

यहोवा की करुणा से पृथ्वी भरपूर है।

“यहोवा की करुना का अनुभव पूरे संसार के उपर किया जा सकता है”

आकाशमण्डल यहोवा के वचन से बने।

“अपने शब्‍दों के उपयोग से यहोवा ने आकाशमण्‍डलों को बनाया”

उसके सारे गण उसके मुँह की \q श्‍वास से बने।

“यहा पर “श्‍वास” यहोवा के शब्‍दो को दरशाता है। “उसके वचन के द्वारा”